श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को यहां कहा कि भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र बहाल करने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए और केंद्र शासित प्रदेश में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव के तारीखों की भी घोषणा करनी चाहिए.
अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'हमें चुनाव आयोग से कोई अपेक्षा नहीं है. चुनाव आयोग को लोकतंत्र को बनाए रखने के अपने मिशन के हिस्से के रूप में अपनी भूमिका निभानी चाहिए. जम्मू-कश्मीर में 10 साल से विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं.'
'एक राष्ट्र एक चुनाव' पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई वाली समिति द्वारा एक रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने का जिक्र करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर से इस नीति को शुरू करने का एक सुनहरा अवसर है.
उमर ने कहा, 'पूर्व राष्ट्रपति ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर एक रिपोर्ट सौंपी है. अगर आप जम्मू-कश्मीर से इसकी शुरुआत नहीं करते, तो हम उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं: 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का ढोल पीटना. क्या यह लोगों को मूर्ख बनाने के लिए है?'
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने हैं और यह एक सुनहरा मौका है कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की जाएं. यह पूछे जाने पर कि क्या 'पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन' (पीएजीडी) अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए आने वाले दिनों में बैठक करेगा, अब्दुल्ला ने कहा कि यह सवाल गठबंधन के पदाधिकारियों से पूछा जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'अगर कोई (बैठक) होती है, तो आप (गठबंधन अध्यक्ष) फारूक अब्दुल्ला से पूछें. मैं पीएजीडी में पदाधिकारी नहीं हूं, मैं नेकां से हूं. उन लोगों से पूछें जो पीएजीडी में पदाधिकारी हैं.'