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दिवाली पर बड़ा धमाका करेंगे RCP सिंह, लॉन्च होगी पार्टी.. नीतीश कुमार की बढ़ाएंगे टेंशन! - RCP SINGH

पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह नई पार्टी बनाएंगे. वह 31 अक्टूबर यानी दिवाली के दिन इस नए राजनीतिक दल का पटना में ऐलान करेंगे.

RCP Singh
आरसीपी सिंह नई पार्टी बनाएंगे (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 26, 2024, 10:49 AM IST

Updated : Oct 26, 2024, 11:42 AM IST

पटना: जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और बीजेपी नेता आरसीपी सिंह नई सियासी पारी खेलने की तैयारी में हैं. वह दिवाली के दिन अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा करेंगे. 31 अक्टूबर को ही सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती है. ऐसे में प्रशांत किशोर के बाद आरसीपी सिंह की नई पार्टी के ऐलान के साथ ही नीतीश कुमार की परेशानी बढ़नी तो तय है. साथ ही सवाल ये भी है कि इस पार्टी का नाम क्या होगा, पार्टी में बड़े चेहरे कौन होंगे?

आईएएस से केंद्रीय मंत्री का सफर: आईएएस अधिकारी से राजनीति में आने वाले आरपी सिंह यानी रामचंद्र प्रसाद सिंह अभी अपनी पार्टी के नाम का खुलासा नहीं कर रहे हैं लेकिन नई पार्टी के गठन के बाद पूरे बिहार का भ्रमण करेंगे और संगठन को खड़ा करने की कोशिश करेंगे. लंबे समय तक नीतीश कुमार के साथ पहले आईएएस अधिकारी के रूप में काम करने के बाद राजनीति में साथ रहे हैं. नीतीश कुमार ने पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष तक बनाया. केंद्र में जेडीयू की तरफ से मंत्री भी बने लेकिन नीतीश कुमार से दूरियां बढ़ने के बाद पार्टी छोड़ना पड़ा और बीजेपी में शामिल हो गए.

31 अक्टूबर को नई पार्टी की घोषणा करेंगे आरसीपी सिंह (ETV Bharat)

बीजेपी से आरसीपी सिंह का मोहभंग: हालांकि भारतीय जनता पार्टी में आरसीपी सिंह को बहुत अधिक तवज्जो नहीं मिली. बीजेपी से मोहभंग होने के बाद अब वह नई पार्टी के सहारे अपनी राजनीति की पारी खेलना चाहते हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक आरसीपी सिंह असल में सरदार पटेल की जयंती के मौके पर पार्टी का गठन कर कुर्मी समाज को मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं. इसका मतलब साफ है कि नुकसान नीतीश कुमार को ही 2025 विधानसभा चुनाव में करेंगे.

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पटना में आरसीपी सिंह का पोस्टर (ETV Bharat)

नीतीश के बेहद करीबी रहे हैं आरसीपी: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का नीतीश कुमार के साथ ढाई दशक का साथ रहा है. केंद्र में जब नीतीश कुमार मंत्री थे, तब से वह उनके साथ रहे हैं. 2005 में जब नीतीश बिहार के मुख्यमंत्री बने तो आरसीपी उनके सचिव बन गए. वीआरएस लेने के बाद आरसीपी जेडीयू में शामिल हो गए. नीतीश कुमार ने उन्हें संगठन के कामकाज की जिम्मेदारी सौंप दी. पहले राष्ट्रीय महासचिव और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने.

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ETV Bharat GFX (ETV Bharat GFX)

कभी जेडीयू में आरसीपी का चलता था सिक्का: एक समय कहा जाता था कि आरसीपी सिंह की मर्जी से ही जनता दल यूनाइटेड में पत्ता हिलता है. उम्मीदवारों के चयन से लेकर मंत्री पद के चयन तक में अपनी बड़ी भूमिका रहती थी. यहां तक कि सरकार में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर भी फैसला लेते थे. आरजेडी ने उस समय 'आरसीपी टैक्स' का आरोप भी लगाया था.

कुर्मी वोटबैंक पर आरसीपी की नजर: अब आरसीपी सिंह सरदार पटेल की जयंती पर नई पार्टी लॉन्च करने जा रहे हैं. चूकि पार्टी की लॉन्चिंग दिवाली के दिन हो रही है, लिहाजा इसे सियासी 'दिवाली धमाका' के तौर पर भी देखा जा रहा है. सरदार पटेल कुर्मी समाज से आते थे, इसलिए आरसीपी सिंह इसी बहाने बिहार के कुर्मी समाज में मैसेज देना चाहते हैं. वह खुद भी कुर्मी समाज से ही आते हैं. सबसे बड़ी बात ये कि वह भी नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से ही आते हैं.

