अंबाला/चंडीगढ़ : अंबाला के शंभू बॉर्डर से बड़ी ख़बर आ रही है. किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. रविवार को किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ केंद्र सरकार की चंडीगढ़ में चौथे राउंड की बैठक हुई थी जिसमें सरकार ने किसानों को नया प्रस्ताव दिया था. किसानों ने कहा था कि वे इस प्रस्ताव पर विचार करने के बाद अपना जवाब देंगे.
किसानों ने ठुकराया सरकार का प्रस्ताव : चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों की टीम से बातचीत के बाद उम्मीद थी कि किसानों का आंदोलन थम जाएगा और दिल्ली कूच रुक जाएगा, लेकिन अब ऐसा नहीं लगता क्योंकि किसानों ने केंद्र सरकार का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. शंभू बॉर्डर पर सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद किसान संगठनों ने कहा है कि सरकार ने जो प्रस्ताव दिया है, उसमें कुछ भी नया नज़र नहीं आ रहा है. बाकी फसलों को गैरेंटेड एमएसपी के दायरे से बाहर रखना उचित नहीं है.
"सरकार की नीयत में खोट": सरकार जो आर्थिक बोझ का दावा करती है, वो सही नहीं है. सरकार के प्रस्ताव से किसानों को कोई लाभ नहीं होने वाला है. किसान संगठनों ने कहा है कि सरकार की नीयत में खोट है. सरकार को एमएसपी गारंटी कानून 23 फसलों पर देना चाहिए. सरकार को बताना चाहिए कि वो कर्जा माफी पर क्या कर रही है. अभी तक तो ये लग रहा है कि सरकार किसानों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है.
सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं : किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "दोनों मंचों की चर्चा के बाद ये तय हुआ है कि सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं है. ये किसानों के पक्ष में नहीं है. इसलिए हम सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हैं.''
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