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बांग्लादेशी घुसपैठ से बदल रही संथाल परगना की डेमोग्राफी, स्पेशल ब्रांच भी कर चुका है आगाह - Infiltration In Jharkhand

Bangladeshi infiltration.झारखंड हाईकोर्ट द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठ से जुड़े मामले में राज्य सरकार को आदेश जारी किए जाने के बाद एक बार फिर झारखंड में घुसपैठ का मामला तूल पकड़ लिया है. मामले में बीजेपी के गोड्डा सांसद ने हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत किया है और संथाल परगना में तेजी से घटती आदिवासियों की जनसंख्या पर चिंता जाहिर की है.

INFILTRATION IN JHARKHAND
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 6, 2024, 6:51 PM IST

Updated : Jul 6, 2024, 7:59 PM IST

रांची/देवघरः झारखंड के संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मामला कई सालों से चर्चा का विषय बना हुआ है. पूर्व में बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर झारखंड पुलिस का स्पेशल ब्रांच भी अलर्ट जारी कर चुका है. इस बीच 3 जुलाई को झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह कार्य योजना तैयार कर संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ पर ब्रेक लगाए. हाई कोर्ट का निर्देश के बाद एक बार फिर से बांग्लादेशी घुसपैठियों का मामला कितना गंभीर है, यह साबित हो गया है.

बांग्लादेशी घुसपैठ पर हाईकोर्ट के आदेश की जानकारी देते अधिवक्ता धीरज कुमार. (वीडियो-ईटीवी भारत)

एक दशक से हो रहा संथाल के रास्ते घुसपैठ

झारखंड के संथाल परगना प्रमंडल के रास्ते बांग्लादेशी घुसपैठ लगभग एक दशक से होता आ रहा है. अब यह समस्या जटिल रूप ले चुकी है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ महज एक संयोग है या एक गहरी साजिश. झारखंड के संथाल परगना के पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा, राजमहल, गोड्डा और दुमका में बड़ी संख्या में अवैध रूप से बांग्लादेशी घुसपैठियों का अलग-अलग माध्यम से आने की सूचनाओं मिलते रहती है.

बांग्लादेशी घुसपैठ पर देवघर में बयान देते गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे. (वीडियो-ईटीवी भारत)

जानकार बताते हैं कि संथाल के दुमका, साहिबगंज, पाकुड़ सहित अन्य जिलों में तेजी से डेमोग्राफी में बदलाव हो रहा है. संथाल परगना के कई जिलों में बांग्लादेशी कौड़ियों के भाव में जमीन खरीद रहे हैं और संथाल परगना टेनेंसी एक्ट का खुले तौर पर उल्लंघन कर रहे हैं. संथाल में इस कानून के तहत जमीन खरीद-बिक्री दूसरे लोग नहीं कर सकते हैं, पर कानूनी तरीके से जमाबंदी जमीन पर बांग्लादेशी आबादी बस रही है.

लगातार जनसंख्या में हो रहा है बदलाव

आंकड़ों की अगर हम बात करें तो साल 2001 की जनगणना में दुमका की जनसंख्या 11 लाख 7 हजार के करीब थी. वहीं वर्ष 2011 में दुमका की जनसंख्या बढ़कर लगभग 14 लाख हो गई. आंकड़े बताते हैं कि संथाल के सभी 6 जिलों में 12 लाख से ज्यादा नई आबादी बस गई है. यहां आंकड़े एक बड़ी साजिश की तरफ इशारा करते हैं. क्योंकि बिना बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश के आबादी इतनी तेजी के साथ बढ़ना नामुमकिन है.

संथाल के पाकुड़ में सबसे अधिक बढ़ी मुस्लिम आबादी

संथाल में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी पाकुड़ में बढ़ी है. पाकुड़ में मुस्लिम आबादी में करीब 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. वहीं साहिबगंज में मुस्लिम आबादी में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है बांग्लादेशी घुसपैठ को माना जा रहा है.

जमीन दलालों की बड़ी भूमिका

संथाल परगना के 6 जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने में वहां के जमीन दलालों की सबसे बड़ी भूमिका है. गिफ्ट डीड के जरिए जमीन दलाल बांग्लादेशियों को बसा रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि झारखंड गठन के बाद संथाल परगना में जमाबंदी की गई जमीन खरीदने वालों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से इजाफा हुआ है.

