नई दिल्ली: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को नई दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर इलाके में एक कोचिंग सेंटर में तीन सिविल सर्विस कैंडिडेट्स की मौत के पीछे लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया. न्यूज एजेंसी एएनआई ने मंत्री के हवाले से कहा, "घटना लापरवाही की वजह से हुई. जब जवाबदेही तय होगी, तभी समाधान निकलेगा...यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि ऐसी घटना दोबारा न हो."
इससे पहले मंत्री ने लोकसभा में कहा था कि सरकार ने इस साल जनवरी में कोचिंग सेंटरों के नियमन के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए थे. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने RAU आईएएस कोचिंग सेंटर में श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन दलविन की मौत के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) को जिम्मेदार ठहराया है.
'कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करना चाहिए था'
इस संबंध मे बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जो लोग इन मौतों के लिए जिम्मेदार थे, उनके चेहरे पर तनाव का कोई निशान तक नहीं दिखा, आंसू बहाना तो दूर की बात है. एएनआई के मुताबिक त्रिवेदी ने राज्यसभा में कहा, "सरकार को कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करना चाहिए था, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रही. जो घटना हुई, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है...यह दुखद है कि जो लोग इसके लिए जिम्मेदार थे, उन्होंने न केवल आंसू बहाए, न ही उनके चेहरे पर कोई तनाव था उनके चेहरे पर शिकन तक नहीं आई)..."
अतिक्रमण विरोधी अभियान
उधर, आम आदमी पार्टी द्वारा नियंत्रित दिल्ली नगर निगम (MCD) ने तीन सिविल सर्विस कैंडिडेट्स की मौत के बाद अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू किया और एक अधिकारी को बर्खास्त कर दिया, वहीं, एक अन्य को निलंबित कर दिया. इससे पहले रविवार को नगर निगम ने इलाके में 13 अवैध कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया गया.
तीन छात्रों की मौत
बता दें कि RAU के आईएएस स्टडी सर्किल को पुलिस ने पहले ही सील कर दिया है, जहां शनिवार को बारिश के कारण बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी. एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार ने पीटीआई को बताया कि कोचिंग सेंटर में हुई मौतों के सिलसिले में एक जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया गया है और एक सहायक इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है.