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जमीन घोटाला: AIADMK के पूर्व मंत्री गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेज से कराया था जमीन का रजिस्ट्रेशन - MR Vijayabaskar - MR VIJAYABASKAR

Ex-AIADMK Minister Arrested: तमिलनाडु के पूर्व मंत्री एमआर विजय भास्कर लैंड स्कैम मामले में केरल से गिरफ्तार कर लिए गए हैं. फिलहाल उन्हें केरल से तमिलनाडु वापस ले जानी तैयारी चल रही है.

Former AIADMK minister arrested
तमिलनाडु के पूर्व मंत्री एमआर विजय भास्कर गिरफ्तार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 16, 2024, 7:28 PM IST

चेन्नई: तमिलनाडु के पूर्व मंत्री एमआर विजय भास्कर को पुलिस ने मंगलवार को लैंड स्कैम मामले में केरल से गिरफ्तार कर लिया. वह केरल के त्रिशूर में पीची पुलिस स्टेशन की सीमा में एक किराए के घर में रह रहे थे. विजयभास्कर कई दिनों से फरार थे. आरोप है कि विजय भास्कर ने प्रकाश नामक व्यक्ति की 22 एकड़ जमीन को जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके अवैध रूप से पंजीकृत कराया था.

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार पुलिस ने कहा कि पुलिस ने विजय भास्कर को कथित तौर पर जमीन घोटाले के सिलसिले में त्रिशूर से तमिलनाडु के पूर्व परिवहन मंत्री एमआर विजय भास्कर को गिरफ्तार किया है. उनके खिलाफ करूर वंगल क्षेत्र के निकट कट्टूर के व्यवसायी प्रकाश ने 100 करोड़ रुपये की 22 एकड़ जमीन बेचने के लिए मजबूर करने की शिकायत दर्ज कराई थी.

MR Vijayabaskar
तमिलनाडु के पूर्व मंत्री एमआर विजयभास्कर (ETV Bharat)

छह धाराओं में मामला दर्ज
शिकायत इसके आधार पर पुलिस ने उनके खिलाफ 22 जून को छह धाराओं में मामला दर्ज किया था. मामले में करूर जिले में स्थित मेलकरूर उप-पंजीयक कार्यालय में 3 जून को चार संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों की जांच की गई. इसमें पता चला कि इरोड सिद्धार्थन, कांचीपुरम रघु, करूर मरियप्पन और सेल्वाराज मिलकर धोखाधड़ी में शामिल थे और उन्होंने व्यापारी प्रकाश की जमीन की रजिस्ट्री करने की कोशिश की थी. इस बीच 18 जून को अचानक ये मामले क्राइम ब्रांच-सीआईडी ​​को सौंप दी गई. हालांकि, विजयभास्कर फरार हो गए.

अदालत में दो बार जमानत याचिका दायर की
कई दिनों तक फरार रहने के बाद विजय भास्कर को केरल में गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी से पहले उन्होंने अदालत में दो बार जमानत याचिका दायर की थी. हालांकि, उनकी जमानत याचिकाओं को दोनों बार खारिज कर दिया गया. इसके बाद पुलिस ने उन्हें ट्रैक करने और पकड़ने के लिए पांच विशेष टीमें बनाईं.

ऑपरेशन के दौरान विजय भास्कर और उनके चचेरे भाई प्रवीण को पुलिस ने घेर लिया और गिरफ्तार कर लिया. रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में उन्हें आगे की जांच के लिए तमिलनाडु वापस ले जानी तैयारी चल रही है.

क्या है मामला?
बता दें कि इस साल 11 मई को करूर के कारोबारी प्रकाश ने एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें पूर्व मंत्री और सात अन्य पर जाली दस्तावेजों का उपयोग करके 100 करोड़ रुपये की कीमत की 22 एकड़ की संपत्ति पर अवैध रूप से अतिक्रमण करने का आरोप लगाया गया था.

यह भी पढ़ें- तमिलनाडु BSP अध्यक्ष की हत्या, सीएम स्टालिन ने जताया खेद, चेन्नई जाएंगी मायावती

चेन्नई: तमिलनाडु के पूर्व मंत्री एमआर विजय भास्कर को पुलिस ने मंगलवार को लैंड स्कैम मामले में केरल से गिरफ्तार कर लिया. वह केरल के त्रिशूर में पीची पुलिस स्टेशन की सीमा में एक किराए के घर में रह रहे थे. विजयभास्कर कई दिनों से फरार थे. आरोप है कि विजय भास्कर ने प्रकाश नामक व्यक्ति की 22 एकड़ जमीन को जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके अवैध रूप से पंजीकृत कराया था.

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार पुलिस ने कहा कि पुलिस ने विजय भास्कर को कथित तौर पर जमीन घोटाले के सिलसिले में त्रिशूर से तमिलनाडु के पूर्व परिवहन मंत्री एमआर विजय भास्कर को गिरफ्तार किया है. उनके खिलाफ करूर वंगल क्षेत्र के निकट कट्टूर के व्यवसायी प्रकाश ने 100 करोड़ रुपये की 22 एकड़ जमीन बेचने के लिए मजबूर करने की शिकायत दर्ज कराई थी.

MR Vijayabaskar
तमिलनाडु के पूर्व मंत्री एमआर विजयभास्कर (ETV Bharat)

छह धाराओं में मामला दर्ज
शिकायत इसके आधार पर पुलिस ने उनके खिलाफ 22 जून को छह धाराओं में मामला दर्ज किया था. मामले में करूर जिले में स्थित मेलकरूर उप-पंजीयक कार्यालय में 3 जून को चार संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों की जांच की गई. इसमें पता चला कि इरोड सिद्धार्थन, कांचीपुरम रघु, करूर मरियप्पन और सेल्वाराज मिलकर धोखाधड़ी में शामिल थे और उन्होंने व्यापारी प्रकाश की जमीन की रजिस्ट्री करने की कोशिश की थी. इस बीच 18 जून को अचानक ये मामले क्राइम ब्रांच-सीआईडी ​​को सौंप दी गई. हालांकि, विजयभास्कर फरार हो गए.

अदालत में दो बार जमानत याचिका दायर की
कई दिनों तक फरार रहने के बाद विजय भास्कर को केरल में गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी से पहले उन्होंने अदालत में दो बार जमानत याचिका दायर की थी. हालांकि, उनकी जमानत याचिकाओं को दोनों बार खारिज कर दिया गया. इसके बाद पुलिस ने उन्हें ट्रैक करने और पकड़ने के लिए पांच विशेष टीमें बनाईं.

ऑपरेशन के दौरान विजय भास्कर और उनके चचेरे भाई प्रवीण को पुलिस ने घेर लिया और गिरफ्तार कर लिया. रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में उन्हें आगे की जांच के लिए तमिलनाडु वापस ले जानी तैयारी चल रही है.

क्या है मामला?
बता दें कि इस साल 11 मई को करूर के कारोबारी प्रकाश ने एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें पूर्व मंत्री और सात अन्य पर जाली दस्तावेजों का उपयोग करके 100 करोड़ रुपये की कीमत की 22 एकड़ की संपत्ति पर अवैध रूप से अतिक्रमण करने का आरोप लगाया गया था.

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