रायपुर: 7 जून को राजधानी रायपुर और महासमुंद सीमा के बीच मवेशी लेकर जा रहे गाड़ी का कुछ लोगों ने पीछा किया. आरोप है कि पीछा करने के बाद लोगों की भीड़ ने गाड़ी में सवार तीन लोगों की बर्बर तरीके से पिटाई कर दी. पूरी वारदात रायपुर से सटे आरंग में हुई. लोगों की भीड़ ने गाड़ी को महानदी के ऊपर बने पुल पर रोक लिया था. आरोप है कि भीड़ की पिटाई से दो लोगों की मौत हो गई, जबकी एक ने अस्पताल में बाद में दम तोड़ा. घटना के 22 दिन बाद अब बीजेपी सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि ये घटना मॉब लिंचिंग नहीं है. आरंग की घटना को लेकर पहले से कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है. पूर्व शिक्षा मंत्री के बयान के बाद एक बार फिर से ये विवाद गर्मा सकता है.
''आरंग की घटना मॉब लिंचिंग नहीं है'': आरंग की घटना को लेकर जो बयान बीजेपी सांसद ने दिया उसपर सियासत गर्मी सकती है. बीते दिनों ही रायपुर में समाज विशेष के लोगों ने घटना के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया था. विपक्ष ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया. ये जरुर है कि विपक्ष के तेवर को देखते हुए बाद में सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार लोगों को भी अब तक गिरफ्तार किया है. पकड़े गए लोगों पर हमला करने का आरोप पुलिस ने लगाया है. 12 सदस्यीय एसआईटी जांच टीम अभी भी जांच में जुटी है.
मृतक तीनों शख्स यूपी के सहारनपुर के रहने वाले थे: आरंग में हुई पिटाई से जिन तीन लोगों की मौत हुई वो सभी यूपी के रहने वाले थे. परिवार के लोगों ने भी मीडिया के माध्यम से मॉब लिंचिंग की शिकायत की थी. परिवार के लोगों का कहना था कि तीनों मवेशियों की खरीद फरोख्त का काम करते थे. पुलिस ने जिन लोगों को हत्या के मामले में पकड़ा है उसमें महासमुंद के नवीन सिंह ठाकुर और मयंक शर्मा भी शामिल हैं. पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया नवीन सिंह ठाकुर गाड़ी चलाने का काम करता है. पुलिस ने पहले दो लोगों को इस केस में गिरफ्तार किया बाद में 22 जून को दो और लोगों को पकड़ा. अबतक चार लोगों की इस मामले में गिरफ्तारी हो चुकी है.
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— Brijmohan Agrawal (@brijmohan_ag) June 29, 2024