नकली बर्थ सर्टिफिकेट बनाकर रह रहे बांग्लादेशी

13 दिसंबर 2023 को भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने एक दस्तावेज जारी किया था, जिसमें यह बताया गया था कि 120 से ज्यादा नकली वेबसाइट के जरिए नकली बर्थ सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं. पत्र के जरिए झारखंड को लेकर विशेष रूप से आगाह किया गया था.

झारखंड पुलिस के स्पेशल ब्रांच ने भी लिखा था सभी जिलों के डीसी और एसपी को पत्र

2 जून 2023 को झारखंड पुलिस के स्पेशल ब्रांच ने सभी जिलों के पुलिस कप्तान और डीसी को एक पत्र लिखा था. पत्रांक संख्या 211/23 के माध्यम से स्पेशल ब्रांच ने लिखा था कि झारखंड राज्य अंतर्गत संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश करने की सूचना है. स्पेशल ब्रांच को मिली जानकारी के अनुसार बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहले विभिन्न मदरसों में ठहराया जाता है. उसके बाद उनका सरकारी दस्तावेज तैयार किया जाता है और फिर उनका नाम मतदान मतदाता सूची में शामिल कर लिया जाता है. मतदाता सूची में शामिल होने के बाद साजिश के तहत उन्हें वहां बसा दिया जाता है.

स्पेशल ब्रांच के द्वारा संथाल परगना क्षेत्र के साथ-साथ झारखंड राज्य के अन्य जिलों में भी ऐसे घुसपैठियों के प्रवेश करने की संभावना जताई गई थी. ऐसे में स्पेशल ब्रांच के द्वारा सभी जिलों के एसपी और डीसी को यह निर्देश दिया था कि वह इस विषय के संबंध में अपने-अपने जिलों में घुसपैठियों पर नजर रखें और उनकी जांच करवाएं.

भाजपा लगातार उठा रही सवाल

संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर लगातार राजनीति भी गरम रहती है. 30 जून को हूल दिवस के दिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आदिवासियों की तेजी से घटती जनसंख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए यह कहा था कि 1951 की जनगणना से लेकर 2011 की जनगणना के बीच अगर आदिवासी आबादी का विश्लेषण करें तो भयावह सच उजागर होते हैं .1951 में आदिवासियों की आबादी 44 प्रतिशत थी, जो 2016 में घटकर 28 प्रतिशत हो गई है, जबकि मुस्लिम आबादी इस बीच 10 प्रतिशत से बढ़कर 22 प्रतिशत हो गई है.

हाईकोर्ट के आदेश पर नजर

इन सब के बीच 3 जुलाई को झारखंड हाई कोर्ट का निर्देश भी काफी अहम हो गया है. झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ में बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर सुनवाई हुई थी. सुनवाई के बाद राज्य सरकार को यह निर्देश दिया गया है कि संथाल परगना क्षेत्र के सभी डीसी को यह निर्देश दें कि आपसी सामंजस्य से बांग्लादेश की तरफ से आने वाले घुसपैठियों को चिन्हित कर उन्हें वापस भेजने के लिए एक कार्य योजना तैयार कर उस पर काम करें. इस मामले में हाईकोर्ट में राज्य सरकार से शपथ पत्र के माध्यम से दो सप्ताह के भीतर एक स्टेटस रिपोर्ट भी दायर करने को कहा है.

कार्रवाई सिर्फ पुलिस के बस की बात नही

जानकार बताते हैं कि संथाल परगना के 6 जिलों में जिन परिस्थितियों में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाया गया है, उसे रोक पाना केवल पुलिस विभाग के बस की बात नहीं है. इसके लिए सरकार के सभी महकमों को एक साथ मिलकर काम करना होगा. इसके बावजूद भी अगर बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान हो जाती है तो एक बड़ी सफलता होगी.

संथाल परगना में तेजी से घट रही आदिवासियों की जनसंख्याः निशिकांत

उधर, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने देवघर में बांग्लादेशी घुसपैठ पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि संथाल परगना में दिन-प्रतिदिन आदिवासियों की संख्या घटती जा रही है. आदिवासी बहनों से शादी कर मुसलमान अपने नाम से संथाल परगना में जमीन कब्जा कर रहे हैं. उन्होंने राज्य सरकार और हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि हेमंत सोरेन सिर्फ आदिवासियों के हित की ढोंग करते हैं, जबकि उन्हें आदिवासियों की कोई चिंता नहीं है.

