तिरुपत्तूर: जोलारपेट के पास स्थित अचामंगलम गांव में चार दिन पहले एक रहस्यमयी वस्तु गिरी जिससे करीब पांच फीट गहरा गड्ढा बन गया. क्रेटर से हीट निकलने से लोग घबरा गए. क्षेत्र के निवासियों ने तिरुपत्तूर जिला कलेक्टर अनंतकृष्णन और जोलारपेट पुलिस को सूचना दी.
राजस्व विभाग और पुलिस मौके पर पहुंची और इलाके के लोगों से पूछताछ की. बाद में तिरुपत्तूर के जिला कलेक्टर दर्पखराज ने विज्ञान केंद्र को यह पता लगाने का सुझाव दिया कि यह रहस्यमय चीज क्या है.
उसके बाद, चेन्नई में तमिलनाडु विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र के कार्यकारी निदेशक, लेनिन तमिल कोवन ने वेल्लोर में जिला विज्ञान केंद्र को अध्ययन करने का आदेश दिया.
इसके आधार पर मौके पर पहुंचे जिला वैज्ञानिक अधिकारी (प्रभारी) रविकुमार ने उस 5 फीट गड्ढे से मिट्टी और राख के नमूने एकत्र किए, जहां रहस्यमयी वस्तु गिरी थी. उन्होंने क्रेटर के पास से रेत के नमूने भी एकत्र किए. उन्होंने कहा कि इस मिट्टी और राख के नमूने चेन्नई स्थित प्रयोगशाला में भेजे जाएंगे.
वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र अधिकारी रविकुमार ने कहा, 'इस इलाके में जो रहस्यमय वस्तु गिरी है वह उल्कापिंड है और इसके गिरने की गति से मिट्टी राख में बदल गई है.' उन्होंने कहा कि 'मंगल और बृहस्पति ग्रहों के बीच परिक्रमा करने वाले क्षुद्रग्रह कभी-कभी पृथ्वी की ओर गिरते हैं, और बड़े क्षुद्रग्रह गिरने पर अधिक नुकसान पहुंचाते हैं. '