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पीएम मोदी के खिलाफ चल रही मौन लहर, विपक्ष को मिल रही मदद :चव्हाण - Ex Maharashtra CM Prithviraj Chavan - EX MAHARASHTRA CM PRITHVIRAJ CHAVAN

Ex-Maha CM Prithviraj Chavan: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का मानना ​​है कि भाजपा के खिलाफ एक मौन मोदी विरोधी लहर है. उनके अनुसार, कांग्रेस-शिवसेना यूबीटी और एनसीपी-एसपी वाली महाविकास अघाड़ी को महाराष्ट्र की कुल 48 में से 30 से अधिक लोकसभा सीटें मिलने वाली हैं.

Prithviraj Chavan
पृथ्वीराज चव्हाण (Ani File Photo)
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By Amit Agnihotri

Published : May 10, 2024, 4:03 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नकारात्मक अभियान चलाने का आरोप लगाया. विपक्ष का कहना है कि उनके खिलाफ एक मजबूत लेकिन मूक (मौन) लहर है. इस तरह के इशारे ने 2024 के लोकसभा चुनाव को भाजपा के लिए कठिन बना दिया है.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, 'पीएम मोदी के खिलाफ एक मजबूत लेकिन मूक (मौन) लहर है. तीन चरणों के मतदान के बाद, मुझे लगता है कि भाजपा को अपने दम पर साधारण बहुमत नहीं मिलेगा. यहां तक कि वह गठबंधन सरकार भी नहीं बना पाएगी. इस चुनाव में बीजेपी को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. पीएम मोदी पिछले 10 साल की अपनी उपलब्धियों के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि कांग्रेस के खिलाफ नकारात्मक अभियान चला रहे हैं. लोगों का मूड स्पष्ट रूप से इंडिया अलायंस के पक्ष में है जिसे अपना बहुमत मिलना तय है'.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चव्हाण पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यालय में राज्य मंत्री थे और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं. चव्हाण ने कहा, 'पीएम मोदी ने हाल ही में कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में मुस्लिम लीग की छाप है. मटन, मछली से संबंधित मुद्दों को लाया गया. चुनावों में ध्रुवीकरण करने के प्रयास में पाकिस्तान का उल्लेख किया गया. उन्होंने राहुल गांधी पर निजी हमले करते हुए उन्हें शहजादा भी कहा. यह सब दर्शाता है कि भाजपा नकारात्मक अभियान चला रही है'.

उन्होंने कहा, 'इसके विपरीत, कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक केवल संविधान को बचाने के अलावा बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि, महिलाओं की सुरक्षा जैसे बुनियादी मुद्दों के बारे में बात कर रहे हैं. संविधान को बदलने के लिए 400 सीटों के भाजपा के दावे ने देश भर में आरक्षण के लाभार्थियों को चिंतित कर दिया है'. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार, कांग्रेस-शिवसेना यूबीटी और एनसीपी-एसपी वाली महा विकास अघाड़ी को पश्चिमी राज्य की कुल 48 में से 30 से अधिक लोकसभा सीटें मिलने वाली हैं.

चव्हाण ने कहा, 'गठबंधन बहुत अच्छा अभियान चला रहा है. गठबंधन के नेताओं ने कई सीटों पर संयुक्त रूप से प्रचार किया है. एमवीए को निश्चित रूप से 30 से अधिक सीटें मिलने जा रही हैं. शिवसेना तब अविभाजित थी और उसने भाजपा को भरपूर समर्थन की पेशकश की थी. इस बार शिंदे सेना गुट और एनसीपी अजित पवार गुट ही बीजेपी के साथ हैं. असली सेना यूबीटी और राकांपा-सपा एमवीए के साथ हैं जिनके नेताओं उद्धव ठाकरे और शरद पवार को जनता की सहानुभूति मिल रही है. भाजपा ने वोट पाने के लिए उनकी पीठ में छुरा घोंपा, लेकिन लोग अभी भी उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ हैं'.

पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार की हालिया टिप्पणियों को लेकर सकारात्मक थे, जिससे चुनाव के बाद एनसीपी-एसपी के कांग्रेस में विलय की चर्चा शुरू हो गई थी. शरद पवार ने कहा था कि चुनाव के बाद कुछ छोटी पार्टियां कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकती हैं. चव्हाण ने कहा कि वैचारिक रूप से उनकी पार्टी और कांग्रेस एक ही है. मेरे लिए, ऐसा प्रतीत होता है कि वह विलय के लिए तैयार हैं, लेकिन इस मुद्दे पर उनकी पार्टी के भीतर चर्चा की जरूरत है. ये सभी चीजें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव के अंतिम नतीजों पर निर्भर करेंगी.

