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दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे गायत्री प्रजापति बलरामपुर अस्पताल में भर्ती

दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति तबीयत खराब होने पर उन्हें बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 15 hours ago

लखनऊ: दुष्कर्म के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की सेहत बिगड़ने पर उन्हें बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां वह प्राइवेट वार्ड में भर्ती हैं. सजायाफ्ता को प्राइवेट वार्ड देने को लेकर अस्पताल प्रशासन चुप्पी साधे हुए है. इसको लेकर मंगलवार को सारा दिन सोशल मीडिया पर अस्पताल प्रशासन की किरकिरी होती रही.


गायत्री प्रजापति को दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वह कई साल से जिला कारागार में बंद थे. बीते सप्ताह बीपी-शुगर व चक्कर आने की शिकायत पर जेल से उसे बलरामपुर अस्पताल भेजा गया था.

अस्पताल पर राजनैतिक दबाव होने की वजह से उसे प्राइवेट वार्ड आवंटित कर दिया गया. न्यू प्राइवेट वार्ड के कमरा नंबर 15 में वह भर्ती हैं. अस्पताल के फिजिशियन डॉ. विष्णु समेत अन्य डॉक्टरों की टीम उसके इलाज में लगी है.

कैदी को प्राइवेट वार्ड में भर्ती रखने को लेकर अस्पताल की किरकिरी हो रही है. वहीं, अस्पताल प्रशासन राजनrतिक दबाव होने की वजह से कुछ भी बोलने को राजी नहीं है. कुछ दिनों पहले गायत्री प्रजापति केजीएमयू में भी प्राइवेट वार्ड में भर्ती होकर इलाज कराया था.


केजीएमयू में मानसिक दिव्यांग मरीजों को मिलेगी पुनर्वास की सुविधा
लखनऊ: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में मानसिक रूप से दिव्यांग मरीजों को इलाज के साथ पुनर्वास की सुविधा भी मिलेगी. इसकी कवायद लगभग पूरी कर ली गई है. यह जानकारी केजीएमयू मानसिक स्वास्थ्य विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक अग्रवाल ने दी. वह मंगलवार को दिव्यांग दिवस पर मानसिक स्वास्थ्य विभाग में जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

डॉ. विवेक अग्रवाल ने कहा कि मानसिक रोगियों के ठीक होने के बाद उन्हें पुनर्वास की जरूरत होती है. अभी तक विभाग में कोई विशेषज्ञ मौजूद नहीं था. हाल ही में विशेषज्ञ ने नौकरी ज्वाइव की है. इससे मरीजों को इलाज संग पुनर्वास की सुविधा मुहैया कराने में मदद मिलेगी. डॉ. आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि मानसिक रोगियों को किसी से कमतर न आंके.

उनका मजाक न उड़ाएं. उन्हें बराबरी का मौका दें. समय पर मानसिक रोगियों का इलाज कराएं. समय पर इलाज से मरीज एकदम ठीक हो सकता है. उसके बाद मरीज के पुनर्वास के प्रति विचार करना चाहिए. कई बार देखने में आता है कि बीमारी ठीक होने के बावजूद समाज के कुछ लोग उसे स्वीकार नहीं करते हैं. इससे बचें.

दिव्यांग मरीजों के प्रति व्यव्हार ठीक रखें: कार्यक्रम में मौजूद रंगकर्मी अनिल रस्तोगी ने कहा कि दिव्यांग मरीजों के प्रति सभी का व्यवहार ठीक होना चाहिए. इससे मरीज के साथ उसके परिवारीजनों का मनोबल बढ़ता है. समाज के सभी लोग मानसिक रोगियों के प्रति विशेष सजग रहें. उन्हें समाज से अलग-थलग न करें. उन्होंने कहाकि दिव्यांगजनों के लिए तमाम सरकारी योजनाएं चल रही हैं. उनका इलाज जरूरतमंदों को मुहैया कराने में मदद करें.