RCP Singh
आरसीपी सिंह (ETV Bharat)

'नीतीश के खिलाफ बीजेपी की साजिश का हिस्सा': आरजेडी प्रवक्ता अरुण कुमार का कहना है कि एक समय आरसीपी सिंह की तूती बोलती थी और कभी नीतीश कुमार के नाक के बाल हुआ करते थे. आरसीपी टैक्स के बिना कोई काम बिहार में नहीं होता था. नीतीश कुमार ने ही आरोप लगाया था कि आरसीपी सिंह बीजेपी के इशारे पर जेडीयू को समाप्त करने में लगे हैं. उस समय नीतीश कुमार महागठबंधन में हमलोगों के साथ थे. बाद में बीजेपी में गए लेकिन वहां उनको भाव नहीं मिला. हालांकि आरजेडी प्रवक्ता ये भी कहते हैं कि इसके पीछे भी शायद बीजेपी की ही कोई साजिश हो सकती है.

"बीजेपी में आरसीपी सिंह शामिल भी हो गए लेकिन जब नीतीश कुमार खुद बीजेपी के साथ हो गए और बीजेपी-आरएसएस की गोद में खेलने लगे तो वह बीजेपी के लिए किसी काम के नहीं रह गए. इसलिए भाजपा के इशारे पर ही नई पार्टी लॉन्च कर रहे हैं. नीतीश कुमार को समाप्त करने के लिए पहले भी बीजेपी कोशिश कर चुकी है."- अरुण कुमार, प्रवक्ता, राष्ट्रीय जनता दल

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आरसीपी सिंह (ETV Bharat)

जेडीयू ने आरसीपी को बताया विश्वासघाती: नीतीश कुमार के करीबी विधान पार्षद संजय गांधी का कहना है कि कोई भी नई पार्टी बनाएगा लेकिन उसका कोई असर होने वाला नहीं है. वहीं जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने आरसीपी सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि कपड़े की तरह पार्टी बदलते रहना चाहिए, इससे तबीयत ठीक रहती है. उन्होंने आरसीपी सिंह पर विश्वासघाती होने का आरोप लगाया है.

"कपड़े की तरह पार्टी बदलते रहना चाहिए, इससे आदमी की तबीयत ठीक रहती है. सरदार वल्लभभाई पटेल की क्या विरासत है, उन्होंने रियासत को जोड़ने का काम किया था. राजनीति के सियासत में विश्वासघात नहीं किया था."- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जनता दल यूनाइटेड

क्या नीतीश के लिए चुनौती बनेंगे आरसीपी?: राजनीतिक विशेषज्ञ प्रिय रंजन भारती का कहना है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के दिन पार्टी गठन करने के पीछे का मकसद साफ है. आरसीपी सिंह इसी बहाने उस कुर्मी समाज को संदेश देना चाहते हैं, जिस जाति की राजनीति नीतीश कुमार करते रहे हैं. हालांकि वह उस वोटबैंक में कितना सेंध लगा पाएंगे, ये तो आने वाले चुनावों में पता चल पाएगा लेकिन ये जरूर है कि इससे जेडीयू की परेशानी जरूर बढ़ने वाली है.

RCP Singh
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (ETV Bharat)

"आरसीपी सिंह भी नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से ही आते हैं और नीतीश कुमार ने स्वजातीय होने के कारण ही आरसीपी सिंह को अपने साथ लंबे समय तक जोड़े रखा था. अब उनके लिए स्वजातीय होने के कारण ही आरसीपी सिंह मुश्किल पैदा कर रहे हैं क्योंकि आरसीपी सिंह को जदयू से जिस प्रकार बाहर किया गया, कहीं न कहीं आरसीपी सिंह में इसको लेकर काफी नाराजगी है. भले ही अपने बयानों में वह दिखाते नहीं है."- प्रिय रंजन भारती, राजनीतिक विशेषज्ञ

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आईएएस से केंद्रीय मंत्री का सफर: आईएएस अधिकारी से राजनीति में आने वाले आरपी सिंह यानी रामचंद्र प्रसाद सिंह अभी अपनी पार्टी के नाम का खुलासा नहीं कर रहे हैं लेकिन नई पार्टी के गठन के बाद पूरे बिहार का भ्रमण करेंगे और संगठन को खड़ा करने की कोशिश करेंगे. लंबे समय तक नीतीश कुमार के साथ पहले आईएएस अधिकारी के रूप में काम करने के बाद राजनीति में साथ रहे हैं. नीतीश कुमार ने पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष तक बनाया. केंद्र में जेडीयू की तरफ से मंत्री भी बने लेकिन नीतीश कुमार से दूरियां बढ़ने के बाद पार्टी छोड़ना पड़ा और बीजेपी में शामिल हो गए.

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पटना में आरसीपी सिंह का पोस्टर (ETV Bharat)

नीतीश के बेहद करीबी रहे हैं आरसीपी: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का नीतीश कुमार के साथ ढाई दशक का साथ रहा है. केंद्र में जब नीतीश कुमार मंत्री थे, तब से वह उनके साथ रहे हैं. 2005 में जब नीतीश बिहार के मुख्यमंत्री बने तो आरसीपी उनके सचिव बन गए. वीआरएस लेने के बाद आरसीपी जेडीयू में शामिल हो गए. नीतीश कुमार ने उन्हें संगठन के कामकाज की जिम्मेदारी सौंप दी. पहले राष्ट्रीय महासचिव और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने.

