मुंबई: महाराष्ट्र पुलिस अकादमी की पुलिस इंस्पेक्टर द्वारका विश्वनाथ डोके ने 50 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की उपलब्धि हासिल की है. वह माउंट एवरेस्ट अभियान पूरा करने वाली राज्य पुलिस बल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं. उन्होंने 50 साल की उम्र में अपने माता-पिता को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ महाराष्ट्र पुलिस बल का झंडा फहराकर यह रिकॉर्ड अपने नाम कर किया है. वह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के अपने सपने को साकार करने के लिए तीन साल से कोशिश कर रही थी. उन्होंने असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी.
54 दिनों में बनाया रिकार्ड: महिला पुलिस अधिकारी द्वारका विश्वनाथ डोके श्रीरामपुर की रहने वाली हैं और 2006 में सीधी भर्ती सेवा से पुलिस उप-निरीक्षक के रूप में पुलिस बल में शामिल हुईं. उनके मन में 2022 से एवरेस्ट अभियान को लेकर उत्सुकता थी, लेकिन परेशानी महसूस होने पर उन्हें एवरेस्ट अभियान छोड़ना पड़ा. डोके ने हार नहीं मानी, उन्होंने 2023 में फिर से अभियान की तैयारी की. डोके ने इंडोरामा ट्रेनिंग, एमपीए में अभियान प्रशिक्षण शुरू किया. फिर 24 मार्च को वह नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुंचीं और लाकपा शेरपा के मार्गदर्शन में अभियान में भाग लिया. आखिरकार, उन्होंने 54 दिनों के अथक प्रयास के बाद एवरेस्ट पर चढ़ने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया.
माता-पिता को श्रद्धांजलि: द्वारका डोके ने कोच पासंग शेरपा से सीख लेकर 30 मार्च से अभियान शुरू किया था. डोके 17 मई, 2024 को एवरेस्ट बेस कैंप से शुरू होकर, 22 मई, 2024 को सुबह 4:10 बजे शिखर पर पहुंच गईं. उन्होंने चोटी पर लगभग 7-8 मिनट बिताए. वहां उन्होंने भारत का राष्ट्रीय ध्वज और महाराष्ट्र पुलिस बल का झंडा थामा, राष्ट्रगान गाया और अपने दिवंगत माता-पिता की तस्वीर लेकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
मजबूत मनोबल ने की मदद: डोके से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि नेपाल में 7000 मीटर ऊंची चोटी पीक पर चढ़ने के बाद उनमें आत्मविश्वास आ गया. 2022 में माउंट एवरेस्ट अभियान को बीच में ही छोड़ दिया गया था, लेकिन दूसरा प्रयास सफल रहा, क्योंकि मनोबल मजबूत था. देश के साथ-साथ महाराष्ट्र पुलिस बल का झंडा एवरेस्ट पर फहराकर उन्हें गर्व महसूस हो रहा है.
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