पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार में कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इन 9 सीटों में एक सीट पटना साहिब भी है. यहां से एनडीए प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद और कांग्रेस प्रत्याशी अंशुल अविजित के बीच मुकाबला है. अंशुल अविजित पहली बार पटना साहिब से चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन इनका राजनीतिक बैकग्राउंड पुराना रहा है.
कौन है अंशुल अविजित? अंशुल अविजित कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. राजनीति विरासत में मिली है. सासाराम से आठ बार सांसद रह चुके देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम के नाती और सासाराम की दो बार सांसद रह चुकी लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार के पुत्र हैं. इस बार कांग्रेस ने पटना साहिब से उम्मीदवार बनाया है. अंशुल की दादी सुमित्रा देवी भी बिहार सरकार में पहली महिला कैबिनेट मंत्री रह चुकी थी. अंशुल कुशवाहा जाति से आते हैं.
विदेश में हुई शिक्षाः अंशुल अविजित पढ़े लिखे प्रत्याशी हैं. राजनीति शास्त्र के साथ इतिहास विषय में इंग्लैंड के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी और एमफिल की पढ़ाई की है. पिता मंजुल कुमार सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रह चुके हैं. मीरा कुमार भी भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी रह चुकी हैं. मीरा कुमार देश की पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष चुनी गई थी. मीरा कुमार को रामनाथ कोविंद के खिलाफ कांग्रेस ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार भी बनाया था.
12 मई को पीएम का रोड शोः पटना साहिब से रविशंकर प्रसाद लगातार सांसद रहे हैं. 12 मई को पीएम नरेंद्र मोदी रोड शो करने वाले हैं. इससे कांग्रेस प्रत्याशी अंशुल अविजित को कितनी चुनौती है? इस तमाम सवालों को लेकर ईटीवी भारत ने कांग्रेस प्रत्याशी अंशुल अविजित से खास बातचीत की. इसमें उन्होंने दावा किया है कि इसबार पटना साहिब में कांग्रेस की जीत हो रही है. वहीं उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत भी किया. बातचीत के प्रमुख अंश..
सवाल: पहली बार पटना साहिब लोकसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोड शो करने के लिए आ रहे हैं. इससे कितनी चुनौती है?
अंशुल अविजित: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पटना में स्वागत है. पटना की सड़के, गलियों, मंडियो की कैसी हालत है आकर देखें. प्रधानमंत्री मोदी यहां आ रहे हैं लेकिन उन्होंने जो सवा लाख करोड़ का वादा किया था उसका क्या हुआ उस पर उनको जवाब देना चाहिए. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा का वादा किया गया वह पूरा हुआ कि नहीं? सड़क बिजली, पानी, जाम की समस्या इन तमाम मुद्दों पर उनको बोलना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी के आने से यह साफ है कि बीजेपी कितनी परेशान है.
सवाल: पटना साहिब बीजेपी के लिए सेफ सीट मानी जाती है. कांग्रेस ने आपको यहां से प्रत्याशी बनाया है. इसे कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं?
अंशुल अविजित: बीजेपी के लिए पटना साहिब सीट सेफ सीट है यह मात्र एक प्रचार है. यह बीजेपी का घमंड और गुरूर है. बीजेपी के नेता जो यह घमंड करते हैं उसका जनता जवाब देगी. पटना साहब के बारे में जो बीजेपी की धारणा है वह कागज का महल या यू कहे कि मिट्टी का किला है जो बहुत जल्द खत्म हो जाएगा.
सवाल: कांग्रेस के खाते में 9 सीट गई थी. लेकिन पटना साहिब सीट पर सबसे अंत में प्रत्याशी का चयन हुआ. रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि उनके खिलाफ कांग्रेस को प्रत्याशी नहीं मिल रहा है.
अंशुल अविजित: लोगों को 5 साल से कोई कैंडिडेट दिख ही नहीं रहा था. 20 वर्षों से लोग खोज रहे थे कि कौन सांसद हैं. रवि शंकर प्रसाद बहुत ही वरिष्ठ है इसलिए उन पर बहुत कुछ कहना उचित नहीं होगा लेकिन उनको यह बताना चाहिए कि स्थानीय सांसद की गुमशुदगी का पोस्टर पटना की सड़कों पर क्यों चिपकाए गया था? सुख-दुख, शादी-सालगिरह या अन्य कोई काम में रविशंकर प्रसाद शामिल हुए. पटना की गली हो या कोई भी सड़क हो रवि शंकर प्रसाद के नाम का कोई भी बोर्ड आपको नहीं मिलेगा. मैं खुद रविशंकर प्रसाद को ढूंढ रहा हूं.
सवालः आपका राजनीतिक परिवार बड़ा रहा है. नाना जी देश के उपप्रधानमंत्री रह चुके हैं. मां चार बार सांसद और लोकसभा पहली की अध्यक्ष रह चुकी है. अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाना कितनी बड़ी चुनौती है?
