जयपुर. जयपुर संसदीय सीट के हवामहल विधानसभा क्षेत्र निवासी सम्राट परिवार जो न सिर्फ पारिवारिक एकता, सद्भाव और बंधन का एक अनूठा उदाहरण है, बल्कि इस परिवार की पांच में से चार पीढ़ियों ने शुक्रवार एक साथ मतदान कर मिसाल पेश की. वहीं, जयपुरवासियों ने परिवार को लोकतंत्र के इस महापर्व का हिस्सा बनते देखा. संयुक्त परिवार भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है, जिसने लोकतंत्र के इस महायज्ञ में अपने मतदान की आहुति देते हुए समाज को एक संदेश दिया.
देश की सरकार बनाने के लिए जरूरी है मतदान : जयपुर के परकोटा क्षेत्र निवासी सम्राट परिवार जिसकी एक नहीं, दो नहीं, बल्कि चार पीढ़ियों ने लोकतंत्र की आत्मा कहे जाने वाले मतदान का प्रयोग किया. घर की सबसे बुजुर्ग 98 वर्षीय किरण देवी ने करीब 7 दिन पहले निर्वाचन विभाग की ओर से उपलब्ध कराई गई व्यवस्था का हिस्सा बनते हुए होम वोटिंग की थी. साथ ही अपने परिवार को शुक्रवार को मतदान केंद्र तक पहुंचकर वोट डालने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने बताया कि बच्चों को यही बताया कि सभी कामों को छोड़कर वो सबसे पहले वोट करें, क्योंकि ये देश की सरकार बनाने के लिए बहुत जरूरी है. कोई भी काम इससे ज्यादा जरूरी नहीं हो सकता है.
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पहले मतदान फिर कोई काम : वहीं, इसी घर की अगली पीढ़ी शारदा देवी और ज्योत्सना ने बताया कि उन्हें पारिवारिक शादी में अजमेर जाना है, लेकिन मतदान को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने पहले परिवार के साथ जाकर मतदान किया और अब अजमेर के लिए रवाना होंगे. दूसरी पीढ़ी के सबसे बड़े रमेश सम्राट (गुजराती) ने बताया कि लोकतंत्र में वोट देना आमजन की सबसे पहली प्राथमिकता है. सभी लोगों को सारे काम छोड़कर सबसे पहले वोट देना चाहिए. उन्होंने बताया कि माता जी ने होम वोटिंग किया था. उनकी बड़ी भाभी 75 वर्ष की है, उनको भी वोट डालने के लिए अपने साथ लेकर के गए थे. परिवार की ओर से वोट डालकर बस यही संदेश दिया गया कि ज्यादा से ज्यादा मतदान करें और प्राथमिकता पर मतदान करें.
वहीं, घर की तीसरी पीढ़ी में शामिल साधना ने बताया कि उनके पति सरकारी कर्मचारी हैं, जो मतदानकर्मी के तौर पर अपनी सेवाएं देते हुए अपना फर्ज निभा रहे हैं. ऐसे में वोट डालना न सिर्फ उनका अधिकार है, बल्कि उनका कर्तव्य भी है. जिसका वो पालन कर रही हैं. इस परिवार की चौथी पीढ़ी में 18 से 24 साल के युवा और फर्स्ट टाइम वोटर भी हैं. इन्हीं में से एक डब्बू ने बताया कि बड़ों ने यही संस्कार दिए कि कोई भी काम हो उसे छोड़कर पहले वोट डालना चाहिए.
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वहीं, आने वाली सरकार से यही अपेक्षा है कि ज्यादा से ज्यादा नौकरियां दें. देश के लिए बेहतर काम करें और महंगाई कम करें, जबकि हिमांशु ने बताया कि उनका परिवार पांच पीढ़ियों का है. इसमें से चार पीढ़ी वोटर है और गर्व महसूस होता है कि घर के बड़े-बुजुर्ग आज भी वोट डालने के लिए आगे रहते हैं. अपने ननिहाल आए यश ने बताया कि परिवार के सभी सदस्य एक साथ वोट डालने जाते रहे हैं. पहले परिवार को एक ही जगह इकट्ठा करते हैं और फिर वोट डालने जाते हैं. इस बार उन्हें भी परिवार के साथ वोट डालने का मौका मिला है, ऐसे में वो भी काफी उत्साहित थे.
बहरहाल, इस परिवार में फर्स्ट टाइम वोटर से लेकर बुजुर्ग तक 24 वोटर हैं और कुछ ऐसे बच्चे भी हैं, जो अगली बार वोट देंगे. भारतीय संस्कृति से जुड़े इस तरह के संयुक्त परिवार न सिर्फ लोकतंत्र के इस महापर्व को और खूबसूरत बनाते हैं, बल्कि लोगों को प्रेरित भी करते हैं.