कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस नेता और खेल एवं युवा मामले, बिजली और आवास मंत्री अरूप बिस्वास अब प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर हैं. अल्केमिस्ट ग्रुप से जुड़े 1,900 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने बिस्वास को पूछताछ के लिए बुलाया है. उन्हें आवश्यक दस्तावेजों के साथ गुरुवार को साल्ट लेक में सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है.
प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक, बिस्वास को अलकेमिस्ट चिटफंड मामले में तलब किया गया है, जिसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 10 साल पहले शुरू हुई थी. उस वक्त केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच शुरू की. चूंकि भ्रष्टाचार में वित्तीय मामले शामिल थे, इसलिए मामले की जांच बाद में ईडी ने की.
सूत्रों के अनुसार, समन के तुरंत बाद बिस्वास ने स्पष्ट रूप से ईडी कार्यालय को एक संदेश भेजा और उनसे अनुरोध किया कि उन्हें जांच एजेंसी के अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कुछ समय दिया जाए. गौरतलब है कि हाल ही में इसी चिटफंड मामले की जांच के लिए ईडी ने मुकुल रॉय को समन भेजा था.
ईडी के अधिकारियों ने कुछ दिन पहले मुकुल रॉय के घर जाकर उनसे पूछताछ की थी, क्योंकि वह बीमारी के कारण पूछताछ में शामिल नहीं हुए थे. अब ममता बनर्जी सरकार के मंत्री अरूप बिस्वास को नोटिस भेजा गया है. हालांकि, कई प्रयासों के बावजूद इस संबंध में बिस्वास से संपर्क नहीं किया जा सका. ईडी के सूत्रों ने खुलासा किया कि कई राज्यों के प्रभावशाली लोग काले धन को सफेद में बदलने के लिए अलकेमिस्ट ग्रुप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल हैं.
तो सवाल उठता है कि क्या अरूप बिस्वास को उन प्रभावशाली लोगों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए बुलाया गया है? या मुकुल रॉय से पूछताछ के बाद राज्य के बिजली मंत्री को कई अनुत्तरित मामलों पर प्रतिक्रिया लेने के लिए बुलाया गया था? हालांकि, केंद्रीय एजेंसी की ओर से इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता.