देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने का वक्त बेहद नजदीक आ गया है. दरअसल, यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार करने के लिए पूर्व न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर लिया है.
यूसीसी एक्सपर्ट कमेटी दो फरवरी को यूनिफॉर्म सिविल कोड का फाइनल ड्राफ्ट राज्य सरकार को सौंप देगी. इसके बाद 5 फरवरी से होने जा रहे विधानसभा सत्र के दौरान सरकार यूसीसी का ड्रॉफ्ट सदन के पटल पर रखेगी. सदन से पास होने के बाद यूसीसी एक कानून के रूप में उत्तराखंड राज्य में लागू हो जाएगा. लंबे समय से यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चल रही चर्चाओं पर अब विराम लगता दिखाई दे रहा है.
अब खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को ट्वीट कर इस बाबत जानकारी दी है कि 2 फरवरी को विशेषज्ञ समिति यूसीसी का ड्राफ्ट सरकार को सौंप देगी. लोग लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे थे. कांग्रेस पार्टी तो समय समय पर सरकार की इस मामले पर चुटकी तक ले रही थी.
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आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के 'एक भारत,श्रेष्ठ भारत' के विजन और चुनाव से पूर्व उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता के समक्ष रखे गए संकल्प एवं उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप हमारी सरकार प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने हेतु सदैव प्रतिबद्ध रही है।
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यूनिफॉर्म सिविल कोड का…
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— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 29, 2024
यूनिफॉर्म सिविल कोड का…आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के 'एक भारत,श्रेष्ठ भारत' के विजन और चुनाव से पूर्व उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता के समक्ष रखे गए संकल्प एवं उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप हमारी सरकार प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने हेतु सदैव प्रतिबद्ध रही है।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 29, 2024
यूनिफॉर्म सिविल कोड का…
सोमवार को ट्वीट कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के विजन और विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड की जनता के सम्मुख रखे गए संकल्प के तहत उत्तराखंड सरकार समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए गठित पांच सदस्य विशेषज्ञ समिति यूसीसी का फाइनल ड्राफ्ट 2 फरवरी को सरकार को सौंप देगी. लिहाजा, आगामी विधानसभा सत्र के दौरान इससे संबंधित विधेयक लाकर यूनिफॉर्म सिविल कोड को प्रदेश में लागू किया जाएगा.
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ऐसी रही UCC की टाइमलाइन: बता दें कि, साल 2022 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने समान नागरिक संहिता को मुख्य मुद्दा बनाया था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ कहा था कि सरकार बनते ही पहला काम यूसीसी को लेकर किया जाएगा. बीजेपी को प्रचंड जीत मिली लेकिन सीएम धामी खटीमा से चुनाव हार गए, फिर भी उन्होंने ये बात को जोर देकर कहा था कि वो सीएम रहें या न रहें लेकिन यूसीसी राज्य में लागू किया जाएगा. हालांकि, बीजेपी आलाकमान ने धामी पर ही भरोसा जताते हुए उनको ही सीएम चुना और इसके साथ ही धामी कैबिनेट की पहली बैठक में यूसीसी को लेकर समिति बना दी गई. इस बीच जून में हुए उपचुनाव में धामी ने चंपावत से जीत दर्ज की.
धामी लगातार राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की दिशा में काम को लेकर जानकारियों साझा करते रहे. इस बीच 27 मई 2022 को सेवानृवित्त जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी बना दी गई. सबसे पहले विशेषज्ञ समिति को 30 जून 2023 तक सरकार को ड्राफ्ट सौंपना था लेकिन कुछ काम बढ़ने के कारण इसकी डेट 15 जुलाई 2023 की गई. इस दौरान कमेटी की अध्यक्ष ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेेंस कर ड्राफ्ट तैयार होने की बात कही और कहा कि जल्द ही इसे सरकार को सौंपा जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
फिर साल 2023 भी बीता और जानकारी सामने आई कि जनवरी 2024 में मसौदा सरकार को सौंप दिया जाएगा. तभी सरकार की ओर से बताया गया कि कुछ अन्य औचारिकताओं के चलते विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल फिर अगले 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है. हालांकि, अब सीएम धामी ने साफ कर दिया है कि फाइनली 2 फरवरी को ड्राफ्ट सरकार को सौंपा जाएगा और यूसीसी लागू किए जाने को लेकर ही 5 फरवरी से विधानसभा सत्र आहूत किया जाएगा.