पटना: बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे नौकरी से वॉलेंट्री रिटायरमेंट के बाद राजनीति से जुड़ गए, लेकिन कुछ समय बाद बिहार के सुपर कॉप से वे कथावाचक बन गए. अब वे अक्सर गेरुआ वस्त्र धारण किए और गले में माला पहने हुए नजर आते हैं. वहीं पूर्व डीजीपी हाल ही में स्कॉटलैंड पहुंचे, जहां उन्होंने पटना नाम के गांव के बारे में बहुत सी अहम जानकारी लोगों के साथ साझा की.
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— Gupteshwar Pandey (@ips_gupteshwar) August 2, 2024
'स्कॉटलैंड में भी है एक पटना': गुप्तेश्वर पांडे गेरुआ वस्त्र पहने और गले में माला डाले हुए स्कॉटलैंड में घूमते नजर आए. यहां पटना गांव पहुंचे और गांव के बोर्ड के पास खड़े होकर उन्होंने बताया कि आखिर स्कॉटलैंड के इस गांव का नाम पटना क्यों और कब रखा गया था. सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि पटना नाम देखकर मत समझ लीजिएगा कि ये बिहार वाला पटना है. ये स्कॉटलैंड में एक गांव है, जिसका नाम पटना है.
"इस गांव का नाम पटना रखने के पीछे बड़ी कहानी है. जब भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का राज्य चल रहा था, तब सेवानिवृत्त होने के बाद यहां का एक अधिकारी वापस आकर यहां बसा तो यहां पर कोयला की खदानें थीं. कोयला मजदूरों के रहने के लिए उसने ये गांव बसाया था."- गुप्तेश्वर पांडे, पूर्व डीजीपी, बिहार
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बिहार के पटना पर ही रखा गया नाम: गुप्तेश्वर पांडे ने अपने वीडियो में आगे बताया कि ईस्ट इंडिया कंपनी का पूर्व सैनिक जो बिहार के पटना रहकर लौटा था, उसने इस गांव का नाम पटना रखा. बाद में पटना गांव काफी मशहूर हो गया. पूरे यूके में लोग इस जगह को पटना के नाम से जानते हैं.
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कौन हैं गुप्तेश्वर पांडे?: बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. मूल रूप से बिहार के बक्सर के रहने वाले हैं. उन्होंने बतौर एएसपी, एसपी, आईजी, एसएसपी, और एडीजी के रूप में बिहार के 26 जिलों में अपनी सेवा दी है. 2009 में बक्सर लोकसभा सीट से बीजेपी से चुनाव लड़ने के लिए नौकरी से वीआरएस ले लिया, लेकिन टिकट नहीं मिली. वापस सेवा में आने के लिए आवेदन दिया. 9 महीने बाद नीतीश सरकार ने अर्जी मंजूर कर ली थी. 2009 में वीआरएस लेने के समय वे आईजी थे. वहीं 2019 में उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया गया था.
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