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ईसाइयों और मुस्लिमों के विवाह के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए तुरंत जरूरी कदम उठाएं, दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट का आदेश - Online registration of marriages

Online registration of marriages: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को अनिवार्य विवाह पंजीकरण आदेश, 2014 के तहत मुस्लिम और ईसाइयों के विवाह सहित अन्य विवाहों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है, ताकि लोगों के लिए यह प्रक्रिया आसान हो सके. क्या है पूरा मामला, आइए जानते हैं...

दिल्ली उच्च न्यायालय
दिल्ली उच्च न्यायालय (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 18, 2024, 8:52 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो दिल्ली में शादियों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन के आदेश को लागू करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था तत्काल शुरू करने के लिए कदम उठाएं. कोर्ट ने कहा कि इस व्यवस्था में मुस्लिम और ईसाई समुदाय से जुड़े लोगों की शादियों का रजिस्ट्रेशन भी ऑनलाइन तरीके से किया जाए. जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने ये आदेश जारी किया.

हाईकोर्ट ने कहा कि शादियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों के लिए प्रक्रिया आसान हो जाएगी. हाईकोर्ट ने कहा कि पहले की सुनवाई के दौरान प्रशासन की ओर से आश्वासन देने के बावजूद दिल्ली (विवाह का अनिवार्य पंजीकरण) आदेश 2014 के तहत शादियों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन के लिए न तो ऑनलाइन व्यवस्था बनी और न ही ऑफलाइन व्यवस्था बनी. खासकर मुस्लिम और ईसाई पर्सनल कानूनों के तहत शादियों का रजिस्ट्रेशन कराने वालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ये मामला 2021 से खिंचा चला आ रहा है.

यह भी पढ़ें- कोर्ट में केजरीवाल की दलील में इमरान खान से लेकर 'बीमा गिरफ्तारी' तक का जिक्र, पढ़ें दोनों पक्षों की दलील

शादियों का रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से लोगों को वीजा मिलने में दिक्कत हो रही है. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के आईटी और मैरिज ब्रांच को निर्देश दिया कि वे इन शादियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने के लिए कदम उठाएं. दरअसल, एक मुस्लिम जोड़ा को कनाडा जाने के लिए वीजा चाहिए था. वीजा के लिए उनकी शादी का सर्टिफिकेट मांगा जा रहा था. इस मुस्लिम जोड़े की शादी 1995 में हुई थी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी का रजिस्ट्रेशन करने का सुझाव दिया. स्पेशल मैरिज एक्ट शादियों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन संबंधी आदेश में मुस्लिम शादियों के प्रावधान को नजरअंदाज कर रहा था. जिसके बाद जोड़े ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

यह भी पढ़ें- दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा- गाजीपुर, भलस्वा डेयरियों को लैंडफिल साइटों से दूर स्थानांतरित करने के लिए जमीन तलाशें

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो दिल्ली में शादियों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन के आदेश को लागू करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था तत्काल शुरू करने के लिए कदम उठाएं. कोर्ट ने कहा कि इस व्यवस्था में मुस्लिम और ईसाई समुदाय से जुड़े लोगों की शादियों का रजिस्ट्रेशन भी ऑनलाइन तरीके से किया जाए. जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने ये आदेश जारी किया.

हाईकोर्ट ने कहा कि शादियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों के लिए प्रक्रिया आसान हो जाएगी. हाईकोर्ट ने कहा कि पहले की सुनवाई के दौरान प्रशासन की ओर से आश्वासन देने के बावजूद दिल्ली (विवाह का अनिवार्य पंजीकरण) आदेश 2014 के तहत शादियों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन के लिए न तो ऑनलाइन व्यवस्था बनी और न ही ऑफलाइन व्यवस्था बनी. खासकर मुस्लिम और ईसाई पर्सनल कानूनों के तहत शादियों का रजिस्ट्रेशन कराने वालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ये मामला 2021 से खिंचा चला आ रहा है.

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शादियों का रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से लोगों को वीजा मिलने में दिक्कत हो रही है. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के आईटी और मैरिज ब्रांच को निर्देश दिया कि वे इन शादियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने के लिए कदम उठाएं. दरअसल, एक मुस्लिम जोड़ा को कनाडा जाने के लिए वीजा चाहिए था. वीजा के लिए उनकी शादी का सर्टिफिकेट मांगा जा रहा था. इस मुस्लिम जोड़े की शादी 1995 में हुई थी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी का रजिस्ट्रेशन करने का सुझाव दिया. स्पेशल मैरिज एक्ट शादियों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन संबंधी आदेश में मुस्लिम शादियों के प्रावधान को नजरअंदाज कर रहा था. जिसके बाद जोड़े ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

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