ETV Bharat / bharat

अल्मोड़ा बस एक्सीडेंट की ग्राउंड रिपोर्ट, ये सुरक्षा व्यवस्था मुकम्मल होती तो शायद नहीं होता हादसा

उत्तराखंड में अल्मोड़ा का बस हादसा काफी भयानक था. इस हादसे के पीछे कई खामियां सामने आ रही है. ईटीवी भारत पर देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

ALMORA BUS ACCIDENT
अल्मोड़ा बस हादसा ग्राउंड रिपोर्ट (फोटो- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 4, 2024, 4:02 PM IST

Updated : Nov 4, 2024, 4:08 PM IST

अल्मोड़ा: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मार्चुला बस हादसे में अब तक 36 लोगों की जान जा चुकी है. जबकि, कई लोग घायल हुए हैं. बताया जा रहा है कि इस बस में 50 से ज्यादा सवारी बैठे हुए थे. इस हादसे की असली वजह क्या थी? इसकी जांच की जा रही है, लेकिन प्रारंभिक तौर कुछ खामियां भी सामने आ रही है. माना जा रहा है कि अगर ये खामियां पहले ही दूर की जाती तो शायद ये हादसा नहीं होता. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने दुर्घटना स्थल पर जाकर ग्राउंड की हकीकत जानी.

पैराफिट और क्रैश बैरियर 'गायब': दरअसल, ईटीवी भारत की टीम उस जगह पर पहुंची, जहां से बस गहरी खाई में गिरी थी. ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आया कि जहां से बस खाई में गिरी थी, वहां पर ढलान और तीव्र मोड है. इसके अलावा सड़क सुरक्षा के नाम कोई पुख्ता इंतजामात नजर नहीं आए. हालांकि, चेतावनी के तौर पर एक बोर्ड जरूर लगाया है. जिस पर 'ऊपर चढ़ने वाले वाहनों को प्राथमिकता दें' लिखा नजर आया, लेकिन सड़क किनारे कोई भी पैराफिट और क्रैश बैरियर नहीं लगाया गया है.

अल्मोड़ा बस एक्सीडेंट की ग्राउंड रिपोर्ट (वीडियो- ETV Bharat)

माना जा रहा है कि अगर सड़क किनारे पैराफिट या क्रैश बैरियर होती तो शायद बस खाई में गिरने से बच जाती. यह बस तीव्र मोड़ पर अनियंत्रित होकर करीब 150 मीटर गहरी खाई में जा गिरी. ईटीवी भारत पर प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बस के अगले हिस्से में कुछ टूट गया था, जिससे बस अनियंत्रित हो गई और खाई में गिर गई. हालांकि, हादसे की असली वजह जांच के बाद ही आ पाएगी. फिलहाल, इस बस हादसे के मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

क्या था हादसा? जानकारी के मुताबिक, आज यानी 4 नवंबर की सुबह पौड़ी के गोलिखाल क्षेत्र से जीएमओयू यानी गढ़वाल मोटर्स ऑनर्स यूनियन लिमिटेड की बस संख्या UK 12 PA 0061 सवारियां भरकर रामनगर जा रही थी. जैसे ही बस अल्मोड़ा के सल्ट तहसील के मार्चुला के पास पहुंची, वैसे ही बस अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी. जिससे बस में सवार 36 लोगों की मौत हो गई है. जबकि, कई लोग बुरी तरह से घायल हो गए हैं.

कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और सांसद अजय भट्ट को झेलना पड़ा विरोध: उधर, बस हादसे में घायलों को उपचार के लिए रामनगर के सरकारी अस्पताल लाया गया. जहां सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर लोगों ने जमकर हंगामा किया. इतना ही नहीं घायलों का हाल जानने अस्पताल पहुंचे कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और सांसद अजय भट्ट को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा. लोगों का कहना था कि रामनगर के सरकारी अस्पताल को जल्द पीपीपी मोड से हटाकर जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाए.

