भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जीवन की दिशा के लिए संविधान को श्रेय दिया है और कहा है कि भले ही कोई यह मान ले कि वह अपने स्वार्थ के लिए कार्य करता है, लेकिन उनका अपना कल्याण संविधान के कल्याण में निहित है. न्यूज एजेंसी के साथ एक साक्षात्कार में पीएम मोदी ने विपक्ष के इस दावे को खारिज कर दिया कि अगर भाजपा के नेतृत्व वाला राजग लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीटें जीतता है तो उनका इरादा संविधान को बदलने और आरक्षण समाप्त करने का है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह भाजपा ही है, जिसने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी पृष्ठभूमि से सबसे अधिक संख्या में मंत्री दिए हैं. मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर कोटा के विषय को आरक्षण के समग्र मुद्दे के साथ जोड़ना गलत है. उन्होंने कहा, 'संविधान और उसके निर्माता कभी भी धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं चाहते थे.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'यह कांग्रेस ही है जिसने कई राज्यों में आरक्षण को कमजोर किया, धर्म के आधार पर दिया और संविधान का अपमान किया. वे इसे राष्ट्रीय स्तर पर भी करना चाहते हैं. मैंने यह स्पष्ट कर दिया है कि मैं ऐसा कभी नहीं होने दूंगा.' कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह एकमात्र उदाहरण है जब किसी सरकार ने संविधान को दरकिनार कर दिया और 'एक विशेष राजवंश की सनक पर' लोकतंत्र को निलंबित कर दिया.
अब, जब इस राजवंश की नवीनतम पीढ़ी अपने पूर्वजों की विरासत का उपयोग करना चाहती है, तो वे देखते हैं कि इतिहास में ऐसे कई काले धब्बे हैं. उन्हें लगता है कि इन काले निशानों को मिटाने का सबसे अच्छा तरीका बाकी सभी पर अलोकतांत्रिक होने का आरोप लगाना है. इसके बाद पीएम मोदी ने संविधान की जोरदार प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि का कोई व्यक्ति इसके बिना यहां तक कभी नहीं पहुंच सकता था.
उन्होंने कहा, 'मोदी बाबा साहब के संविधान से बने हैं और उन्हें शक्ति उसी से मिलती है. इसलिए भले ही आप मान लें कि मैं अपने स्वार्थ के लिए काम करता हूं, मेरा अपना कल्याण संविधान के कल्याण में ही निहित है.' एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि यह भाजपा ही है जिसके पास ऐसी सामाजिक पृष्ठभूमि वाले सबसे ज्यादा सांसद हैं. वह कौन सी पार्टी है जिसने देश को एक दलित और एक आदिवासी राष्ट्रपति दिया? ये बीजेपी है. यह दावा करना हास्यास्पद और बेतुका है कि हम एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के बारे में कुछ भी करेंगे.'