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दो बार के राज्यसभा सांसद और पूर्व DGP पिलानिया का निधन, जाट आरक्षण आंदोलन में रही थी अहम भूमिका - GYAN PRAKASH PILANIA PASSES AWAY

पूर्व राज्यसभा सांसद और पूर्व डीजीपी डॉ. ज्ञानप्रकाश पिलानिया का रविवार को जयपुर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया.

पूर्व DGP पिलानिया का निधन
पूर्व DGP पिलानिया का निधन (ETV Bharat (File Photo))
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 14, 2024, 11:48 AM IST

जयपुर : पूर्व राज्यसभा सांसद और राजस्थान के पूर्व DGP डॉ. ज्ञानप्रकाश पिलानिया का रविवार देर शाम को जयपुर में निधन हो गया था. वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे. डॉ. पिलानिया 31 अगस्त 1988 से लेकर 21 दिसंबर 1989 तक राजस्थान के DGP रहे थे. DGP रहते हुए पिलानिया को पुलिस सुधारों के लिए जाना जाता रहा था. डॉ. ज्ञानप्रकाश पिलानिया वर्ष 1955 में आईपीएस बने थे. उसके बाद वे आरपीएससी के सदस्य भी रहे. पिलानिया ने एनलाइटन गवर्नमेंट इन मॉडर्न इंडिया : हेरिटेज ऑफ सवाई जयसिंह नाम से किताब भी लिखी थी.

जाट आरक्षण आंदोलन में की थी अगुवाई : रिटायर्ड होने के बाद डॉ. ज्ञान प्रकाश पिलानिया ने जाट आरक्षण आंदोलन की अगुवाई की थी. जाटों को ओबीसी में शामिल करने के लिए चले लंबे आंदोलन का पिलानिया ने नेतृत्व किया था. इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए थे. वे बीजेपी से दो बार राज्यसभा के सांसद रहे. उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी उनके निधन पर श्रद्धांजलि व्यक्त की है. साथ ही IPS अधिकारियों ने भी पिलानिया के निधन पर दुख जताया है.

पढ़ें. राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजेंद्र सोनी का निधन, जोधपुर में हुआ अंतिम संस्कार

किरोड़ी और डोटासरा ने भी जताया दुख : आपदा राहत मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि पूर्व राज्यसभा सांसद और पूर्व महानिदेशक राजस्थान पुलिस ज्ञानप्रकाश पिलानिया के निधन का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ. ईश्वर दिवगंत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति दें. वहीं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी ज्ञान प्रकाश पिलानिया के निधन पर शोक जताया है.

जयपुर : पूर्व राज्यसभा सांसद और राजस्थान के पूर्व DGP डॉ. ज्ञानप्रकाश पिलानिया का रविवार देर शाम को जयपुर में निधन हो गया था. वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे. डॉ. पिलानिया 31 अगस्त 1988 से लेकर 21 दिसंबर 1989 तक राजस्थान के DGP रहे थे. DGP रहते हुए पिलानिया को पुलिस सुधारों के लिए जाना जाता रहा था. डॉ. ज्ञानप्रकाश पिलानिया वर्ष 1955 में आईपीएस बने थे. उसके बाद वे आरपीएससी के सदस्य भी रहे. पिलानिया ने एनलाइटन गवर्नमेंट इन मॉडर्न इंडिया : हेरिटेज ऑफ सवाई जयसिंह नाम से किताब भी लिखी थी.

जाट आरक्षण आंदोलन में की थी अगुवाई : रिटायर्ड होने के बाद डॉ. ज्ञान प्रकाश पिलानिया ने जाट आरक्षण आंदोलन की अगुवाई की थी. जाटों को ओबीसी में शामिल करने के लिए चले लंबे आंदोलन का पिलानिया ने नेतृत्व किया था. इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए थे. वे बीजेपी से दो बार राज्यसभा के सांसद रहे. उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी उनके निधन पर श्रद्धांजलि व्यक्त की है. साथ ही IPS अधिकारियों ने भी पिलानिया के निधन पर दुख जताया है.

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किरोड़ी और डोटासरा ने भी जताया दुख : आपदा राहत मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि पूर्व राज्यसभा सांसद और पूर्व महानिदेशक राजस्थान पुलिस ज्ञानप्रकाश पिलानिया के निधन का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ. ईश्वर दिवगंत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति दें. वहीं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी ज्ञान प्रकाश पिलानिया के निधन पर शोक जताया है.

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