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जीएसटी लागू होने के सात साल पूरे, पीएम मोदी बोले: 140 करोड़ भारतीयों का जीवन सुधारा - GST Completed Seven Years - GST COMPLETED SEVEN YEARS

देश में जीएसटी को लागू हुए सात साल होने वाले हैं. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सात साल की यात्रा की सराहना की. पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा कि जीएसटी से 140 करोड़ भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाया है.

Prime Minister Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो - ANI Photo)
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By ANI

Published : Jun 24, 2024, 6:01 PM IST

Updated : Jun 24, 2024, 8:23 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की सात साल की यात्रा की सराहना की. प्रधानमंत्री ने एक अखबार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट किया कि जीएसटी ने 140 करोड़ भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाया है. हमारे लिए सुधार 140 करोड़ भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने का एक साधन है. जीएसटी लागू होने के बाद घरेलू उपयोग की वस्तुएं काफी सस्ती हो गई हैं.

प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि जीएसटी लागू होने के बाद गरीबों और आम आदमी की बचत में वृद्धि हुई है, क्योंकि जीएसटी ने आटा, दही, डिटर्जेंट आदि जैसे विभिन्न घरेलू सामानों पर करों को कम कर दिया है. उन्होंने कहा कि 'इससे गरीबों और आम आदमी के लिए महत्वपूर्ण बचत हुई है. हम लोगों के जीवन को बदलने के लिए सुधारों की इस यात्रा को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 1 जुलाई को अपने सात साल पूरे कर लेगा, इसे 2017 में लागू किया गया था. इसके लागू होने के बाद आम आदमी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कई उत्पादों और सेवाओं पर टैक्स कम हो गया है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के अनुसार, जीएसटी के बाद कई रोजमर्रा की घरेलू वस्तुएं सस्ती हो गई हैं. इसमें आटा, टेलीविजन, डिटर्जेंट, हेयर ऑयल, साबुन आदि जैसी वस्तुएं शामिल हैं.

जीएसटी ने कई केंद्रीय और राज्य करों को एक कर में समाहित कर दिया है. इसने बड़े पैमाने पर कैस्केडिंग या दोहरे कराधान के दुष्प्रभावों को कम किया है और एक आम राष्ट्रीय बाजार के लिए रास्ता तैयार किया है. उपभोक्ताओं के दृष्टिकोण से, सबसे बड़ा लाभ वस्तुओं पर समग्र कर बोझ में कमी के संदर्भ में है.

जीएसटी के लागू होने से उत्पादन की मूल्य श्रृंखला में इनपुट करों के पूर्णतः समाप्त हो जाने के कारण भारतीय उत्पाद घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धी बन गए हैं. 22 जून को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की अगली बैठक अगस्त के मध्य से अंत तक संभावित रूप से निर्धारित है. जीएसटी परिषद ने भारतीय रेलवे द्वारा आम जनता को दी जाने वाली विशिष्ट सेवाओं के साथ-साथ अंतर-रेलवे लेनदेन के लिए छूट का प्रस्ताव रखा.

जीएसटी परिषद ने वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए डिमांड नोटिस पर ब्याज दंड माफ करने की सिफारिश की. यह धारा उन मामलों से संबंधित है, जिनमें धोखाधड़ी, दमन या गलत बयानी शामिल नहीं है. 31 मार्च, 2025 तक नोटिस में मांगी गई पूरी कर राशि का भुगतान करने वाले करदाताओं को इस छूट का लाभ मिलेगा. परिषद ने किसी भी चालान या डेबिट नोट पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाने के लिए विस्तार को मंजूरी दी.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की सात साल की यात्रा की सराहना की. प्रधानमंत्री ने एक अखबार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट किया कि जीएसटी ने 140 करोड़ भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाया है. हमारे लिए सुधार 140 करोड़ भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने का एक साधन है. जीएसटी लागू होने के बाद घरेलू उपयोग की वस्तुएं काफी सस्ती हो गई हैं.

प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि जीएसटी लागू होने के बाद गरीबों और आम आदमी की बचत में वृद्धि हुई है, क्योंकि जीएसटी ने आटा, दही, डिटर्जेंट आदि जैसे विभिन्न घरेलू सामानों पर करों को कम कर दिया है. उन्होंने कहा कि 'इससे गरीबों और आम आदमी के लिए महत्वपूर्ण बचत हुई है. हम लोगों के जीवन को बदलने के लिए सुधारों की इस यात्रा को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 1 जुलाई को अपने सात साल पूरे कर लेगा, इसे 2017 में लागू किया गया था. इसके लागू होने के बाद आम आदमी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कई उत्पादों और सेवाओं पर टैक्स कम हो गया है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के अनुसार, जीएसटी के बाद कई रोजमर्रा की घरेलू वस्तुएं सस्ती हो गई हैं. इसमें आटा, टेलीविजन, डिटर्जेंट, हेयर ऑयल, साबुन आदि जैसी वस्तुएं शामिल हैं.

जीएसटी ने कई केंद्रीय और राज्य करों को एक कर में समाहित कर दिया है. इसने बड़े पैमाने पर कैस्केडिंग या दोहरे कराधान के दुष्प्रभावों को कम किया है और एक आम राष्ट्रीय बाजार के लिए रास्ता तैयार किया है. उपभोक्ताओं के दृष्टिकोण से, सबसे बड़ा लाभ वस्तुओं पर समग्र कर बोझ में कमी के संदर्भ में है.

जीएसटी के लागू होने से उत्पादन की मूल्य श्रृंखला में इनपुट करों के पूर्णतः समाप्त हो जाने के कारण भारतीय उत्पाद घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धी बन गए हैं. 22 जून को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की अगली बैठक अगस्त के मध्य से अंत तक संभावित रूप से निर्धारित है. जीएसटी परिषद ने भारतीय रेलवे द्वारा आम जनता को दी जाने वाली विशिष्ट सेवाओं के साथ-साथ अंतर-रेलवे लेनदेन के लिए छूट का प्रस्ताव रखा.

जीएसटी परिषद ने वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए डिमांड नोटिस पर ब्याज दंड माफ करने की सिफारिश की. यह धारा उन मामलों से संबंधित है, जिनमें धोखाधड़ी, दमन या गलत बयानी शामिल नहीं है. 31 मार्च, 2025 तक नोटिस में मांगी गई पूरी कर राशि का भुगतान करने वाले करदाताओं को इस छूट का लाभ मिलेगा. परिषद ने किसी भी चालान या डेबिट नोट पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाने के लिए विस्तार को मंजूरी दी.

Last Updated : Jun 24, 2024, 8:23 PM IST
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