अंशुल अविजित: मेरा परिवार और मेरी पृष्ठभूमि मेरे नाना जगजीवन राम और मेरी दादी सुमित्रा देवी से रहा है. दादी सुमित्रा देवी बिहार की पहली महिला कैबिनेट मिनिस्टर रह चुकी है. पटना के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उनका जो राजनीतिक परिवार रहा है चाहे वह बाबू जगजीवन राम हो, मां मीरा कुमार हो या दादी सुमित्रा देवी हों. सब के मन में लोगों की सेवा की भावना रही है. उसी भाव से चुनावी मैदान में उतरे हैं.
सवालः सासाराम आपके परिवार के लिए परंपरागत सीट रही है लेकिन इस बार आपको पटना साहिब सीट से चुनाव लड़वाया जा रहा है. इससे क्या परेशानी हो रही है?
अंशुल अविजित: पार्टी का यह निर्णय है. इस बात की खुशी है कि बिहार के चर्चित सीट से पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. यह भारतवर्ष है और यहां लोगों को आवाम के पास जाना पड़ता है. पार्टी के साथ-साथ महागठबंधन का यह निर्णय रहा है. जिस विश्वास के साथ पार्टी ने यहां भेजा है उस विश्वास के साथ लोगों के बीच जाएंगे और चुनाव जीतेंगे.
सवाल: आपकी सारी शिक्षा-दिक्षा विदेश से हुई है फिर अचानक राजनीति में आने का कैसे फैसला किया?
अंशुल अविजित: अचानक में राजनीति का फैसला नहीं लिया है. 1986 में मां मीरा कुमार बिजनौर से चुनाव लड़ रही थी. उस समय से अप्रत्यक्ष रूप से राजनीति में हूं. प्रत्यक्ष रूप से मैं राजनीति में नहीं था लेकिन मेरा पूरा परिवार राजनीति में सक्रिय रहा है. मैं हमेशा राजनीति में रहा हूं और जब भी चुनाव होता था मैं लोगों के ही बीच में रहा हूं. मैं यही का हूं और पटना का बेटा हूं. यहां रहूंगा और उनके हर सुख-दुख में साथ रहूंगा.
सवाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी बिहार आते हैं तो परिवारवाद पर सवाल उठाते हैं?
अंशुल अविजित: जिस परिवारवाद पर प्रधानमंत्री मोदी कटाक्ष करते हैं वह हमारे लिए हमारी सबसे बड़ी ताकत है. हमारे परिवार ने देश के प्रति जितनी सेवा और समर्पण दिखाया है वह मेरा सबसे बड़ा ताकत है. नाना जी उप प्रधानमंत्री बने और जब हरित क्रांति आई थी तब देश के कृषि मंत्री बने. 71 की लड़ाई में वह रक्षा मंत्री बने थे और एक शानदार फतह हासिल की थी. प्रधानमंत्री मोदी को भी अपने में झांकना चाहिए कि उनकी पार्टी परिवारवाद को किस तरीके से वह भी बढ़ावा दे रही है.
सवालः बीजेपी का दावा है कि 2024 में 400 पर आपको क्या लगता है?
अंशुल अविजित: बीजेपी बड़े-बड़े दावे कर रही है. 2004 में भी बीजेपी ने एक चमकते हुए भारत का स्लोगन दिया था लेकिन उसका परिणाम क्या हुआ सब लोगों देखा? यूपीए सरकार आई और पुरानी सरकार चली गई. यूपीए सरकार ने अनेक काम की. जिस मनरेगा पर बीजेपी वाले हंसते थे वही कोरोना कल में सबसे ज्यादा उपयोगी साबित हुआ. पटना साहिब में ऑक्सीजन की किल्लत से जो हुआ सभी ने देखा. श्मशान और कब्रिस्तान पूरा भर गया था.
सवालः बिहार में 40 सीट है. कितनी सीट जीतने की उम्मीद है. पिछली बार 40 में से 39 सीट एनडीए ने जीती?
अंशुल अविजित: आंकड़ों के खेल में मैं नहीं पड़ना चाहता. लोगों की उम्मीद और विश्वास बनकर इंडिया गठबंधन आई है. यह बिहार में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में जो वादे किए गए थे वह पूरा हुआ. कर्नाटक और तेलंगाना में जो कांग्रेस ने वादे किए थे वह वादा पूरा हुआ है. एक सकारात्मक राजनीति को लेकर लोग मैदान में उतरे हैं और उम्मीद है कि सफलता मिलेगी.
सवाल: मुस्लिम आरक्षण की बात बीजेपी उठा रही है तो क्या लगता है कि वोटो के ध्रुवीकरण का प्रयास किया जा रहा है?
अंशुल अविजित: बीजेपी की राजनीति कैसी होती है वह पूरे देश के लोग जानते हैं. बीजेपी के लोगों को पता चल जाता है कि वह हारने वाले हैं तो वह लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस तरीके की बात करते हैं. असली मुद्दा है कि देश में महंगाई चरम पर है. गैस सिलेंडर महंगे हो गए हैं. खाने पीने के सामान महंगी हो गई है. कांग्रेस ने रोजगार दिया था. महंगाई से लोगों को सुरक्षित रखा था. बीजेपी के लोग गलत आंकड़े देकर लोगों को भ्रमित कर रही है.
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