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पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन - Buddhadeb Bhattacharjee passes away - BUDDHADEB BHATTACHARJEE PASSES AWAY

Former Bengal chief minister Buddhadeb Bhattacharjee passes away: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और सीपीएम नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य का आज सुबह निधन हो गया. 80 वर्षीय दिग्गज नेता लंबे समय से बीमार थे.

Buddhadeb Bhattacharjee
पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 8, 2024, 10:47 AM IST

Updated : Aug 8, 2024, 11:45 AM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और सीपीएम नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य का गुरुवार सुबह बीमारी के बाद यहां उनके आवास पर निधन हो गया. वे 80 वर्ष के थे. वह कुछ समय से अस्वस्थ थे और सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे, जिसके कारण उन्हें बार-बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ता था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बुद्धदेव ने आज सुबह नाश्त किया और उसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई.

जानकारी के अनुसार उनका पार्थिव शरीर फिलहाल पाम एवेन्यू स्थित दो कमरों के फ्लैट में रखा गया है. बुद्धदेव के निधन बाद माकपा राज्य नेतृत्व उन्हें श्रद्धांजलि देने को लेकर चर्चा करेंगे. उनकी अंतिम यात्रा में दिल्ली के नेताओं की भी भूमिका होगी. बुद्धदेव पोलित ब्यूरो के सदस्य थे.

बंगाल में वाम मोर्चे के 34 साल के शासन के दौरान, भट्टाचार्य दूसरे और अंतिम सीपीएम मुख्यमंत्री थे. वह वर्ष 2000 से 2011 तक लगातार 11 साल तक पद पर रहे. भट्टाचार्य को 29 जुलाई 2023 को कई बीमारियों के चलते कोलकता के अलीपुर में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनका निमोनिया का इलाज चल रहा था और उन्हें वेंटिलेशन पर रखा गया था. पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ट्वीट किया, 'उनके परिवार के सदस्यों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं. मैं प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले.'

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल निमोनिया होने के बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखना पड़ा था. भट्टाचार्य, सीपीएम की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था पोलित ब्यूरो के पूर्व सदस्य भी थे. उन्होंने 2000 से 2011 तक बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. इस शीर्ष पद पर ज्योति बसु का स्थान लिया. भट्टाचार्य ने 2011 के राज्य चुनावों में सीपीएम का असफल नेतृत्व किया, जब ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की. बुद्धदेव भट्टाचार्य का जन्म वर्ष 1944 में उत्तर कोलकाता में हुआ था. उन्होंने कोलकाता के प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी कालेज से पढ़ाई की थी.

पद्म भूषण सम्मान लेने से किया था इन्कार

बुद्धदेव भट्टाचार्य ने पद्म भूषण लेने से इनकार कर दिया था. मोदी सरकार द्वारा उन्हें यह सम्मान प्रदान करने का फैसला लिया गया था. बुद्धदेव भट्टाचार्य ने मोदी सरकार के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया था. वह नहीं चाहते थे कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनें. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले 1992 में सीपीआई(एम) नेता ई.एम.एस. नंबूदरीपाद ने नरसिंह राव सरकार से पद्म विभूषण लेने से मना कर दिया था. इसी तरह जनवरी 2008 में मार्क्सवादी दिग्गज ज्योति बसु ने मनमोहन सिंह सरकार से भारत रत्न लेने से मना कर दिया था.

ये भी पढ़ें- प.बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को अस्पताल से छुट्टी मिली

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और सीपीएम नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य का गुरुवार सुबह बीमारी के बाद यहां उनके आवास पर निधन हो गया. वे 80 वर्ष के थे. वह कुछ समय से अस्वस्थ थे और सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे, जिसके कारण उन्हें बार-बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ता था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बुद्धदेव ने आज सुबह नाश्त किया और उसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई.

जानकारी के अनुसार उनका पार्थिव शरीर फिलहाल पाम एवेन्यू स्थित दो कमरों के फ्लैट में रखा गया है. बुद्धदेव के निधन बाद माकपा राज्य नेतृत्व उन्हें श्रद्धांजलि देने को लेकर चर्चा करेंगे. उनकी अंतिम यात्रा में दिल्ली के नेताओं की भी भूमिका होगी. बुद्धदेव पोलित ब्यूरो के सदस्य थे.

बंगाल में वाम मोर्चे के 34 साल के शासन के दौरान, भट्टाचार्य दूसरे और अंतिम सीपीएम मुख्यमंत्री थे. वह वर्ष 2000 से 2011 तक लगातार 11 साल तक पद पर रहे. भट्टाचार्य को 29 जुलाई 2023 को कई बीमारियों के चलते कोलकता के अलीपुर में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनका निमोनिया का इलाज चल रहा था और उन्हें वेंटिलेशन पर रखा गया था. पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ट्वीट किया, 'उनके परिवार के सदस्यों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं. मैं प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले.'

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल निमोनिया होने के बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखना पड़ा था. भट्टाचार्य, सीपीएम की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था पोलित ब्यूरो के पूर्व सदस्य भी थे. उन्होंने 2000 से 2011 तक बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. इस शीर्ष पद पर ज्योति बसु का स्थान लिया. भट्टाचार्य ने 2011 के राज्य चुनावों में सीपीएम का असफल नेतृत्व किया, जब ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की. बुद्धदेव भट्टाचार्य का जन्म वर्ष 1944 में उत्तर कोलकाता में हुआ था. उन्होंने कोलकाता के प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी कालेज से पढ़ाई की थी.

पद्म भूषण सम्मान लेने से किया था इन्कार

बुद्धदेव भट्टाचार्य ने पद्म भूषण लेने से इनकार कर दिया था. मोदी सरकार द्वारा उन्हें यह सम्मान प्रदान करने का फैसला लिया गया था. बुद्धदेव भट्टाचार्य ने मोदी सरकार के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया था. वह नहीं चाहते थे कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनें. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले 1992 में सीपीआई(एम) नेता ई.एम.एस. नंबूदरीपाद ने नरसिंह राव सरकार से पद्म विभूषण लेने से मना कर दिया था. इसी तरह जनवरी 2008 में मार्क्सवादी दिग्गज ज्योति बसु ने मनमोहन सिंह सरकार से भारत रत्न लेने से मना कर दिया था.

ये भी पढ़ें- प.बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को अस्पताल से छुट्टी मिली
Last Updated : Aug 8, 2024, 11:45 AM IST
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