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बारामूला में पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार सज्जाद गनी को EC का नोटिस, चुनावी मानदंडों के उल्लंघन का आरोप - Lok Sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

जम्मू-कश्मीर में बारामूला लोकसबा सीट से जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पार्टी के उम्मीदवार सज्जाद गनी लोन को चुनाव आयोग ने शुक्रवार को एक नोटिस जारी किया. यह नोटिस उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट करने के लिए भेजा गया है, जिसमें कथित तौर पर 'कश्मीरियों के दर्द और पीड़ा' को प्रदर्शित किया गया है.

Election Commission of India
भारतीय चुनाव आयोग (ANI Photo)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 11, 2024, 3:38 PM IST

श्रीनगर: भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और बारामूला लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार सज्जाद गनी लोन को कथित 'कश्मीरियों के दर्द और पीड़ा' को प्रदर्शित करने वाला एक वीडियो पोस्ट करने पर नोटिस जारी किया गया.

इस संबंध में लोन को जारी नोटिस में, जिला चुनाव अधिकारी कुपवाड़ा ने पीसी प्रमुख से यह बताने के लिए कहा कि उन्होंने मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) से पूर्व मंजूरी/पूर्व-प्रमाणन के बिना अपने ट्विटर हैंडल पर वीडियो क्यों अपलोड किया.

नोटिस में लोन से एक दिन के भीतर अपना जवाब देने को कहा गया है. इसमें पूछा गया है कि 'बारामूला से जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार सज्जाद गनी लोन को नोटिस देकर यह बताने के लिए कहा जाता है कि आपकी ओर से ऐसा उल्लंघन क्यों किया गया है.'

नोटिस जारी होने के तुरंत बाद, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी) ने पीसी अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए एक गाने को लक्षित करते हुए चुनाव आयोग द्वारा दिए गए नोटिस पर गहरी चिंता और निराशा व्यक्त की है.

पीसी प्रवक्ता अदनान अशरफ मीर ने कहा कि 'विषयक वीडियो पार्टी का आधिकारिक गीत नहीं है, बल्कि कश्मीरी युवाओं द्वारा बनाया गया है. यह कश्मीरी लोगों की हार्दिक भावनाओं का प्रतीक है, जो दशकों से इस क्षेत्र में अनुभव किए गए स्थायी दर्द और पीड़ा को स्पष्ट रूप से चित्रित करता है.'

उन्होंने आगे कहा कि 'हमारा दृढ़ विश्वास है कि ऐसे गीत को साझा करना, जो क्षेत्र के दर्दनाक इतिहास को दर्शाता है, उसको चुनावी मानदंडों के उल्लंघन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.' उन्होंने आगे चुनाव आयोग से आग्रह किया कि वह 'नियमों को समान रूप से लागू करें और चयनात्मक जांच से बचें और चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने के लिए निष्पक्षता और समानता अपरिहार्य है.'

उन्होंने आगे कहा कि 'यह एक पैटर्न देखना निराशाजनक है, जहां चुनाव आयोग दूसरों के प्रति उदारता दिखाते हुए हमारी पार्टी को जांच के लिए चुनता है. हम दृढ़ता से इस बात पर जोर देते हैं कि अतीत की गलतियां, जैसे कि 1987 की गलतियां, जो प्रशासन के पक्षपाती दृष्टिकोण की विशेषता थीं, उसको दोहराया नहीं जाना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि 'बिना किसी पूर्वाग्रह के सभी राजनीतिक संस्थाओं के लिए समान अवसर उपलब्ध कराया जाना चाहिए. चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार से बचना चाहिए. जेकेपीसी पर लागू नियम एनसी सहित सभी राजनीतिक संस्थाओं पर समान रूप से लागू होने चाहिए.'

