चेन्नई: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक दिन बाद तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन की वरिष्ठ डीएमके विधायक के पोनमुडी को उनके नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में फिर से शामिल करने की सिफारिश स्वीकार कर ली. इसके बाद आज दोपहर 3.30 बजे शपथ ग्रहण हुआ. इस समारोह में, पोनमुडी ने फिर से उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री के रूप में शपथ ली. तमिलनाडु के मंत्री शेखर बाबू, मा सुब्रमण्यम और उदयनिधि स्टालिन राजभवन तमिलनाडु में इस कार्यक्रम में शामिल हुए. इसके बाद एमके स्टालिन ने राज्यपाल को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का शुक्रिया अदा किया. अपने एक्स हैंडल में लिखा, 'तमिलनाडु के लोगों की ओर से, मैं संविधान के संरक्षक, सुप्रीम कोर्ट को समय पर हस्तक्षेप करने और संविधान की भावना को बनाए रखने और लोकतंत्र को बचाने के लिए धन्यवाद देता हूं. पिछले दशक में, लोगों ने भारत में लोकतंत्र का पतन, संघवाद का पतन और लोगों द्वारा चुनी गई संप्रभु सरकारों के कामकाज में बाधा डालने और सदियों पुरानी परंपराओं को दरकिनार करने के दुस्साहस देखे गए.'
स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा, लोकतंत्र को बचाने और संविधान को कायम रखने के लिए 2024 के चुनाव महत्वपूर्ण हैं. आइए हमारे गौरवशाली राष्ट्र को बर्बाद करने की धमकी देने वाली फासीवादी ताकतों द्वारा सत्ता के बेशर्म दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़ी मेहनत करें. इससे पहले, एमके स्टालिन ने आरएन रवि को पोनमुडी को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल करने और उन्हें तकनीकी शिक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित उच्च शिक्षा विषय आवंटित करने की सिफारिश की थी जो वर्तमान में पिछड़ा वर्ग मंत्री आरएस राजकन्नप्पन के पास है.
बता दें कि गुरुवार को शीर्ष अदालत ने रवि के आचरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी, क्योंकि उन्होंने पोनमुडी को उनकी पिछली सजा को निलंबित करने के बाद भी राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में फिर से शामिल करने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल को 24 घंटे के भीतर इस मुद्दे पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सिफारिश के बावजूद, राज्यपाल ने पोनमुडी को फिर से शामिल करने से इनकार कर दिया था, जिनकी आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषसिद्धि और तीन साल की सजा पर शीर्ष अदालत ने हाल ही में रोक लगा दी थी.