हरियाणा: हरियाणा में दो लोकसभा सीटों पर चुनाव आयोग ने दोबारा ईवीएम की जांच करने का फैसला किया है. इस मामले में करनाल से कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धि राजा और फरीदाबाद से महेंद्र प्रताप सिंह ने कुछ बूथों पर ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जताई थी. इसको लेकर कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों ने ईवीएम दोबोरा जांचने का आवेदन दिया था. कांग्रेस उम्मीदवारों के आवेदन को स्वीकर करते हुए चुनाव आयोग ने करनाल और फरीदाबाद लोकसभा सीटों के कुछ बूथों की ईवीएम चेक करने का फैसला किया है.
करनाल से कांग्रे के प्रत्याशी रहे बुद्धिराजा ने कहा कि चुनाव आयोग ने चुनाव से पहले गाइडलाइन जारी की थी, जिसके तहत प्रत्याशी को चुनाव के नतीजों के बाद ईवीएम चेक करवाने का प्रावधान है. उसी प्रावधान के तहत उन्होंने चार बूथों की ईवीएम की जांच की याचिका लगाई थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. करनाल सीट बीजेपी के उम्मीदवार मनोहर लाल से कांग्रेस दिव्यांशु बुद्धिराजा हार गये थे.
इस मामले में करनाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है. लेकिन उन्होंने चुनाव आयोग से कुछ कमियों को सुधारने की अपील की है. उन्होंने कहा कि इस प्रावधान में एक दो खामियां हैं, जिनको चुनाव आयोग को सुधारने की जरूरत है. इन मशीनों को प्रावधान के मुताबिक चुनाव के 45 दिनों के बाद चेक किया जायेगा, जब इलेक्शन पेटिशन का समय चला जायेगा. अगर इन मशीनों में कुछ गड़बड़ मिलती है तो प्रत्याशी के पास कोर्ट में जाने के रास्ते बंद हो जाएंगे.
बुद्धिराजा ने कहा कि हमारा चुनाव आयोग से अनुरोध है कि या तो मशीनों को 45 दिन के अंदर चेक करवाया जाए, या फिर प्रत्याशी को ग्रेस पीरियड दिया जाए. क्योंकि शिकायत करने वाले प्रत्याशी को इसके लिए भारी भरकम फीस देनी पड़ती है. इसलिए इसमें सुधार की जरूरत है.
करनाल लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल जीते थे. यहां से कांग्रेस बुद्धिराज चुनाव हार गये थे. वहीं फरीदाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कांग्रेस के महेंद्र प्रताप सिंह को हराया था. हरियाणा में इस बार कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 5 सीटें जीती हैं. जबकि बीजेपी पिछली बार के प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाई और केवल 5 सीट ही जीत पाई.