नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को बेल्जियम की टॉप राजनयिक थियोडोरा जेंटिज के सामने भारतीय हीरा उद्योग की चिंता उठाई. दोनों नेताओं ने भारत, बेल्जियम और यूरोपीय संघ के बीच आर्थिक और राजनीतिक सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
एक्स पर पोस्ट करते हुए जयशंकर ने लिखा कि आज महासचिव @BelgiumMFA थियोडोरा जेंट्जिस का स्वागत करके खुशी हुई. भारत, बेल्जियम और यूरोपीय संघ के बीच आर्थिक और राजनीतिक सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की गई. हमने हमारे देश में हीरा उद्योग की चिंताओं को उठाया. सेमीकंडक्टर और हरित विकास पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.
बता दें, भारतीय हीरा उद्योग को लोकर चिंता रूसी मूल के हीरे के आयात के संदेह पर एंटवर्प पुलिस और सीमा शुल्क विभाग की गहन जांच के बीच आया है, खासकर गुजरात में जिसने भारतीय हीरा व्यापारियों के लिए चिंताएं बढ़ा दी है. यह बदलाव यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के जवाब में लगाए गए यूरोपीय संघ और जी7 प्रतिबंधों के मद्देनजर आया है. एंटवर्प सदियों से वैश्विक हीरा व्यापार का केंद्र रहा है और इस पर ज्यादातर गुजराती हीरा व्यापारियों का वर्चस्व है.
विदेश मंत्री ने भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद की पहली बैठक में भाग लेने के लिए पिछले साल मई में बेल्जियम का दौरा किया था. अपनी यात्रा के दौरान, जयशंकर ने बेल्जियम के पीएम से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच व्यापार और प्रौद्योगिकी सहित बढ़ते द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की. इस दौरान, समसामयिक रणनीतिक चिंताओं पर भी चर्चा की गई.
बता दें, अमेरिका ने एक अधिसूचना जारी कर बताया था कि देश 1 मार्च, 2024 से 1 कैरेट और उससे अधिक के रूसी गैर-औद्योगिक हीरे और 1 सितंबर, 2024 से 0.5 कैरेट के हीरे का आयात बंद कर देगा. इसे G7 प्रतिबंधों के हिस्से के रूप में लगाया गया. इस कदम से भारतीय हीरा व्यापार पर असर पड़ेगा जो दुनिया के 10 में से 9 हीरों को काटता और पॉलिश करता है. देश के हीरा केंद्र सूरत में 10 लाख श्रमिकों के लिए नौकरी की अनिश्चितता पैदा करेगा.
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