ALMORA BUS ACCIDENT
पैराफिट और क्रैश बैरियर न होने से हादसा (फोटो- ETV Bharat)

वहीं, लैंसडाउन विधायक महंत दलीप रावत ने भी रामनगर अस्पताल की बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जनता के हित में पीपीपी मोड से हटाने के लिए मुख्यमंत्री से वार्ता करने की बात कही. मामले कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और सांसद अजय भट्ट का कहना है कि जनता के हितों को ध्यान में रखकर सरकार इस मामले में ठोस निर्णय लेगी. साथ ही कहा कि आज जो बस हादसे में घायल हुए हैं, उनके उपचार में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

ये भी पढ़ें-

अल्मोड़ा: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मार्चुला बस हादसे में अब तक 36 लोगों की जान जा चुकी है. जबकि, कई लोग घायल हुए हैं. बताया जा रहा है कि इस बस में 50 से ज्यादा सवारी बैठे हुए थे. इस हादसे की असली वजह क्या थी? इसकी जांच की जा रही है, लेकिन प्रारंभिक तौर कुछ खामियां भी सामने आ रही है. माना जा रहा है कि अगर ये खामियां पहले ही दूर की जाती तो शायद ये हादसा नहीं होता. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने दुर्घटना स्थल पर जाकर ग्राउंड की हकीकत जानी.

पैराफिट और क्रैश बैरियर 'गायब': दरअसल, ईटीवी भारत की टीम उस जगह पर पहुंची, जहां से बस गहरी खाई में गिरी थी. ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आया कि जहां से बस खाई में गिरी थी, वहां पर ढलान और तीव्र मोड है. इसके अलावा सड़क सुरक्षा के नाम कोई पुख्ता इंतजामात नजर नहीं आए. हालांकि, चेतावनी के तौर पर एक बोर्ड जरूर लगाया है. जिस पर 'ऊपर चढ़ने वाले वाहनों को प्राथमिकता दें' लिखा नजर आया, लेकिन सड़क किनारे कोई भी पैराफिट और क्रैश बैरियर नहीं लगाया गया है.

अल्मोड़ा बस एक्सीडेंट की ग्राउंड रिपोर्ट (वीडियो- ETV Bharat)

माना जा रहा है कि अगर सड़क किनारे पैराफिट या क्रैश बैरियर होती तो शायद बस खाई में गिरने से बच जाती. यह बस तीव्र मोड़ पर अनियंत्रित होकर करीब 150 मीटर गहरी खाई में जा गिरी. ईटीवी भारत पर प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बस के अगले हिस्से में कुछ टूट गया था, जिससे बस अनियंत्रित हो गई और खाई में गिर गई. हालांकि, हादसे की असली वजह जांच के बाद ही आ पाएगी. फिलहाल, इस बस हादसे के मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

क्या था हादसा? जानकारी के मुताबिक, आज यानी 4 नवंबर की सुबह पौड़ी के गोलिखाल क्षेत्र से जीएमओयू यानी गढ़वाल मोटर्स ऑनर्स यूनियन लिमिटेड की बस संख्या UK 12 PA 0061 सवारियां भरकर रामनगर जा रही थी. जैसे ही बस अल्मोड़ा के सल्ट तहसील के मार्चुला के पास पहुंची, वैसे ही बस अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी. जिससे बस में सवार 36 लोगों की मौत हो गई है. जबकि, कई लोग बुरी तरह से घायल हो गए हैं.

कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और सांसद अजय भट्ट को झेलना पड़ा विरोध: उधर, बस हादसे में घायलों को उपचार के लिए रामनगर के सरकारी अस्पताल लाया गया. जहां सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर लोगों ने जमकर हंगामा किया. इतना ही नहीं घायलों का हाल जानने अस्पताल पहुंचे कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और सांसद अजय भट्ट को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा. लोगों का कहना था कि रामनगर के सरकारी अस्पताल को जल्द पीपीपी मोड से हटाकर जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाए.

ALMORA BUS ACCIDENT
पैराफिट और क्रैश बैरियर न होने से हादसा (फोटो- ETV Bharat)

वहीं, लैंसडाउन विधायक महंत दलीप रावत ने भी रामनगर अस्पताल की बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जनता के हित में पीपीपी मोड से हटाने के लिए मुख्यमंत्री से वार्ता करने की बात कही. मामले कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और सांसद अजय भट्ट का कहना है कि जनता के हितों को ध्यान में रखकर सरकार इस मामले में ठोस निर्णय लेगी. साथ ही कहा कि आज जो बस हादसे में घायल हुए हैं, उनके उपचार में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

ये भी पढ़ें-

Last Updated : Nov 4, 2024, 4:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.