नई दिल्ली : सरकार ने इस्लामी समूह हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) को गुरुवार को प्रतिबंधित संगठन घोषित करने के साथ ही उस पर प्रतिबंध लगा दिया. सरकार ने कहा कि इसका उद्देश्य जिहाद और आतंकवादी गतिविधियों के जरिए से वैश्विक स्तर पर इस्लामी देश और खिलाफत स्थापित करना है.
बता दें कि वैश्विक इस्लामी समूह एचयूटी 1953 में यरुशलम में बना था. इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि एचयूटी युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने में शामिल है. इसके अलावा यह आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन एकत्र करने में भी शामिल है.
Ministry of Home Affairs has declared Hizb-Ut-Tahrir (HuT) and all its manifestations and front organisations as terrorist organisations under the Unlawful Activities (Prevention) Act, 1967. pic.twitter.com/Fe6hISPClL
— ANI (@ANI) October 10, 2024
हिज्ब-उत-तहरीर विभिन्न सोशल मीडिया मंच के अलावा सुरक्षित ऐप का उपयोग कर और ‘दावाह’ (निमंत्रण) बैठक करके युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करके आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. अधिसूचना में कहा गया है कि HuT विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और सुरक्षित ऐप का उपयोग करके और भोले-भाले युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 'दावा' बैठकें आयोजित करके आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है.
गृह मंत्रालय ने कहा कि HuT एक ऐसा संगठन है जिसका उद्देश्य देश के नागरिकों को शामिल करके जिहाद और आतंकवादी गतिविधियों के माध्यम से लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को उखाड़ फेंककर भारत सहित दुनिया भर में इस्लामिक स्टेट और खिलाफत स्थापित करना है, जो देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है. अधिसूचना में समूह को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया. प्रतिबंध एचयूटी और उसके सभी रूपों और अग्रणी संगठनों पर प्रभावी होगा'
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