शिवमोगा: केंद्र सरकार के पौधा किस्म और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (PPVFRA) ने कर्नाटक के मलनाड क्षेत्र में पीले रुद्राक्षी, लाल रुद्राक्षी, लाल (RTB) और नारंगी (RPN) रंग के कटहल की किस्मों को पंजीकृत किया है. ये कटहल एक अनूठा स्वाद और सुगंध के साथ चीनी और गुड़ की मिठास को टक्कर देते हैं. प्राधिकरण (पीपीवीएफआरए) ने कटहल के इन प्रजातियों के लिए पंजीकरण का प्रमाण पत्र जारी किया.
शिवमोग्गा के केलाडी शिवप्पा नायक कृषि एवं बागवानी विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से इन दुर्लभ एवं लुप्तप्राय किस्मों को संरक्षित करने तथा उत्पादकों को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए 3-4 वर्षों तक अध्ययन किया. उसके बाद पूरी जानकारी पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (PPVFRA) को सौंप दी गई.
इस संस्थान द्वारा नियुक्त वैज्ञानिकों की टीम ने दो बार साइट का दौरा किया और विस्तृत जानकारी एकत्र की. फिर पंजीकरण के लिए अनुशंसा की. इसके बाद पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण ने शिवमोगा में हर कटहल उत्पादक के पास आकर उनसे जानकारी एकत्र की और प्रमाण पत्र वितरित किए. होसनगर तालुक के बारुवे गांव के अनंतमूर्ति जावली इस दुर्लभ किस्म को बचाने में जुटे हैं.
वह इसकी खेती करते हैं. उन्होंने पीले रुद्राक्षी-जेएआर कटहल को संरक्षित किया है. होसनगर तालुक के वरकोडु के देवराज कांतप्पा गौड़ा ने लाल रुद्राक्षी-डीएसवी किस्म को संरक्षित किया है. सागर तालुक के आनंदपुर के प्रकाशनायक ने नारंगी रुद्राक्षी कटहल-आरपीएन किस्म को संरक्षित किया है. सागर तालुक के मनकाले गांव के राजेंद्र भट लाल कटहल-आरटीबी को संरक्षित और इसे उगा रहे हैं. प्राधिकरण द्वारा जारी प्रमाण पत्र उन सभी को वितरित किया गया.
कटहल की चार किस्मों की विशेषताएं:
1. पीली रुद्राक्षी - (JAR (REG/2022/0144): इस कटहल के पेड़ का आकार पिरामिडनुमा होता है. पेड़ के सभी हिस्से फल देने में सक्षम हैं. आप कम वर्षा वाले क्षेत्रों में 4 साल और अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में 6 साल में फल उगा सकते हैं. यह किस्म के फल पेड़ पर फल गुच्छों में होते हैं. यह किस्म जल्दी फल देती है और अधिक दिनों तक उपज दे सकती है.
इसकी मार्च से अगस्त तक कटाई की जा सकती है. बरसात के मौसम में भी फलों में पानी की मात्रा अधिक नहीं होती. फलों में मोम कम होता है और 1.5 से 2 किलो के छोटे फल लगते हैं. फलों का गूदा (गुच्छे) गहरे पीले रंग का होता है. प्रति किलोग्राम 20 गुच्छे होते हैं. इसका गूदा मोटा होता है. प्रत्येक पेड़ प्रति वर्ष 300 फल देने में सक्षम हैं. प्रति एकड़ 180 क्विंटल उपज प्राप्त की जा सकती है. गूदे बहुत मीठे होते हैं. आपको 70फीसदी गूदे मिल सकते हैं और बीज छोटे आकार के होते हैं.
2. नारंगी रुद्राक्षी -(RPN (REG/2022/0145): इस पेड़ का आकार भी पिरामिडनुमा होता है. पेड़ के सभी हिस्सों पर फल लग सकते हैं. कम वर्षा वाले क्षेत्रों में 4 साल में फल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं. अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में यह सितंबर से मई के महीने में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं. फलों में अखाद्य पदार्थ कम होता है. प्रत्येक फल का वजन 15 किलो होता है. फलों के गूदे नारंगी रंग के होते हैं. प्रति किलोग्राम में 10 से 12 गूदे होते हैं. प्रत्येक पेड़ से प्रति वर्ष 25 से 35 फल मिल सकते हैं. इसकी उपज क्षमता 250 क्विंटल प्रति एकड़ है.
3. लाल रुद्राक्षी- (डीएसवी आरईजी/2022/0146): पेड़ पिरामिड आकार में बढ़ता है और पेड़ के सभी हिस्सों में आकर्षक फल पाए जाते हैं. पेड़ पर फल गुच्छों में होते हैं. यह मई-जून के महीने में कटाई के लिए तैयार हो जाता है. फल गूदे से भरे होते हैं और आकार में छोटे होते हैं. प्रत्येक फल का वजन 3 किलोग्राम होता है. फलों का छिलका बहुत चिकना होता है. फलों के गुच्छे लाल रंग के आकर्षक होते हैं. प्रति किलोग्राम 15 से 16 गूदे होते हैं. प्रत्येक पेड़ पर प्रति वर्ष 100 से 125 फल लगते हैं. इसकी उपज क्षमता 120 क्विंटल प्रति एकड़ है. गूदे बहुत मीठे होते हैं.
4. लाल-आरटीबी -(REG/2022/0147) : इस पेड़ का आकार पिरामिड जैसा होता है. पेड़ के सभी हिस्सों पर आकर्षक फल लगते हैं. यह मार्च से जून तक कटाई के लिए तैयार हो जाता है. फलों में मोम कम होता है. इस किस्म के फलों में बरसात के मौसम में भी पानी की मात्रा कम होती है. फलों का आकार बड़ा होता है और प्रत्येक फल का वजन 10 से 15 किलोग्राम होता है. फल के गुच्छे लाल रंग के होते हैं और प्रति किलोग्राम 20 से 30 गुच्छे होते हैं. गूदे थोड़े सख्त और बहुत मीठे होते हैं. प्रत्येक पेड़ पर प्रति वर्ष 50 से 75 फल लगते हैं. इसकी उपज क्षमता 200 क्विंटल प्रति एकड़ है. फल अच्छी गुणवत्ता के होते हैं. लंबे समय तक संग्रहीत किया जा सकता है.
अनंतमूर्ति जावली ने ईटीवी भारत से अपनी खुशी साझा करते हुए बताया कि उनके पीले रुद्राक्षी कटहल को पहचान मिली है. उन्होंने कहा, 'इस फल के पेड़ को हमारी मां ने उगाया है. कहावत है कि अगर आप अच्छा फल खाते हैं, तो आपको उसे उगाना चाहिए. इसे मेरी मां ने उगाया है. यह पीले रंग का रुद्राक्षी कटहल है. इसके हजारों पौधे लगाए गए हैं और कुछ लोग उन्हें उठा ले गए हैं. इसकी खूबी यह है कि इसमें गुच्छे अधिक होते हैं. इस कटहल में कोई भाग नहीं होता है. बारिश के मौसम में कटहल की मिठास कम हो जाती है लेकिन रुद्राक्षी कटहल बारिश के मौसम में भी अपनी मिठास नहीं खोता है. यह पेड़ में गुच्छे की तरह आकार में छोटा होता है.