अहमदाबाद: कांग्रेस पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले स्व. अहमद पटेल जिस भरूच लोकसभा सीट से आते थे, वहां चुनाव से पहले सियासी घमासान मचा हुआ है. गुजरात और दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की घोषणा के 24 घंटे से भी कम समय में भरूच लोकसभा सीट पर गठबंधन का विरोध शुरू हो गया है. अहमद पटेल के बेटे फैजल अहमद ने इसे लेकर एक ट्वीट किया है.
पिछले महीने, आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने भरूच जिले का दौरा किया था और ऐसे राज्य में लोकसभा सीट के लिए चैतर वसावा को पहला उम्मीदवार घोषित किया था, जिससे कांग्रेस-आप गठबंधन की संभावना पर सवाल खड़े हो गए थे. आप विधायक चैतर वसावा को गुजरात के भावनगर और भरूच लोकसभा क्षेत्र की डेडयापाड़ा विधानसभा सीट से उमेश मकवाना को उम्मीदवार घोषित करते हुए राज्य का पहला उम्मीदवार घोषित किया गया.
सवाल ये है कि आखिर भरूच लोकसभा सीट पर सियासी घमासान क्यों मचा हुआ है. तो जवाब साफ है कि मौजूदा सांसद मनसुख वसावा के खिलाफ बीजेपी में असंतोष है. भरूच सीट पर आदिवासी, मुस्लिम और अनुसूचित जाति के मतदाताओं का ध्रुवीकरण गैर-भाजपा पार्टी की जीत का कारण बन सकता है. अंकलेश्वर जंबूसर, दहेज, विलायत, भरूच जिले के औद्योगिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है.
इसका राजनीतिक महत्व बढ़ गया है, क्योंकि भरूच लोकसभा सीट अब कई राष्ट्रीय परियोजनाओं का केंद्र है. एक समय के कांग्रेस प्रमुख और गांधी परिवार के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के बेटे फैसल अहमद ने शुक्रवार को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन के खिलाफ ट्वीट किया. फैसल पटेल ने ट्वीट कर I.N.D.I.A. गठबंधन के महत्व को स्वीकार किया है, लेकिन उन्होंने भरूच सीट पर अपना दावा ठोकते हुए कहा है कि कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन को उन्हें और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का समर्थन नहीं मिलेगा.
फैसल अहमद ने ट्वीट कर कहा कि भरूच में कांग्रेस मजबूत है. भरूच जिले में कांग्रेस के लिए जीतना आसान होगा. आप विधायक चैतर वसावा भरूच जिले की एकमात्र विधानसभा सीट देद्यापाड़ा हैं. इस प्रकार आप की ताकत जिले की मात्र एक सीट पर है. 2022 से आम आदमी पार्टी का ग्राफ नीचे आ गया है. मेरा मानना है कि भरूच लोकसभा सीट कांग्रेस को मिलनी चाहिए. अगर कांग्रेस को भरूच लोकसभा सीट नहीं मिली, तो मैं I.N.D.I.A. गठबंधन का समर्थन नहीं करूंगा.
उन्होंने आगे कहा कि 'एक महीने में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा गुजरात के आदिवासी इलाकों से होकर गुजरेगी. वहां कांग्रेस परिवार के सदस्य अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए कांग्रेस हाईकमान द्वारा तय किए गए I.N.D.I.A. गठबंधन को अस्वीकार कर कांग्रेस मोदी मंडल के खिलाफ चुनौती पैदा करते हैं.