पढ़ें: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत, चुनाव प्रचार पर रोक नहीं

नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नकारात्मक अभियान चलाने का आरोप लगाया. विपक्ष का कहना है कि उनके खिलाफ एक मजबूत लेकिन मूक (मौन) लहर है. इस तरह के इशारे ने 2024 के लोकसभा चुनाव को भाजपा के लिए कठिन बना दिया है.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, 'पीएम मोदी के खिलाफ एक मजबूत लेकिन मूक (मौन) लहर है. तीन चरणों के मतदान के बाद, मुझे लगता है कि भाजपा को अपने दम पर साधारण बहुमत नहीं मिलेगा. यहां तक कि वह गठबंधन सरकार भी नहीं बना पाएगी. इस चुनाव में बीजेपी को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. पीएम मोदी पिछले 10 साल की अपनी उपलब्धियों के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि कांग्रेस के खिलाफ नकारात्मक अभियान चला रहे हैं. लोगों का मूड स्पष्ट रूप से इंडिया अलायंस के पक्ष में है जिसे अपना बहुमत मिलना तय है'.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चव्हाण पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यालय में राज्य मंत्री थे और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं. चव्हाण ने कहा, 'पीएम मोदी ने हाल ही में कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में मुस्लिम लीग की छाप है. मटन, मछली से संबंधित मुद्दों को लाया गया. चुनावों में ध्रुवीकरण करने के प्रयास में पाकिस्तान का उल्लेख किया गया. उन्होंने राहुल गांधी पर निजी हमले करते हुए उन्हें शहजादा भी कहा. यह सब दर्शाता है कि भाजपा नकारात्मक अभियान चला रही है'.

उन्होंने कहा, 'इसके विपरीत, कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक केवल संविधान को बचाने के अलावा बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि, महिलाओं की सुरक्षा जैसे बुनियादी मुद्दों के बारे में बात कर रहे हैं. संविधान को बदलने के लिए 400 सीटों के भाजपा के दावे ने देश भर में आरक्षण के लाभार्थियों को चिंतित कर दिया है'. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार, कांग्रेस-शिवसेना यूबीटी और एनसीपी-एसपी वाली महा विकास अघाड़ी को पश्चिमी राज्य की कुल 48 में से 30 से अधिक लोकसभा सीटें मिलने वाली हैं.

चव्हाण ने कहा, 'गठबंधन बहुत अच्छा अभियान चला रहा है. गठबंधन के नेताओं ने कई सीटों पर संयुक्त रूप से प्रचार किया है. एमवीए को निश्चित रूप से 30 से अधिक सीटें मिलने जा रही हैं. शिवसेना तब अविभाजित थी और उसने भाजपा को भरपूर समर्थन की पेशकश की थी. इस बार शिंदे सेना गुट और एनसीपी अजित पवार गुट ही बीजेपी के साथ हैं. असली सेना यूबीटी और राकांपा-सपा एमवीए के साथ हैं जिनके नेताओं उद्धव ठाकरे और शरद पवार को जनता की सहानुभूति मिल रही है. भाजपा ने वोट पाने के लिए उनकी पीठ में छुरा घोंपा, लेकिन लोग अभी भी उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ हैं'.

पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार की हालिया टिप्पणियों को लेकर सकारात्मक थे, जिससे चुनाव के बाद एनसीपी-एसपी के कांग्रेस में विलय की चर्चा शुरू हो गई थी. शरद पवार ने कहा था कि चुनाव के बाद कुछ छोटी पार्टियां कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकती हैं. चव्हाण ने कहा कि वैचारिक रूप से उनकी पार्टी और कांग्रेस एक ही है. मेरे लिए, ऐसा प्रतीत होता है कि वह विलय के लिए तैयार हैं, लेकिन इस मुद्दे पर उनकी पार्टी के भीतर चर्चा की जरूरत है. ये सभी चीजें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव के अंतिम नतीजों पर निर्भर करेंगी.

पढ़ें: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत, चुनाव प्रचार पर रोक नहीं

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