ETV Bharat / bharat

एल्गार परिषद मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकर्ता महेश राउत को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी - Elgar Parishad case

सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी महेश राउत को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी है. कोर्ट ने कहा कि अंतरिम जमानत 26 जून से शुरू होगी और राउत को 10 जुलाई को बिना किसी चूक के आत्मसमर्पण करना होगा. पढ़ें पूरी खबर...

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (IANS)
author img

By Sumit Saxena

Published : Jun 21, 2024, 5:53 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एल्गार परिषद माओवादी संबंध मामले में आरोपी महेश राउत को उनकी दादी की मृत्यु के बाद होने वाली अनुष्ठानों में शामिल होने के लिए दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी है. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने यह निर्देश दिया.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अंतरिम जमानत की अवधि 26 जून से शुरू होगी और राउत को 10 जुलाई को आत्मसमर्पण करना होगा. शीर्ष अदालत ने राउत को 10 जुलाई को बिना किसी चूक के आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया और कहा कि रिहाई की शर्तें विशेष अदालत द्वारा निर्धारित की जाएंगी

बता दें, राउत ने 29-30 जून और 5-6 जुलाई को होने वाले अनुष्ठानों में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था.

यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गर परिषद सम्मेलन से संबंधित है, जिसे पुणे पुलिस के अनुसार माओवादियों द्वारा वित्त पोषित किया गया था. आरोप है कि वहां दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण अगले दिन पुणे में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक पर हिंसा हुई. बाद में मामले की जांच एनआईए ने की. पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने राउत को जमानत देने के अपने फैसले के क्रियान्वयन पर बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई रोक को बढ़ा दिया था.

ये भी पढ़ें-

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एल्गार परिषद माओवादी संबंध मामले में आरोपी महेश राउत को उनकी दादी की मृत्यु के बाद होने वाली अनुष्ठानों में शामिल होने के लिए दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी है. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने यह निर्देश दिया.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अंतरिम जमानत की अवधि 26 जून से शुरू होगी और राउत को 10 जुलाई को आत्मसमर्पण करना होगा. शीर्ष अदालत ने राउत को 10 जुलाई को बिना किसी चूक के आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया और कहा कि रिहाई की शर्तें विशेष अदालत द्वारा निर्धारित की जाएंगी

बता दें, राउत ने 29-30 जून और 5-6 जुलाई को होने वाले अनुष्ठानों में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था.

यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गर परिषद सम्मेलन से संबंधित है, जिसे पुणे पुलिस के अनुसार माओवादियों द्वारा वित्त पोषित किया गया था. आरोप है कि वहां दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण अगले दिन पुणे में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक पर हिंसा हुई. बाद में मामले की जांच एनआईए ने की. पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने राउत को जमानत देने के अपने फैसले के क्रियान्वयन पर बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई रोक को बढ़ा दिया था.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.