ETV Bharat / bharat

मनरेगा मामले में ED ने बंगाल सरकार के अफसरों को तलब किया

MGNREGA in West Bengal : पश्चिम बंगाल में मनरेगा के तहत नौकरी योजना में अनियमितताओं को लेकर ईडी ने अफसरों को पूछताछ के लिए तलब किया है. पढ़िए पूरी खबर...

Enforcement Directorate
प्रवर्तन निदेशालय
author img

By IANS

Published : Feb 8, 2024, 4:29 PM IST

कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में मनरेगा के तहत 100 दिन की नौकरी योजना के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में पूछताछ के लिए राज्य सरकार के कई अधिकारियों को नोटिस जारी किया. सूत्रों ने बताया कि इन सभी को 12 से 15 फरवरी के बीच कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में ईडी के साल्ट लेक कार्यालय में बुलाया गया है.

तलब किए गए लोगों में से दो पश्चिम बंगाल सिविल सेवा (डब्ल्यूबीसीएस) कैडर के अधिकारी हैं. इनमें से एक डिप्टी कलेक्टर रैंकिंग अधिकारी हैं और दूसरे सुवरांग्शु मंडल हैं, जो एक डब्ल्यूबीसीएस अधिकारी भी हैं. सूत्रों ने कहा कि ईडी के अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल में प्रारंभिक जांच के बाद 100 दिन की नौकरी योजना के कार्यान्वयन में दो प्रकार की अनियमितताओं की पहचान की है.

सूत्रों के मुताबिक पहली अनियमितता इस योजना के तहत लाभार्थियों के लिए बनाए गए फर्जी जॉब कार्ड को लेकर है. दूसरी अनियमितता फर्जी जाति प्रमाण पत्र का उपयोग है जिसका उपयोग फर्जी जॉब कार्ड बनाने की प्रक्रिया में किया गया था. बता दें कि मंगलवार को ही ईडी के अधिकारियों ने इस मामले के संबंध में पश्चिम बंगाल में चार अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया था. सूत्रों ने कहा कि ईडी के अधिकारी चुपचाप विशिष्ट शिकायतों और इनपुट के आधार पर 100 दिन की नौकरी योजना में पृष्ठभूमि की जांच कर रहे थे, जो उन्हें प्राप्त हुआ.

गौरतलब है कि बुनियादी सबूत जमा करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ईडी के अधिकारियों ने मंगलवार सुबह से ये छापेमारी और तलाशी अभियान शुरू किया. वर्तमान में, जांच का फोकस इस बात पर है कि कैसे राज्य सरकार के कर्मचारियों के एक वर्ग के साथ-साथ कुछ राजनीतिक पदाधिकारियों ने फर्जी जॉब कार्ड के निर्माण के माध्यम से अनियमितताओं को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मामले में ईडी की कार्रवाई काफी अहम है.

ये भी पढ़ें - प.बंगाल: मनरेगा कोष के 'गबन' मामले में ईडी की कई जगहों पर छापेमारी

कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में मनरेगा के तहत 100 दिन की नौकरी योजना के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में पूछताछ के लिए राज्य सरकार के कई अधिकारियों को नोटिस जारी किया. सूत्रों ने बताया कि इन सभी को 12 से 15 फरवरी के बीच कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में ईडी के साल्ट लेक कार्यालय में बुलाया गया है.

तलब किए गए लोगों में से दो पश्चिम बंगाल सिविल सेवा (डब्ल्यूबीसीएस) कैडर के अधिकारी हैं. इनमें से एक डिप्टी कलेक्टर रैंकिंग अधिकारी हैं और दूसरे सुवरांग्शु मंडल हैं, जो एक डब्ल्यूबीसीएस अधिकारी भी हैं. सूत्रों ने कहा कि ईडी के अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल में प्रारंभिक जांच के बाद 100 दिन की नौकरी योजना के कार्यान्वयन में दो प्रकार की अनियमितताओं की पहचान की है.

सूत्रों के मुताबिक पहली अनियमितता इस योजना के तहत लाभार्थियों के लिए बनाए गए फर्जी जॉब कार्ड को लेकर है. दूसरी अनियमितता फर्जी जाति प्रमाण पत्र का उपयोग है जिसका उपयोग फर्जी जॉब कार्ड बनाने की प्रक्रिया में किया गया था. बता दें कि मंगलवार को ही ईडी के अधिकारियों ने इस मामले के संबंध में पश्चिम बंगाल में चार अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया था. सूत्रों ने कहा कि ईडी के अधिकारी चुपचाप विशिष्ट शिकायतों और इनपुट के आधार पर 100 दिन की नौकरी योजना में पृष्ठभूमि की जांच कर रहे थे, जो उन्हें प्राप्त हुआ.

गौरतलब है कि बुनियादी सबूत जमा करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ईडी के अधिकारियों ने मंगलवार सुबह से ये छापेमारी और तलाशी अभियान शुरू किया. वर्तमान में, जांच का फोकस इस बात पर है कि कैसे राज्य सरकार के कर्मचारियों के एक वर्ग के साथ-साथ कुछ राजनीतिक पदाधिकारियों ने फर्जी जॉब कार्ड के निर्माण के माध्यम से अनियमितताओं को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मामले में ईडी की कार्रवाई काफी अहम है.

ये भी पढ़ें - प.बंगाल: मनरेगा कोष के 'गबन' मामले में ईडी की कई जगहों पर छापेमारी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.