नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने भारत के अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की प्रशंसा की. नेशनस स्पेस डे के अवसर पर न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सोमनाथ ने अंतरिक्ष क्षेत्र को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हाल के नीतिगत सुधारों और पहलों पर बयान दिया.
National Space Day - 2024
— ISRO (@isro) August 22, 2024
One day to go!
Come, let us together celebrate the maiden National Space Day 🇮🇳@DrJitendraSingh #NSpD2024 pic.twitter.com/RAZkvSFSwM
इसरो प्रमुख ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण नीतिगत हस्तक्षेपों में पीएम मोदी का नेतृत्व महत्वपूर्ण रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में मोदी ने न केवल नीतियां बनाई हैं, बल्कि सरकारी प्रणाली के माध्यम से उन्हें लागू भी किया है.
एस सोमनाथ ने तीन प्रमुख पहलों पर पर बात करते हुए कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के बाद, हम अंतरिक्ष नीति पर काम कर रहे थे. यह नई नीति अंतरिक्ष विभाग, इसरो और न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करती है, जिससे अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की अधिक भागीदारी का मार्ग प्रशस्त होता है.
उन्होंने कहा कि एक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की भी घोषणा की गई है जिसमें अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी निवेश या विदेशी निवेश को कुछ नियंत्रणों और विनियमों के साथ अनुमति दी गई है जो पहले संभव नहीं था. तीसरा भू-स्थानिक नीति पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, डीएसटी द्वारा किया गया है. इसका मतलब है कि सभी भू-स्थानिक डेटा, उपग्रह डेटा भी अब सभी के लिए पांच-मीटर रिजॉल्यूशन तक निःशुल्क उपलब्ध कराया गया है ताकि इस पर द्वितीयक प्रभाव डाला जा सके.
हाल की उपलब्धियों पर विचार करते हुए सोमनाथ ने चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की लाइव भागीदारी को याद किया. उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि हमारे प्रधानमंत्री मोदी लाइव प्रसारण देख रहे थे और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से कुछ पल निकालकर हमारे साथ शामिल हुए थे. चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद पीएम मोदी ने 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस घोषित किया और लैंडिंग स्थल का नाम 'शिव शक्ति प्वाइंट' रखा, जबकि चंद्रयान-2 लैंडिंग स्थल का नाम 'तिरंगा प्वाइंट' रखा.
सोमनाथ ने मोदी की विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र की यात्रा को भी याद किया, जहां उन्होंने गगनयान मिशन और अन्य अंतरिक्ष परियोजनाओं में गहरी रुचि दिखाई थी. उन्होंने कहा कि हमें अमृतकाल में अंतरिक्ष 2047 के लिए एक दीर्घकालिक रोडमैप, एक विजन तैयार करने के लिए कहा गया था. प्रधानमंत्री भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों, जिसमें गगनयान कार्यक्रम और अंतरिक्ष स्टेशन की योजनाएं शामिल हैं, पर हमारी प्रस्तुति से बहुत खुश हुए.