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सीएम हेमंत सोरेन की जमानत के खिलाफ ईडी पहुंची सुप्रीम कोर्ट, 28 जून को मिली थी बेल - Hemant Soren bail

ED demanded cancellation of bail from SC. हेमंत सोरेन ने विश्वास मत जीत लिया, कैबिनेट का विस्तार भी कर लिया और विभागों का बंटवारा भी कर दिया. इसके बाद उनसे से जुड़ी और मुश्किल पैदा करने वाली खबर सामने आई है. सीएम हेमंत सोरेन की जमानत को लेकर ईडी ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 8, 2024, 9:22 PM IST

Updated : Jul 8, 2024, 9:54 PM IST

ED moves Supreme Court against CM Hemant Soren bail
ग्राफिक्स इमेज (ETV Bharat)

रांचीः प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 8.36 एकड़ भूमि के कथित अवैध कब्जे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दी गई जमानत को चुनौती दी है. इसके लिए जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

ईडी ने तर्क दिया है कि हेमंत सोरेन को जमानत देने का झारखंड हाई कोर्ट का आदेश अवैध है और कोर्ट ने यह कहकर गलती की है कि हेमंत सोरेन के खिलाफ कोई प्रथम दृष्टया सबूत नहीं है. बता दें कि यह घटनाक्रम सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अपना बहुमत साबित करने के बाद हुआ है.

झारखंड हाई कोर्ट द्वारा जमानत पर रिहा होने के कुछ दिनों बाद सोरेन ने 4 जुलाई को तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली. 28 जून को हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के बाद वे बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल से बाहर निकाले. मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उन्हें 31 जनवरी को रांची राजभवन से गिरफ्तार किया गया था. हाई कोर्ट में जमानत की सुनवाई के दौरान सोरेन के वकील ने तर्क दिया कि मामला सिविल प्रकृति का है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिस भूमि को भुइंहारी कहा जाता है, उसे कानूनी रूप से हस्तांतरित नहीं किया जा सकता. उन्होंने आगे कहा कि मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का कोई तत्व शामिल नहीं था.

13 जून को झारखंड हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में सुनवाई हुई. जिसमें हेमंत सोरेन की बचाव टीम और ईडी के सहायक सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू दोनों की दलीलों के बाद समाप्त हुई. विचार-विमर्श के बाद, अदालत ने हेमंत सोरेन को नियमित जमानत देने का फैसला किया. बेल मिलने क बाद हेमंत सोरेन ने कहा था कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया था और उन्हें पांच महीने जेल में बिताने के लिए मजबूर किया गया था.

31 जनवरी को हुई थी गिरफ्तारी

ईडी ने जमीन घोटाले में 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था. 28 जून को हाईकोर्ट ने हेमंत को जमानत दे दी थी. ईडी सूत्रों की मानें तो अब एजेंसी ने जांच में आए तथ्यों के आधार पर हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करने की अपील सुप्रीम कोर्ट से की है. हेमंत सोरेन के खिलाफ जमीन घोटाले के केस में ईडी 30 मार्च को चार्जशीट कर चुकी है. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा था कि जांच में एजेंसी कोई साक्ष्य नहीं जुटा पायी है.

जमीन कारोबारी कमलेश को ईडी का चौथा समन

वहीं दूसरी तरफ रांची जमीन घोटाले में जमीन कारोबारी कमलेश कुमार को ईडी ने चौथा समन भेजा है. जांच एजेंसी ने कमलेश को अब शुक्रवार 12 जुलाई को उपस्थिति का समन भेजा है. कमलेश के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान एक करोड़ नकदी और 100 कारतूस मिले थे.

इसे भी पढ़ें- क्या है झारखंड का लैंड स्कैम, क्यों गिरफ्तार हुए थे हेमंत सोरेन, ईडी के पहले समन से लेकर अब तक क्या कुछ हुआ है इस केस में, पढ़ें रिपोर्ट - LAND SCAM CASE

इसे भी पढ़ें- लैंड स्कैम मामले में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को मिली जमानत, हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला - Hemant Soren Bail

इसे भी पढ़ें- किस आधार पर हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन को दी जमानत, पढ़े रिपोर्ट - Bail to Hemant Soren

रांचीः प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 8.36 एकड़ भूमि के कथित अवैध कब्जे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दी गई जमानत को चुनौती दी है. इसके लिए जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

ईडी ने तर्क दिया है कि हेमंत सोरेन को जमानत देने का झारखंड हाई कोर्ट का आदेश अवैध है और कोर्ट ने यह कहकर गलती की है कि हेमंत सोरेन के खिलाफ कोई प्रथम दृष्टया सबूत नहीं है. बता दें कि यह घटनाक्रम सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अपना बहुमत साबित करने के बाद हुआ है.

झारखंड हाई कोर्ट द्वारा जमानत पर रिहा होने के कुछ दिनों बाद सोरेन ने 4 जुलाई को तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली. 28 जून को हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के बाद वे बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल से बाहर निकाले. मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उन्हें 31 जनवरी को रांची राजभवन से गिरफ्तार किया गया था. हाई कोर्ट में जमानत की सुनवाई के दौरान सोरेन के वकील ने तर्क दिया कि मामला सिविल प्रकृति का है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिस भूमि को भुइंहारी कहा जाता है, उसे कानूनी रूप से हस्तांतरित नहीं किया जा सकता. उन्होंने आगे कहा कि मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का कोई तत्व शामिल नहीं था.

13 जून को झारखंड हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में सुनवाई हुई. जिसमें हेमंत सोरेन की बचाव टीम और ईडी के सहायक सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू दोनों की दलीलों के बाद समाप्त हुई. विचार-विमर्श के बाद, अदालत ने हेमंत सोरेन को नियमित जमानत देने का फैसला किया. बेल मिलने क बाद हेमंत सोरेन ने कहा था कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया था और उन्हें पांच महीने जेल में बिताने के लिए मजबूर किया गया था.

31 जनवरी को हुई थी गिरफ्तारी

ईडी ने जमीन घोटाले में 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था. 28 जून को हाईकोर्ट ने हेमंत को जमानत दे दी थी. ईडी सूत्रों की मानें तो अब एजेंसी ने जांच में आए तथ्यों के आधार पर हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करने की अपील सुप्रीम कोर्ट से की है. हेमंत सोरेन के खिलाफ जमीन घोटाले के केस में ईडी 30 मार्च को चार्जशीट कर चुकी है. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा था कि जांच में एजेंसी कोई साक्ष्य नहीं जुटा पायी है.

जमीन कारोबारी कमलेश को ईडी का चौथा समन

वहीं दूसरी तरफ रांची जमीन घोटाले में जमीन कारोबारी कमलेश कुमार को ईडी ने चौथा समन भेजा है. जांच एजेंसी ने कमलेश को अब शुक्रवार 12 जुलाई को उपस्थिति का समन भेजा है. कमलेश के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान एक करोड़ नकदी और 100 कारतूस मिले थे.

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Last Updated : Jul 8, 2024, 9:54 PM IST
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