लातेहारः ईटीवी भारत की खबर पर संज्ञान लेकर वन विभाग के अधिकारियों ने बीड़ी पत्ता तस्करों पर कार्रवाई की है. पलामू टाइगर रिजर्व के जंगलों में बीड़ी पत्ता तस्करों के द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध रूप से बीड़ी पत्ता का कारोबार किए जाने की खबर ईटीवी भारत पर प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी. इस खबर पर एक्शन लेते हुए पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बड़े पैमाने पर अवैध बीड़ी पत्ता को जब्त किया है.
पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बीड़ी पत्ता तोड़ना पूरी तरह प्रतिबंधित है. लेकिन बीड़ी पत्ता तस्करों के द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बड़े पैमाने पर पलामू टाइगर रिजर्व एरिया में बीड़ी पत्ता की तुड़ाई करवाई जा रही है. ईटीवी भारत में इस खबर को ग्राउंड रियलिटी के साथ प्रमुखता से प्रकाशित की गई. खबर प्रकाशित होने के बाद पलामू टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर पी. जेना के निर्देश पर वन विभाग की टीम ने अवैध कारोबारी के खिलाफ सघन छापामारी अभियान चलाई गयी.
इस छापामारी के क्रम में वन विभाग की टीम ने पलामू टाइगर रिजर्व में अवैध रूप से बीड़ी पत्ता का खलिहान लगा पाया. इसके बाद वन विभाग की टीम के द्वारा बीड़ी पत्ता को जब्त कर लिया गया है. इस संबंध में पलामू टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर पी. जेना ने बताया कि ईटीवी भारत के माध्यम से जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की पेट्रोलिंग पार्टी ने कुछ स्थानों पर बीड़ी पत्ता को जब्त भी किया गया है.
पीटीआर के के डिप्टी डायरेक्टर पी. जेना ने कहा कि वन विभाग के द्वारा कई दिन पूर्व ही बीड़ी पत्ता के अवैध कारोबार को रोकने के लिए पेट्रोलिंग पार्टी का भी गठन कर लिया गया है. पेट्रोलिंग पार्टी के द्वारा लगातार छापामारी अभियान भी चलाई जा रही है. वहीं मामले की जानकारी देते हुए रेंजर शंकर पासवान ने बताया कि डिप्टी डायरेक्टर के निर्देश पर वन विभाग की पेट्रोलिंग पार्टी के द्वारा बीड़ी पत्ता तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. एक स्थान से बीड़ी पत्ता जब्त किया गया है.
रेंजर शंकर पासवान ने कहा कि वन विभाग यह पता लगाने का प्रयास कर रहा है कि बीड़ी पत्ता की तस्करी में कौन-कौन अपराधी शामिल हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वन विभाग के द्वारा लगातार छापामारी अभियान चलाई जा रही है.
ईटीवी भारत की तरफ से भी मुझे खबर आई थी, कुछ इनपुट्स भी आए थे, उस पर भी हम लोगों ने संज्ञान लिया और कार्रवाई की है. -पी. जेना, डिप्टी डायरेक्टर, पलामू टाइगर रिजर्व.
पलामू टाइगर रिजर्व के जंगलों में तस्करों का जमावड़ा
बता दें कि बीड़ी पत्ता का सीजन आने के बाद तस्कर पलामू टाइगर रिजर्व के इलाकों में अड्डा जमा लेते हैं. पलामू टाइगर रिजर्व में बीड़ी पत्ता तोड़ने का टेंडर नहीं होता. इस कारण बीड़ी पत्ता तोड़ने वाले लोगों को सरकार को राजस्व भी नहीं देना पड़ता. दूसरे शब्दों में कहे तो पलामू टाइगर रिजर्व के जंगलों में बीड़ी पत्ता का अवैध कारोबार करने वाले तस्करों को पूरा का पूरा मुनाफा हो जाता है. पलामू टाइगर रिजर्व का एरिया काफी घने जंगलों में भी अवस्थित है, इस कारण तस्कर इसका लाभ उठाते हैं.
वन निगम की भूमिका संदिग्ध!
जानकारों की मानें तो पूरे मामले में वन निगम की भूमिका भी संदिग्ध है. वन निगम के द्वारा ही बीड़ी पत्ता का टेंडर कराया जाता है. इसके बाद वन निगम की जिम्मेदारी होती है कि जिन जंगलों में बीड़ी पत्ता का टेंडर नहीं हुआ है, वहां बीड़ी पत्ता का अवैध कारोबार ना हो. लेकिन वन निगम के अधिकारी और कर्मी इस मामले में पूरी तरह उदासीन रहते हैं. इसी कारण अवैध तरीके से बीड़ी पत्ता का कारोबार करने वाले लोग निडर होकर बीड़ी पत्ता की तस्करी करते हैं. इधर बीड़ी पत्ता के तस्करों के खिलाफ की गई कार्रवाई से अवैध कारोबारियों में हड़कंप है.
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