चमोलीः उत्तराखंड में एक बारिश मॉनसून के कारण आसमान से आफत की बारिश बरस रही है तो चमोली में रविवार देर शाम भूकंप ने लोगों को दहशत में डाल दिया. अचानक आए भूकंप के बाद लोग डरकर घरों से बाहर निकल आए. भूकंप के झटके कुछ समय तक लगते रहे. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल में 3.5 मापी गई है.
Earthquake of magnitude 3.5 strikes Chamoli, Uttarakhand: National Center for Seismology pic.twitter.com/sIquOXgO7x
— ANI (@ANI) July 7, 2024
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार रविवार देर रात 9 बजकर 9 मिनट पर को उत्तराखंड के चमोली में भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गई है. भूकंप का केंद्र अक्षांश 30.60 उत्तर और देशांतर 79.45 पूर्व में 5 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था. लोगों को भूकंप के झटके महसूस होते ही हड़कंप मच गया. लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए. हालांकि, अभी तक भूकंप से किसी तरह के कोई नुकसान की सूचना नहीं मिली है.
आपदा कंट्रोल रूम चमोली के मुताबिक, भूकंप से किसी भी तरह के जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है. जिले में कहीं से भी नुकसान की खबर नहीं है. आपदा प्रबंधन कार्यालय लगातार सभी अधिकारियों से भूकंप से संबंधित जानकारी ले रहा है.
भूकंप जोन 4 और 5 में आता है उत्तराखंडः बता दें उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है. क्योंकि, उत्तराखंड भूकंप जोन 4 और 5 में आता है. जिसकी वजह से यहां भूकंप का खतरा है. उत्तराखंड के अति संवेदनशील जोन 5 की बात करें इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं. जबकि, उधम सिंह नगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी और अल्मोड़ा जोन 4 में आते हैं. वहीं, देहरादून और टिहरी जिले दोनों जोन में आते हैं.
क्यों आता है भूकंपः हिमालय की टेक्टोनिक प्लेटों में होने वाले बदलावों की वजह से झटके लगते हैं. हिमालय के नीचे लगातार हलचल हो रही है. इस हलचल की वजह से धरती पर दबाव बढ़ता है, जो भूकंप के रूप में सामने आता है. उत्तराखंड रीजन जिसे सेंट्रल सिस्मिक गैप भी कहा जाता है. यहां 1999 के बाद बड़ा भूकंप नहीं आया है. ऐसे में वैज्ञानिक मान रहे हैं, यहां कभी भी बड़ा भूकंप का सामना करना पड़ सकता है.
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