देहरादून: उत्तराखंड शासन ने सहस्त्रताल हादसे के मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए है. जिसके लिए गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडये को नामित किया गया है. इस हादसे में 9 ट्रेकर्स की मौत हुई थी. वहीं 13 ट्रेकर्स सहस्त्रताल में फंस गए थे, जिनका रेस्क्यू एयरपोर्ट की मदद से किया गया था.
बता दें कि कर्नाटक के बेंगलुरु का 22 सदस्यीय दल 29 मई को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित सहस्त्रताल ट्रेकिंग रूट पर गया था, जिसे सात जून को वापस आना था, लेकिन तीन जून को सहस्त्रताल से लौटते वक्त अचानक से मौसम खराब हो गया और भारी बर्फबारी के बीच करीब 80 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने लगी. इस बर्फीले तुफान में ट्रेकर्स रास्त भटक गए.
वहीं चार जून को जैसे ही प्रशासन को सहस्त्रताल ट्रेक पर ट्रेकर्स के फंसे होने की सूचना मिली तो रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. हालांकि तबतक 9 लोगों की मौत हो चुकी थी. प्रशासन ने देरी किए बिना वायुसेना की मदद ली और एयरफोर्स के चेतक और चीता हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया.
एयरफोर्स की मदद से एसडीआरफ की टीम ने सहस्त्रताल ट्रेक पर फंसे 13 ट्रेकर्स का सुरक्षित रेस्क्यू किया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. वहीं पांच जून को पांच ट्रेकर्स के शव भी बरामद कर नीचे लाए गए. हालांकि चार ट्रेकर्स के शव वहीं पर फंसे हुए थे, जिन्हें गुरुवार 6 जून को निकाला गया. सभी 9 शवों और सुरक्षित बचाए गए 13 ट्रेकर्स को हेलीकॉप्टर से देहरादून लाया गया. वहीं अब इस हादसे की सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए है, जिसके लिए गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडये को नामित किया गया है.
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