पलामू: मंईयां सम्मान योजना के तहत राशि जारी नहीं होने से झारखंड सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. लोग पूछ रहे हैं कि पैसा मिलने में देरी क्यों हो रही है. अब सरकार की ओर से इसका जवाब आ गया है. दरअसल, प्रशासनिक प्रक्रिया में देरी होने के कारण मंईयां सम्मान योजना की राशि अब तक महिलाओं के खाते में नहीं आ पाई है. जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और लाभुकों के खाते में उतनी ही राशि जाएगी. यह बात झारखंड सरकार के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कही है.
राधाकृष्ण किशोर पलामू स्थित कांग्रेस भवन में प्रेस वार्ता कर रहे थे. इस दौरान राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार जो भी घोषणा करती है, उसे पूरा भी करती है. 50 लाख लाभुकों के खाते में हर महीने 2500-2500 रुपये दिए जाने हैं. उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान योजना की राशि पूरी करने के लिए सरकार कई बिंदुओं पर काम कर रही है. झारखंड को 70 फीसदी राजस्व कमर्शियल डिपार्टमेंट से मिलता है. राजस्व में बढ़ोतरी होने से मंईयां सम्मान योजना की राशि पूरी हो जाएगी.
बंद की जाएगी फाइनेंशियल लीकेज
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि समीक्षा के दौरान उन्होंने पाया है कि झारखंड सरकार के राजस्व में कई लीकेज हैं. इस लीकेज को रोकने के निर्देश दिए गए हैं. वित्त मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि 2018-19 में एक्साइज से एक हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था. 2019-20 में यह राजस्व बढ़कर दो हजार करोड़ हो गया. 2019-20 के बाद राजस्व में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. पूरे मामले में मुख्यमंत्री से बात करेंगे और संभव हुआ तो नीति में बदलाव भी हो सकता है.
सेल्स टैक्स और माइनिंग से बढ़ाया जाएगा राजस्व
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड सरकार को फिलहाल खनिज संपदा से 11 हजार करोड़ का राजस्व मिलता है. ओडिशा जैसे राज्य को खनिज संपदा से 45 से 50 करोड़ का राजस्व मिलता है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में माइनिंग और सेल टैक्स से 10 हजार करोड़ रुपये का राजस्व बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. मंत्री ने कहा कि राजस्व बढ़ाने के लिए कई बिंदुओं पर काम किया जा रहा है.
हजारों करोड़ की लागत से बने भवनों का नहीं हुआ उपयोग
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए. वित्त मंत्री ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने झारखंड के राजस्व को बढ़ाने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत पूरे राज्य में तीन से चार हजार करोड़ के भवनों का निर्माण किया गया. उन भवनों का कोई उपयोग नहीं हुआ, ऐसा क्यों हुआ, यह जांच का विषय है. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार पानी की समस्या को दूर करने के लिए भी काम कर रही है. वे पलामू में होने वाली सभी बैठकों में हिस्सा लेंगे और क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करेंगे.
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