नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के युवा नेताओं से भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का मजबूती से मुकाबला करने, संविधान की रक्षा करने और पार्टी संगठन को मजबूत करने को कहा है. एआईसीसी पदाधिकारी बीएम संदीप ने ईटीवी भारत से कहा कि, कांग्रेस नेताओं ने बताया कि हमें भाजपा की विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ लड़ने और संविधान की रक्षा के लिए सख्ती से काम करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि, कांग्रेस एक ऐसी ताकत है जो सामाजिक परिवर्तन के लिए काम करती है, जबकि भगवा पार्टी सामाजिक ठहराव का प्रतिनिधित्व करती है. राहुल और खड़गे ने लगभग 75 नवनियुक्त एआईसीसी सचिवों और संयुक्त सचिवों के साथ अपनी पहली बातचीत की, जिन्हें कांग्रेस को मजबूत करने और युवा नेताओं को महत्वपूर्ण भूमिकाएं देने के लिए नियुक्त किया गया है, जो राज्यों के प्रभारी विभिन्न महासचिवों की सहायता करेंगे.
एआईसीसी में फेरबदल ऐसे समय में हुआ है जब कांग्रेस तीन राज्यों झारखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के चुनावों की तैयारी कर रही है. एआईसीसी पदाधिकारी काजी निजामुद्दीन, जिन्हें संदीप के साथ राजस्थान से महाराष्ट्र भेजा गया है, ने ईटीवी भारत से कहा, "यह विविध टीम जिसमें समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों का मजबूत प्रतिनिधित्व है, पार्टी के कामकाज में नया जोश लाएगी. मुझे विश्वास है कि नई टीम पार्टी को मजबूती से आगे बढ़ने और आने वाले दिनों में नए जोश के साथ काम करने में मदद करेगी."
पार्टी मध्य प्रदेश की 29 संसदीय सीटों में से एक भी सीट नहीं जीत सकी और छत्तीसगढ़ की 11 में से उसे सिर्फ एक सीट मिली. तब से पीसीसी प्रमुख जीतू पटवारी और दीपक बैज के नेतृत्व में दोनों राज्य इकाइयां भाजपा सरकारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आई हैं. गुजरात में भी यही कहानी रही, जहां कांग्रेस कुल 26 संसदीय सीटों में से सिर्फ 1 जीत सकी.
गुजरात के प्रभारी एआईसीसी सचिव राम किशन ओझा ने ईटीवी भारत को बताया, "हम सीएलपी नेता अमित चावड़ा के नेतृत्व में जन मंच कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. राज्य के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हाल ही में विभिन्न सार्वजनिक मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन किया है. पूरी राज्य इकाई ने विभिन्न त्रासदियों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए यात्रा निकाली."
तमिलनाडु से झारखंड भेजे गए एआईसीसी पदाधिकारी सिरिवेल्ला प्रसाद के अनुसार, युवा नेताओं को शामिल करना उदयपुर घोषणा के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और इससे संगठन को मजबूत करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि, जल्द ही वे झारखंड का दौरा करेंगे. कांग्रेस पार्टी ध्यान संगठन को मजबूत करने और आने वाले चुनावों की तैयारी पर है.
प्रसाद ने ईटीवी भारत से कहा, "इंडिया ब्लॉक वहां (झारखंड) अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और हमें आने वाले हफ्तों में कड़ी मेहनत करने की जरूरत है." कांग्रेस के सहयोगी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आगामी चुनावों के लिए गठबंधन पर चर्चा करने के लिए दिन में राहुल गांधी और खड़गे से मुलाकात की. इस दौरान पार्टी विधायक और सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद थीं. यह बैठक पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व झामुमो नेता चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने के मद्देनजर हुई, जिसे सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है.
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