रांची: झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग में ठेकों में कमीशनखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर ईडी ने लगातार दूसरे दिन भी छापेमारी की. ईडी ने दूसरे दिन 2.14 करोड़ रुपये ठेकेदार राजीव कुमार सिंह के मेकॉन वाटिका स्थित फ्लैट में छापेमारी कर बरामद किया है. ठेकेदार राजीव सिंह उर्फ राजू को लेकर ईडी ने कई खुलासे किए हैं.
ईडी ने जांच में खुलासा किया है कि बीते एक माह में ठेकेदारों से वसूली कर राजीव कुमार सिंह ने दस करोड़ रुपये मंत्री आलमगीर आलम के ओएसडी संजीव लाल को दिए थे. ईडी सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को ओएसडी के नौकर जहांगीर, कारोबारी साझेदार मुन्ना कुमार सिंह के यहां से बरामद 35.23 करोड़ रुपये के स्रोत की जांच के दौरान राजीव कुमार सिंह का नाम उभर कर सामने आया था.
ईडी ने छापेमारी के बाद संजीव लाल को 6-7 मई की रात 12.40 बजे और जहांगीर को रात दो बजे ईडी ने गिरफ्तार कर लिया गया था. मंगलवार की सुबह ईडी की टीम ने एक साथ ठेकेदार व इंजीनियरों के ठिकाने पर दबिश दी. इस दौरान पैसे की बरामदगी के बाद बैंक से नोट गिनने की मशीन मंगायी गई थी.
पांच ठिकानों पर छापा, इंजीनियरों पर भी दबिश
ईडी की टीम ने मंगलवार को राजीव कुमार सिंह के अलावे ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर राजकुमार उरांव के हेसल बगीचाटोली स्थित आवास, इंजीनियर अर्जुन मुंडा के कांके पतराटोली स्थित आवास समेत पांच ठिकानों पर भी छापेमारी की. टीम मुंडा के एक रिश्तेदार के बीआईटी मेसरा स्थित आवास भी गई थी, लेकिन वहां से टीम बाद में निकल गई. ईडी ने मंगलवार को भी इंजीनियर कुलदीप मिंज व विकास कुमार के यहां छापेमारी की थी.
तीन माह में जमा किया गया था 35.23 करोड़ कमीशन
ईडी जांच में आए तथ्यों के मुताबिक, जहांगीर के गाड़ीखाना स्थित फ्लैट से जो 31.20 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे, वह महज तीन माह में जमा किए गए थे. फ्लैट की खरीद भी कुछ माह पूर्व जहांगीर के नाम पर सिर्फ इसलिए की गई थी ताकि यहां पैसों को रखा जा सके. मुन्ना सिंह के यहां से बरामद 2.93 करोड़ रुपये भी यहीं शिफ्ट किए जाने थे, लेकिन इससे पहले ईडी की टीम ने छापेमारी कर इन पैसों को बरामद कर लिया.
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