नई दिल्ली/नोएडाः रेव पार्टी आयोजित करने और उसमें सांपों का जहर सप्लाई करने के मामले में सोशल मीडिया पर सांपों के साथ एल्विश के वायरल वीडियो और जयपुर से आई एफएसएल रिपोर्ट ने मशहूर यूट्यूबर को जेल पहुंचा दिया. नोएडा पुलिस ने एफएसएल की रिपोर्ट और फाजिलपुरिया के साथ बनाए गए वीडियो को आधार बनाया और एनडीपीएस की धाराओं में बढ़ोतरी करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया.
साथ ही सपेरों से जुड़े कई लोगों के साथ ऑडियो भी उसकी गिरफ्तारी का मुख्य कारण बना. एफएसएल रिपोर्ट, सांपों के साथ वीडियो और सपेरों के साथ वायरल ऑडियो का साक्ष्य जब नोएडा पुलिस ने संबंधित न्यायालय के समक्ष पेश किया तो इससे मुकदमा और मजबूत हुआ. पुलिस का मानना है कि उसके पास एल्विश के खिलाफ पर्याप्त सबूत है.
नोटिस भेजने से पहले ही पुलिस ने लिखी थी गिरफ्तारी की स्क्रिप्टः एल्विश को पूछताछ के लिए नोएडा पुलिस ने बीते आठ मार्च को नोटिस भेजा था. रविवार सुबह साढ़े 11 बजे के करीब वह नोएडा पहुंचा और खुद ही थाना सेक्टर-113 एरिया में होने की जानकारी पुलिस को दी. उसे अंदाजा नहीं था कि जिसे वह महज एक पूछताछ समझ रहा है, वही उसे जेल भी पहुंचा सकती है. एल्विश को गिरफ्तारी की आशंका नहीं थी, ऐसे में वह अपने साथियों को तो साथ लाया, पर अधिवक्ताओं को बुलाना भूल गया.
सुबह करीब साढ़े 11 बजे सेक्टर-73 स्थित सुन्दर फार्म हाउस पहुंचा. इसके बाद पुलिस की एक टीम पूछताछ करने फार्म हाउस गई. थोड़ी देर पूछताछ करने के बाद नोएडा पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि किसी चौकी या थाने पर पूछताछ करना ज्यादा उचित रहेगा. इस पर एल्विश और उसके साथी राजी नहीं हुए. जब पुलिस ने कड़ाई दिखाई तो वह थाना सेक्टर 20 की सेक्टर-29 चौकी पर पूछताछ करने के लिए राजी हो गया.
यहीं से उसे पूछताछ के बाद पुलिस ने हिरासत में लिया. पुलिस जब उसे मेडिकल के लिए जिला अस्पताल ले गई, तो उसके चेहरे पर डर नहीं था. यहां जैसे ही एल्विश के साथी ने बताया कि वह गिरफ्तार हो सकता है तो उसके चेहरे पर उदासी छा गई.
गिरफ्तारी की पटकथा काफी पहले से थी तैयारः नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव की गिरफ्तारी की पटकथा काफी पहले तैयार कर ली थी. जैसे ही वह नोएडा आया पुलिस को गिरफ्तारी का लिंक भी मिल गया. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की बात इसलिए गोपनीय रखी ताकि भारी संख्या में उसके चाहने वाले नोएडा पहुंचकर हंगामा न कर दें.
पुलिस को इस बात की आशंका थी कि जैसे ही उसकी गिरफ्तारी की बात फैलेगी दिल्ली-एनसीआर के उसके हजारों चाहने वाले उससे मिलने पहुंच जाएंगे. पुलिस ने इस पूरे ऑपरेशन को बहुत गुपचुप तरीके से अंजाम दिया. जब उसे न्यायिक हिरासत में भेजने की घोषणा हुई तब अधिकारियों ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की. और कड़ी सुरक्षा के बीच प्राइवेट कार से ले जाकर उसको जेल छोड़ा गया.
इस तरह से घिरता गया एल्विशः एल्विश के खिलाफ मिले प्रमाण और सबूतों का संकलन पुलिस ने गिरफ्तारी के पहले से ही कर ली थी. एफएसएल रिपोर्ट भी पुलिस साथ ले गई. वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत देश भर में दर्जनों मुकदमों का भी पुलिस की टीम ने अध्ययन किया था. कोर्ट में यही मुकदमा की ताकत बनी. जब पुलिस की टीम एल्विश यादव को लेकर सूरजपुर कोर्ट पहुंची और वहां अपना पक्ष रखा तो एल्विश के वकील का तर्क काम नहीं आया.
पुलिस ने सभी साक्ष्यों और एफएसएल रिपोर्ट को कोर्ट के सामने रखकर अपील की थी कि एल्विश यादव का बाहर रहना वन्य जीव के लिए खतरनाक है. बाहर रहकर यह साक्ष्यों के साथ खिलवाड़ भी कर सकता है. उस पर पुलिस ने मूल कर्तव्यों का पालन न करने का भी आरोप लगाया. पूरे साक्ष्यों को देखने और पुलिस की दलीलें सुनने के बाद एल्विश को जेल भेजने का आदेश हुआ.
वीडियो के चलते फाजिलपुरिया की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैः पहली बार पूछताछ हुई थी तो उसने बताया था कि जिस वीडियो में वह सांपों के साथ खेल रहा है, वह सिंगर फाजिलपुरिया की ओर से दी गई पार्टी के है. मुकदमे में पुलिस ने फाजिलपुरिया और एल्विश के वीडियो को ही आधार बनाया. इसमें दोनों ही सांप के साथ है. देखे जा सकते है. एल्विश पहले ही बता चुका है, ये वीडियो फाजिलपुरिया के शूट का है. इसलिए फाजिलपुरिया को नोटिस जारी कर उसे पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. घटनाक्रम आगे काफी लंबा हो सकता है. इसके चलते पुलिस संभल कर कदम रख रही है. व,हीं अधिकारियों का यह भी कहना है कि एल्विश को रिमांड पर लेने की कार्रवाई जल्द शुरू होगी.
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