गया : विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2024 आगामी 17 सितंबर से मोक्ष नगरी गया जी में शुरू होने जा रहा है. इस पितृपक्ष मेले में 12 से 15 लाख के आसपास तीर्थ यात्रियों के आने की संभावना है. ये तीर्थयात्री पिंडदान कर अपने पितरों को मोक्ष दिलाएंगे. वहीं, जो तीर्थ यात्री गया जी नहीं आ सकते, उनके लिए ऑनलाइन पिंडदान की व्यवस्था की गई है. देश के अलावा विदेशों के श्रद्धालुओं के लिए भी यह सुविधा है. ई पिंडदान से कर्मकांड कर देश ही नहीं, बल्कि विदेश के लोग भी अपने पितरों का पिंडदान कर सकेंगे. इस तरह देश-विदेश के जो लोग अपने पितरों का पिंडदान करना चाहते हैं और गया जी नहीं आ सकते. वे ई पिंडदान के माध्यम से अपने पूर्वजों के मोक्ष की कामना कर सकते हैं.
मोक्ष धाम में ई पिंडदान की व्यवस्था : वर्ष 2024 पितृपक्ष मेल को लेकर ई पिंडदान की व्यवस्था की गई है. ई पिंडदान से काफी संख्या में लोग लाभान्वित होंगे और अपने पूर्वजों का ऑनलाइन पिंडदान कर सकेंगे. इसके लिए बुकिंग शुरू कर दी गई है. इसके लिए बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के वेबसाइट पर जाना होगा और बुकिंग करनी होगी. इसके लिए एक पैकेज तैयार किया गया है. पैकेज में पिंडदान की सामग्री, गयापाल पंंडा, पंडित जी पूजन सामग्री सब उपलब्ध होगा. इस पैकेज में दक्षिणा और अन्य खर्च भी तय किए गए हैं.
''वर्ष 2024 पितृ पक्ष में ले को लेकर ई पिंडदान का पैकेज लॉन्च किया गया है. इसकी पूरी जानकारी वेबसाइट पर दी गई है. लोग इसपर जानकारी ले सकते हैं.''- नागेंद्र प्रसाद, बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के पदाधिकारी
23 हजार का है पैकेज : जानकारी के अनुसार, बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने इस साल पितृपक्ष मेले में ई पिंडदान के लिए 23 हजार रुपए का पैकेज लाया है. इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग कर सकेंगे. पर्यटन निगम की वेबसाइट पर ई पिंडदान के पैकेज को लांच किया गया है, जिसकी राशि 23 हजार रुपए तय की गई है. बताया जाता है, कि ई पिंडदान का शुल्क 21500 होगा. वहीं, बिहार राज्य पर्यटन निगम 1429 रूपया सेवा शुल्क के रूप में लगेगा. इसमें 5% प्रतिशत जीएसटी भी जोड़ा जाएगा. इस तरह कुल मिलाकर करीब 23 हजार रुपए का पैकेज निर्धारित किया गया है.
विदेश से भी बुकिंग शुरू : वहीं, विदेशों से भी पिंडदान के लिए बुकिंग शुरू हो गई है. बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के वेबसाइट से पूरी जानकारी लेकर बुकिंग करवा रहे हैं. फिलहाल विदेशी श्रद्धालुओं ने बुकिंग शुरू की है. वहीं, देश भर के राज्यों से भी बुकिंग शुरू की गई है. देश और विदेश के वे तीर्थ यात्री, जो गया जी किसी कारणवश आने में अक्षम है. ऐसे में ई पिंडदान की व्यवस्था से काफी राहत है. इसके बारे में ज्यादा जानकारी के लिए www.bstdc.bihar.gov.in पर लागिन कर सकते हैं.
ऐसे मोक्ष दिलाने का होगा कार्य : ई पिंडदान के माध्यम से पितरों को मोक्ष दिलाने का काम किया जाएगा. ई पिंडदान के माध्यम से विष्णुपद मंदिर में धार्मिक प्रक्रियाएं पूरी की जाएगी. विष्णुपद मंदिर में विष्णु चरण पर पिंडदान के बाद अक्षयवट, फल्गु नदी समेत अन्य पिंडवेदियों पर कर्मकांड किया जाएगा. इस तरह ऑनलाइन पिंडदान कर पूर्वजों को मोक्ष दिलाने का काम लोग करेंगे.
पेन ड्राइव से वीडियो रिकॉर्डिंग भेजने की व्यवस्था : ई पिंडदान के वीडियो की पूरी रिकॉर्डिंग की व्यवस्था होगी. पिंडदान की प्रक्रिया को रिकॉर्ड करने के बाद उसे पेन ड्राइव के माध्यम से संबंधित पत्ते पर तीर्थ यात्री को भेजा जाएगा. ई पिंडदान गया में पिछले कुछ सालों से शुरू हुआ है. इसका लाभ काफी संख्या में लोग उठा रहे हैं और पितरों को मोक्ष दिलाने का काम कर रहे हैं.
डिजिटल पिंडदान की मांग बढ़ी : गौरतलब हो कि, गया जी मोक्ष नगरी है. यहां की मान्यता है कि गया धाम में पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. यहां पितरों को ई पिंडदान के माध्यम से भी मोक्ष की प्राप्ति कराई जाती है. ऐसे में डिजिटल पिंडदान से भी काफी संख्या में लोग जुड़े हैं. धीरे-धीरे इसे हाईटेक किया गया है. बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम की साइट पर डिजिटल पिंडदान की व्यवस्था के बारे में पूरी जानकारी दी गई है.
एक महीने पहले से तैयारी शुरू : वहीं, पितृपक्ष में ले को लेकर एक महीने पूर्व से ही तैयारी शुरू कर दी गई है. गया के डीएम डॉक्टर त्याग राजन एसएम के द्वारा लगातार पितृ पक्ष मेला क्षेत्र का जायजा लिया जा रहा है. वहीं सरोवरों की साफ सफाई हो रही है, तो पिंड वेदियों के आसपास की समस्याओं को भी दूर किया जा रहा है. जिला प्रशासन पिछले वर्ष की तरह इस बार भी पितृ पक्ष मेल को लेकर जोर जोर से तैयारी में जुटा है और पूरी व्यवस्था कराई जा रही है.
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