ये भी पढ़ें- श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस: हाईकोर्ट ने मीडिया को संयम बरतने का निर्देश दिया, कहा- गलत रिपोर्टिंग कोर्ट की अवमानना

लखनऊ: दुष्कर्म के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की सेहत बिगड़ने पर उन्हें बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां वह प्राइवेट वार्ड में भर्ती हैं. सजायाफ्ता को प्राइवेट वार्ड देने को लेकर अस्पताल प्रशासन चुप्पी साधे हुए है. इसको लेकर मंगलवार को सारा दिन सोशल मीडिया पर अस्पताल प्रशासन की किरकिरी होती रही.


गायत्री प्रजापति को दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वह कई साल से जिला कारागार में बंद थे. बीते सप्ताह बीपी-शुगर व चक्कर आने की शिकायत पर जेल से उसे बलरामपुर अस्पताल भेजा गया था.

अस्पताल पर राजनैतिक दबाव होने की वजह से उसे प्राइवेट वार्ड आवंटित कर दिया गया. न्यू प्राइवेट वार्ड के कमरा नंबर 15 में वह भर्ती हैं. अस्पताल के फिजिशियन डॉ. विष्णु समेत अन्य डॉक्टरों की टीम उसके इलाज में लगी है.

कैदी को प्राइवेट वार्ड में भर्ती रखने को लेकर अस्पताल की किरकिरी हो रही है. वहीं, अस्पताल प्रशासन राजनrतिक दबाव होने की वजह से कुछ भी बोलने को राजी नहीं है. कुछ दिनों पहले गायत्री प्रजापति केजीएमयू में भी प्राइवेट वार्ड में भर्ती होकर इलाज कराया था.


केजीएमयू में मानसिक दिव्यांग मरीजों को मिलेगी पुनर्वास की सुविधा
लखनऊ: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में मानसिक रूप से दिव्यांग मरीजों को इलाज के साथ पुनर्वास की सुविधा भी मिलेगी. इसकी कवायद लगभग पूरी कर ली गई है. यह जानकारी केजीएमयू मानसिक स्वास्थ्य विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक अग्रवाल ने दी. वह मंगलवार को दिव्यांग दिवस पर मानसिक स्वास्थ्य विभाग में जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

डॉ. विवेक अग्रवाल ने कहा कि मानसिक रोगियों के ठीक होने के बाद उन्हें पुनर्वास की जरूरत होती है. अभी तक विभाग में कोई विशेषज्ञ मौजूद नहीं था. हाल ही में विशेषज्ञ ने नौकरी ज्वाइव की है. इससे मरीजों को इलाज संग पुनर्वास की सुविधा मुहैया कराने में मदद मिलेगी. डॉ. आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि मानसिक रोगियों को किसी से कमतर न आंके.

उनका मजाक न उड़ाएं. उन्हें बराबरी का मौका दें. समय पर मानसिक रोगियों का इलाज कराएं. समय पर इलाज से मरीज एकदम ठीक हो सकता है. उसके बाद मरीज के पुनर्वास के प्रति विचार करना चाहिए. कई बार देखने में आता है कि बीमारी ठीक होने के बावजूद समाज के कुछ लोग उसे स्वीकार नहीं करते हैं. इससे बचें.

दिव्यांग मरीजों के प्रति व्यव्हार ठीक रखें: कार्यक्रम में मौजूद रंगकर्मी अनिल रस्तोगी ने कहा कि दिव्यांग मरीजों के प्रति सभी का व्यवहार ठीक होना चाहिए. इससे मरीज के साथ उसके परिवारीजनों का मनोबल बढ़ता है. समाज के सभी लोग मानसिक रोगियों के प्रति विशेष सजग रहें. उन्हें समाज से अलग-थलग न करें. उन्होंने कहाकि दिव्यांगजनों के लिए तमाम सरकारी योजनाएं चल रही हैं. उनका इलाज जरूरतमंदों को मुहैया कराने में मदद करें.

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