जयपुर: संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव प्रकरण में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान हाईकोर्ट से क्लीन चिट मिली गई है. एसओजी की विस्तृत रिपोर्ट में माना कि शेखावत के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. इसके बाद जस्टिस अरुण मोंगा की बेंच ने आदेश पारित करते हुए कहा कि रिपोर्ट के आधार पर कोई मामला नहीं बनता है. क्लीन चिट मिलने पर शेखावत ने कहा कि सत्य की जीत हुई है. पूर्व सीएम ने पुत्र की पराजय से उपजी मानसिकता के कारण झूठ का षड्यंत्र खड़ा किया था, लेकिन अंततः सत्य उद्घाटित होता है.
गहलोत पर साधा निशाना: शेखावत ने कहा कि सत्य को बादलों के आडंबर से ढकने की कोशिश की जा सकती है, लेकिन अंततः सत्य उद्घाटित होता है. राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए झूठ का षड्यंत्र खड़ा किया गया. शेखावत में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाने पर लेते हुए कहा कि अपने पुत्र की पराजय के कारण उपजी मानसिकता से झूठे प्रकरण में मुझे घसीटने को कोशिश की गई. आज एक बार फिर सत्य की जीत हुई है. कोर्ट के आदेश से कुत्सित मानसिकता वाले लोगों के मुंह पर तमाचा लगा है. उन्होंने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं. झूठे षड्यंत्र के जरिए परेशान करने की कोशिश की गई, लेकिन आज न्यायालय का निर्णय उन तमाम लोगों के मुंह पर तमाचा है, जो इस तरह का झूठा षड्यंत्र रच रहे थे.
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कोर्ट का एसओजी से सवाल: दरअसल, गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर याचिका में एफआईआर के साथ-साथ जांच को भी रद्द करने को लेकर मांग की गई थी. गत 17 सितंबर को जस्टिस अरुण मोंगा की बेंच ने मामले में अंतिम आदेश पारित करते हुए एसओजी को इस सवाल का जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया कि ‘क्या एसओजी गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने का इरादा रखता है. मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की ओर से एक विस्तृत रिपोर्ट दायर की गई, जिसमें कहा गया कि गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है और कंपनियों में निदेशक के रूप में उनके इस्तीफे के बाद किए गए कृत्यों के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
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ऐसे में कोर्ट ने आदेश पारित करते हुए निर्देश दिया कि एसओजी द्वारा प्रस्तुत की गई विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर याचिकाकर्ता गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है. एडवोकेट आदित्य विक्रम सिंह ने जानकारी दी कि कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि एसओजी ट्रायल कोर्ट से अनुमति लिए बिना शेखावत के खिलाफ आगे की जांच नहीं कर सकती है.