नई दिल्ली: मुंबई के घाटकोपर में होर्डिंग हादसे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे और ग्रेटर मुंबई नगर निगम ( BMC) को निर्देश दिया कि ये सुनिश्चित किया जाए कि रेलवे या नगर निगम के स्वामित्व वाली किसी भी भूमि पर कोई अप्रिय घटना न हो. सुप्रीम कोर्ट ने मानसून के दौरान सतर्क रहने को भी कहा है. इस मामले में होर्डिंग गिरने को लेकर बीएमसी और रेलवे आमने -सामने है.जस्टिस संजय कुमार और पीबी वराले की पीठ ने ग्रेटर मुंबई नगर निगम (एमसीजीएम) द्वारा दायर अर्जी से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश दिए. सुप्रीम कोर्ट अगले शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगा.
जस्टिस संजय कुमार और पीबी वराले की पीठ ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रेलवे या नगर निगम के स्वामित्व वाली किसी भी भूमि पर कोई अप्रिय घटना न हो, क्योंकि मानसून का मौसम आ गया है. एक वकील ने कहा कि घाटकोपर का मुद्दा अदालत के समक्ष नहीं था और घाटकोपर में जो अवैध होर्डिंग गिरा, वह रेलवे की जमीन पर नहीं था. एमसीजीएम की ओर से एक वकील ने तर्क दिया कि उनका मुवक्किल न केवल एमएमसीए के तहत बल्कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत भी कार्यों का निर्वहन कर रहा है, जिसका अन्य कानूनों पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है, और बताया कि रेलवे की भूमि पर कई अवैध होर्डिंग्स की पहचान की गई है. दलीलें सुनने के बाद पीठ ने मामले को एक सप्ताह बाद सुनवाई के सूचीबद्ध किया है.
बता दें कि, 13 मई को मुंबई के घाटकोपर में धूल भरी आंधी और बेमौसम बारिश के दौरान एक बड़ा होर्डिंग पास के पेट्रोल पंप पर गिर गया था जिससे 17 लोगों की मौत हो गई और 75 अन्य घायल हो गए थे. शीर्ष अदालत एमसीजीएम द्वारा उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि एमएमसीए की धारा 328 और 328ए के प्रावधान रेलवे भूमि पर रेलवे द्वारा लगाए गए होर्डिंग्स पर लागू नहीं होंगे.
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