लखनऊ: परिवहन विभाग की तरफ से अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को आवागमन के दौरान बेहतर व्यवस्था उपलब्ध होगी. इसके लिए विभाग के अधिकारी सतर्क रहकर पूरी मुस्तैदी से अयोध्या में 200 किमी की परिधि में इण्टरसेप्टर वाहनों के साथ संवेदनशील स्थानों पर नजर रखेंगे. इस दौरान विशेष रूप से ओवरलोडिंग, ओवरस्पीडिंग एवं ड्रंकन ड्राइविंग पर विभागीय अधिकारी कार्रवाई करेंगे. प्रदेश के चार स्थानों से अयोध्या के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है. यह प्राण प्रतिष्ठा के बाद अगले दो माह तक चलता रहेगा.
भगवान राम की नगरी अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हो चुका है. परिवहन विभाग ने सुरक्षा को लेकर यहां पर खास इंतजाम किए थे. विभाग के जिन अधिकारियों को इंटरसेप्टर की जिम्मेदारी दी गई थी. वह अधिकारी सुरक्षा कर्मियों के साथ अयोध्या जाने वाले रूटों पर इंटरसेप्टर के साथ तैनात रहे. लगातार इंटरसेप्टर से वाहनों के आवागमन की निगरानी की जाती रही.
जिसको भी सहायता की आवश्यकता पड़ी इंटरसेप्टर पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें सहायता उपलब्ध कराई. वाहनों के एक पंक्ति में चलने के लिए भी इंटरसेप्टर से लगातार घोषणा की जाती रही. लखनऊ जोन के पास दो इंटरसेप्टर हैं. इसके अलावा अन्य छह जोन में कुल मिलाकर 12 इंटरसेप्टर मौजूद हैं. प्राण प्रतिष्ठा के दिन इंटरसेप्टर को इसी रूट की ड्यूटी पर लगाया गया था.
इन रूटों पर बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर: गोरखपुर-अयोध्या, प्रयागराज-अयोध्या, वाराणसी-अयोध्या, लखनऊ-अयोध्या मार्ग पर ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं/यात्रियों को आवागमन में समस्या न हो, इसी को ध्यान में रखकर दो माह के लिए परिवहन विभाग ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया है. आवश्यकतानुसार इसे आगे भी बढ़ाने की तैयारी है.
क्या कह रहे हैं अधिकारी: परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एल. वेंकटेश्वर लू ने बताया कि अयोध्या के लिए परिवहन विभाग और परिवहन निगम ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी. इसका प्राण प्रतिष्ठा के दिन लाभ मिला है. इस रूट पर वाहनों के आवागमन को लेकर इंटरसेप्टर तैनात की गई थी. कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई. चार रूट्स पर जो ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है उसे प्राण प्रतिष्ठा के बाद आगे दो माह तक जारी रखा जाएगा. इससे आवागमन में श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई दिक्कत न होने पाए.