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ETV Bharat GFX (ETV Bharat GFX)

कभी जेडीयू में आरसीपी का चलता था सिक्का: एक समय कहा जाता था कि आरसीपी सिंह की मर्जी से ही जनता दल यूनाइटेड में पत्ता हिलता है. उम्मीदवारों के चयन से लेकर मंत्री पद के चयन तक में अपनी बड़ी भूमिका रहती थी. यहां तक कि सरकार में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर भी फैसला लेते थे. आरजेडी ने उस समय 'आरसीपी टैक्स' का आरोप भी लगाया था.

कुर्मी वोटबैंक पर आरसीपी की नजर: अब आरसीपी सिंह सरदार पटेल की जयंती पर नई पार्टी लॉन्च करने जा रहे हैं. चूकि पार्टी की लॉन्चिंग दिवाली के दिन हो रही है, लिहाजा इसे सियासी 'दिवाली धमाका' के तौर पर भी देखा जा रहा है. सरदार पटेल कुर्मी समाज से आते थे, इसलिए आरसीपी सिंह इसी बहाने बिहार के कुर्मी समाज में मैसेज देना चाहते हैं. वह खुद भी कुर्मी समाज से ही आते हैं. सबसे बड़ी बात ये कि वह भी नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से ही आते हैं.

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आरसीपी सिंह (ETV Bharat)

'नीतीश के खिलाफ बीजेपी की साजिश का हिस्सा': आरजेडी प्रवक्ता अरुण कुमार का कहना है कि एक समय आरसीपी सिंह की तूती बोलती थी और कभी नीतीश कुमार के नाक के बाल हुआ करते थे. आरसीपी टैक्स के बिना कोई काम बिहार में नहीं होता था. नीतीश कुमार ने ही आरोप लगाया था कि आरसीपी सिंह बीजेपी के इशारे पर जेडीयू को समाप्त करने में लगे हैं. उस समय नीतीश कुमार महागठबंधन में हमलोगों के साथ थे. बाद में बीजेपी में गए लेकिन वहां उनको भाव नहीं मिला. हालांकि आरजेडी प्रवक्ता ये भी कहते हैं कि इसके पीछे भी शायद बीजेपी की ही कोई साजिश हो सकती है.

"बीजेपी में आरसीपी सिंह शामिल भी हो गए लेकिन जब नीतीश कुमार खुद बीजेपी के साथ हो गए और बीजेपी-आरएसएस की गोद में खेलने लगे तो वह बीजेपी के लिए किसी काम के नहीं रह गए. इसलिए भाजपा के इशारे पर ही नई पार्टी लॉन्च कर रहे हैं. नीतीश कुमार को समाप्त करने के लिए पहले भी बीजेपी कोशिश कर चुकी है."- अरुण कुमार, प्रवक्ता, राष्ट्रीय जनता दल

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आरसीपी सिंह (ETV Bharat)

जेडीयू ने आरसीपी को बताया विश्वासघाती: नीतीश कुमार के करीबी विधान पार्षद संजय गांधी का कहना है कि कोई भी नई पार्टी बनाएगा लेकिन उसका कोई असर होने वाला नहीं है. वहीं जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने आरसीपी सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि कपड़े की तरह पार्टी बदलते रहना चाहिए, इससे तबीयत ठीक रहती है. उन्होंने आरसीपी सिंह पर विश्वासघाती होने का आरोप लगाया है.

"कपड़े की तरह पार्टी बदलते रहना चाहिए, इससे आदमी की तबीयत ठीक रहती है. सरदार वल्लभभाई पटेल की क्या विरासत है, उन्होंने रियासत को जोड़ने का काम किया था. राजनीति के सियासत में विश्वासघात नहीं किया था."- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जनता दल यूनाइटेड

क्या नीतीश के लिए चुनौती बनेंगे आरसीपी?: राजनीतिक विशेषज्ञ प्रिय रंजन भारती का कहना है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के दिन पार्टी गठन करने के पीछे का मकसद साफ है. आरसीपी सिंह इसी बहाने उस कुर्मी समाज को संदेश देना चाहते हैं, जिस जाति की राजनीति नीतीश कुमार करते रहे हैं. हालांकि वह उस वोटबैंक में कितना सेंध लगा पाएंगे, ये तो आने वाले चुनावों में पता चल पाएगा लेकिन ये जरूर है कि इससे जेडीयू की परेशानी जरूर बढ़ने वाली है.

RCP Singh
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (ETV Bharat)

"आरसीपी सिंह भी नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से ही आते हैं और नीतीश कुमार ने स्वजातीय होने के कारण ही आरसीपी सिंह को अपने साथ लंबे समय तक जोड़े रखा था. अब उनके लिए स्वजातीय होने के कारण ही आरसीपी सिंह मुश्किल पैदा कर रहे हैं क्योंकि आरसीपी सिंह को जदयू से जिस प्रकार बाहर किया गया, कहीं न कहीं आरसीपी सिंह में इसको लेकर काफी नाराजगी है. भले ही अपने बयानों में वह दिखाते नहीं है."- प्रिय रंजन भारती, राजनीतिक विशेषज्ञ

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Last Updated : Oct 26, 2024, 11:42 AM IST
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