कोलकाता: ऐसा लगता है कि भाईचारा खत्म होने के कगार पर है. सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मो. सलीम ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रति 'नरम' रुख अपनाने के लिए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश की आलोचना की है. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ही नीतीश कुमार को बीजेपी को गिफ्ट किया है.
यह बिहार-पश्चिम बंगाल सीमा के पास कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वाहन पर हमले के मद्देनजर आया है. हालांकि बनर्जी ने हमले के पीछे उनकी पार्टी का हाथ होने के आरोपों का जोरदार खंडन किया है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से कांग्रेस ने टीएमसी सुप्रीमो के नाराज होने के डर से बनर्जी पर हमला नहीं बोला है. चूंकि सबसे पुरानी पार्टी और वामपंथी एकजुट होकर चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए सेलिम की कांग्रेस पर आलोचना से सभी अनजान हैं.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर क्रोधित होते हुए सेलिम ने पूछा, 'आप किसके बारे में बात कर रहे हैं? अब तक हमने 'जय श्री राम' के नारे सुने हैं. अब श्री को हटाकर कहें 'लोभी जयराम'. बंगाल का भविष्य यहां के लोग तय करेंगे. कोई जय राम या जय श्री राम नहीं बोलेगा.'
मो. सलीम ने कहा,'मैंने बीरभूम में राहुल गांधी से मुलाकात की और उनकी यात्रा का स्वागत किया. मैं असम में बाधाओं का सामना कर रहे मार्च को समझ सकता हूं जहां सीएम एक पूर्व कांग्रेसी हैं लेकिन मैंने कभी पश्चिम बंगाल में इसकी पुनरावृत्ति की उम्मीद नहीं की थी. ममता बनर्जी अपने भतीजे (अभिषेक बनर्जी) को बचाने के लिए अलोकतांत्रिक तरीकों का सहारा ले रही हैं. महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के साथ सहयोग नहीं किया, अब ममता भाजपा के आदेश पर यात्रा के प्रति उदासीन हो रही हैं.'
टीएमसी और ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए सेलिम ने कहा, 'वह दिल्ली की बैठक में शामिल क्यों नहीं हुईं? यह बीजेपी के खिलाफ एक मंच था. हाल ही में वर्चुअल मीटिंग में शामिल न होकर उन्होंने कांग्रेस और सीपीआई (एम) का विरोध किया था. हम नीति पर जोर दे रहे हैं, लेकिन वह नामों को लेकर ज्यादा जुनूनी हैं.' नीतीश कुमार को I.N.D.I.A.गठबंधन का संयोजक माना जाता था लेकिन वह(ममता) वही थीं जिन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सुझाया था.
उन्होंने कहा कि यह ममता ही हैं जिन्होंने नीतीश को उपहार दिया है जिस तरह उन्होंने गुजरात को नैनो का तोहफा दिया, ठीक उसी तरह बीजेपी को भी. गौरतलब है कि बनर्जी ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि पार्टी लोकसभा चुनाव में 40 सीटें जीतने में भी सक्षम नहीं है. उन्होंने ने पार्टी पर अहंकारी होने और गठबंधन तोड़ने का भी आरोप लगाया था.