कोटा. उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले से कोटा में मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी करने के लिए बीते 3 सालों से पढ़ाई कर रहे मोहम्मद उरूज की आत्महत्या के मामले में उसके पिता ने जिला प्रशासन की गाइड लाइन को लेकर बड़ा सवाल खड़ा किया है. उसने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन मकान मालिकों से अपने ही नियमों की पालना नहीं करवा पा रहा. पंखों पर एंटी हैंगिंग डिवाइस नहीं लगवाई गई, यदि यह डिवाइस उसके बेटे के कमरे में लगा होता तो आज वह भी जिंदा होता.
गौरतलब है कि उरूज का शव 26 मार्च को नंबर एक स्थित एक मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के फ्लैट में मिला था. उसके परिजन उत्तर प्रदेश से अब कोटा पहुंचे हैं. शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद वे उसे लेकर चले गए. इसके पहले मृतक के पिता साबिर खान ने बताया कि जिस फ्लैट में उनका बेटा मोहम्मद उरूज रहता था, वहां पंखों पर एंट्री हैंगिंग डिवाइस नहीं लगी हुई थी. उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने इसके आदेश दे रखे हैं तो फ्लैट मालिक ने यह डिवाइस क्यों नहीं लगवाई? यह डिवाइस लगी होती तो उनका बेटा जिंदा होता. उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन गाइडलाइन की पालना करवाने में असफल हो रहा है. साबिर खान का कहना है कि उनका बेटा भी तो 2 सालों से कोटा में रहकर ही मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहा था. उसने साल 2022-23 में अलग कोचिंग संस्थान से पढ़ाई की थी, इसके बाद 2023-24 में उसने कोचिंग संस्थान बदल लिया था.
पढ़ें: कोटा में फिर कोचिंग छात्र ने की आत्महत्या, नीट यूजी की तैयारी कर रहा था यूपी का छात्र
उन्होंने बताया कि पढ़ाई में भी उरूज काफी अच्छा था. जिस रात को उरूज की आत्महत्या करने की बात कही जा रही है. उसी रात को उरूज से बात हुई थी, उरूज लगातार रोजे रख रहा था. ऐसे में वह बाजार से दूध लेकर आया था और सामान्य बातचीत ही उसने की थी. उरूज के चाचा मोहम्मद आजम का कहना है कि कोटा में बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं. ऐसे में कोचिंग संस्थान को भी बच्चों को मोटिवेट करना चाहिए.
यह भी पढ़ें: कोटा में पुरानी रंजिश के चलते युवक की हत्या, पुलिस ने कुछ घंटे में पकड़े आरोपी
अंतिम बार एक लड़की से हुई थी बातचीत: इस मामले में एक नया तथ्य यह सामने आ रहा है कि मोहम्मद उरूज ने आत्महत्या करने के पहले एक लड़की से बातचीत की थी. उसकी कॉल डिटेल में यह बात सामने आई है. ऐसे में इस मामले को प्रेम प्रसंग के नजरिए से भी देखा जा रहा है. विज्ञान नगर थाना अधिकारी सतीश चंद्र चौधरी का कहना है कि यह पूरा मामला जांच पड़ताल के तहत है. परिजनों की ओर से दी गई रिपोर्ट पर मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है. उरूज के शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया है.