प्रासंगिक रूप से, चुनाव वीडियो गीत शुक्रवार को पीसी प्रमुख सज्जाद लोन द्वारा साझा किया गया था. लोन ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि 'कश्मीरियों के दर्द और तकलीफों का अद्भुत संगीतमय उद्गार. ताराथपोरा के हमारे बहुत ही युवा और प्रतिभाशाली इशफाक अहमद द्वारा अद्भुत गीत. अलूसा के डायनामिक बिलाल द्वारा बहुत अच्छी तरह से सहायता की गई.'

श्रीनगर: भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और बारामूला लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार सज्जाद गनी लोन को कथित 'कश्मीरियों के दर्द और पीड़ा' को प्रदर्शित करने वाला एक वीडियो पोस्ट करने पर नोटिस जारी किया गया.

इस संबंध में लोन को जारी नोटिस में, जिला चुनाव अधिकारी कुपवाड़ा ने पीसी प्रमुख से यह बताने के लिए कहा कि उन्होंने मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) से पूर्व मंजूरी/पूर्व-प्रमाणन के बिना अपने ट्विटर हैंडल पर वीडियो क्यों अपलोड किया.

नोटिस में लोन से एक दिन के भीतर अपना जवाब देने को कहा गया है. इसमें पूछा गया है कि 'बारामूला से जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार सज्जाद गनी लोन को नोटिस देकर यह बताने के लिए कहा जाता है कि आपकी ओर से ऐसा उल्लंघन क्यों किया गया है.'

नोटिस जारी होने के तुरंत बाद, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी) ने पीसी अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए एक गाने को लक्षित करते हुए चुनाव आयोग द्वारा दिए गए नोटिस पर गहरी चिंता और निराशा व्यक्त की है.

पीसी प्रवक्ता अदनान अशरफ मीर ने कहा कि 'विषयक वीडियो पार्टी का आधिकारिक गीत नहीं है, बल्कि कश्मीरी युवाओं द्वारा बनाया गया है. यह कश्मीरी लोगों की हार्दिक भावनाओं का प्रतीक है, जो दशकों से इस क्षेत्र में अनुभव किए गए स्थायी दर्द और पीड़ा को स्पष्ट रूप से चित्रित करता है.'

उन्होंने आगे कहा कि 'हमारा दृढ़ विश्वास है कि ऐसे गीत को साझा करना, जो क्षेत्र के दर्दनाक इतिहास को दर्शाता है, उसको चुनावी मानदंडों के उल्लंघन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.' उन्होंने आगे चुनाव आयोग से आग्रह किया कि वह 'नियमों को समान रूप से लागू करें और चयनात्मक जांच से बचें और चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने के लिए निष्पक्षता और समानता अपरिहार्य है.'

उन्होंने आगे कहा कि 'यह एक पैटर्न देखना निराशाजनक है, जहां चुनाव आयोग दूसरों के प्रति उदारता दिखाते हुए हमारी पार्टी को जांच के लिए चुनता है. हम दृढ़ता से इस बात पर जोर देते हैं कि अतीत की गलतियां, जैसे कि 1987 की गलतियां, जो प्रशासन के पक्षपाती दृष्टिकोण की विशेषता थीं, उसको दोहराया नहीं जाना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि 'बिना किसी पूर्वाग्रह के सभी राजनीतिक संस्थाओं के लिए समान अवसर उपलब्ध कराया जाना चाहिए. चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार से बचना चाहिए. जेकेपीसी पर लागू नियम एनसी सहित सभी राजनीतिक संस्थाओं पर समान रूप से लागू होने चाहिए.'

प्रासंगिक रूप से, चुनाव वीडियो गीत शुक्रवार को पीसी प्रमुख सज्जाद लोन द्वारा साझा किया गया था. लोन ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि 'कश्मीरियों के दर्द और तकलीफों का अद्भुत संगीतमय उद्गार. ताराथपोरा के हमारे बहुत ही युवा और प्रतिभाशाली इशफाक अहमद द्वारा अद्भुत गीत. अलूसा के डायनामिक बिलाल द्वारा बहुत अच्छी तरह से सहायता की गई.'

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