राज्य में भाजपा सरकार बनी तो बनाई जाएगी नियमावली

संथाल परगना में पिछले कुछ वर्षों से आदिवासियों की 10 प्रतिशत आबादी घट गई है. इसके लिए मैंने कई बार संसद में भी आवाज उठाई है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से बांग्लादेश से घुसपैठी आकर संथाल परगना में जमीन कब्जा कर रहे हैं, वो अब यह होने नहीं देंगे. यदि राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो इसको लेकर नियमावली भी बनाई जाएगी.

कांग्रेस पर लगाया वर्षों से डिस्क्रिमनेशन करने का आरोप

सांसद ने कहा कि गोड्डा लोकसभा की वैसे क्षेत्र में नमो भवन बनाए जाएंगे, जहां पर मुसलमान के द्वारा हिंदुओं को प्रताड़ित किया जाता है. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना चाहते हुए कहा कि यदि मुसलमानों के लिए कांग्रेस सरकार में माइनोरिटी अफेयर मिनिस्टरी का गठन किया जाता है तो वह डिस्क्रिमनेशन नहीं है, लेकिन यदि मैं हिंदुओं के लिए बेहतर सुविधा देने का बात करता हूं तो उसे डिस्क्रिमिनेशन माना जाता है. उन्होंने कहा कि डिस्क्रिमनेशन का काम कांग्रेस वर्षों से करती आ रही है. यह भारतीय जनता पार्टी का काम नहीं है.

उन्होंने कहा कि जिन बूथों पर हिंदू और मुसलमान रहते हैं और वहां पर मुसलमानों द्वारा हिंदुओं को प्रताड़ित किया जाता है. उसके बावजूद हिंदू समाज बीजेपी को वोट देता है. उन्होंने कहा कि वैसे बूथों को चिन्हित कर वो वहां पर विवाह भवन का निर्माण काराएंगे और अन्य सुविधा मुहैया कराएंगे. बताते चलें कि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पहली बार सांसद निशिकांत दुबे शनिवार को देवघर में बाबा बैद्यानथ की पूजा करने पहुंचे थे. पूजा करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की.

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बांग्लादेशी घुसपैठ पर हाईकोर्ट के आदेश की जानकारी देते अधिवक्ता धीरज कुमार. (वीडियो-ईटीवी भारत)

एक दशक से हो रहा संथाल के रास्ते घुसपैठ

झारखंड के संथाल परगना प्रमंडल के रास्ते बांग्लादेशी घुसपैठ लगभग एक दशक से होता आ रहा है. अब यह समस्या जटिल रूप ले चुकी है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ महज एक संयोग है या एक गहरी साजिश. झारखंड के संथाल परगना के पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा, राजमहल, गोड्डा और दुमका में बड़ी संख्या में अवैध रूप से बांग्लादेशी घुसपैठियों का अलग-अलग माध्यम से आने की सूचनाओं मिलते रहती है.

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जानकार बताते हैं कि संथाल के दुमका, साहिबगंज, पाकुड़ सहित अन्य जिलों में तेजी से डेमोग्राफी में बदलाव हो रहा है. संथाल परगना के कई जिलों में बांग्लादेशी कौड़ियों के भाव में जमीन खरीद रहे हैं और संथाल परगना टेनेंसी एक्ट का खुले तौर पर उल्लंघन कर रहे हैं. संथाल में इस कानून के तहत जमीन खरीद-बिक्री दूसरे लोग नहीं कर सकते हैं, पर कानूनी तरीके से जमाबंदी जमीन पर बांग्लादेशी आबादी बस रही है.

लगातार जनसंख्या में हो रहा है बदलाव

आंकड़ों की अगर हम बात करें तो साल 2001 की जनगणना में दुमका की जनसंख्या 11 लाख 7 हजार के करीब थी. वहीं वर्ष 2011 में दुमका की जनसंख्या बढ़कर लगभग 14 लाख हो गई. आंकड़े बताते हैं कि संथाल के सभी 6 जिलों में 12 लाख से ज्यादा नई आबादी बस गई है. यहां आंकड़े एक बड़ी साजिश की तरफ इशारा करते हैं. क्योंकि बिना बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश के आबादी इतनी तेजी के साथ बढ़ना नामुमकिन है.

संथाल के पाकुड़ में सबसे अधिक बढ़ी मुस्लिम आबादी

संथाल में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी पाकुड़ में बढ़ी है. पाकुड़ में मुस्लिम आबादी में करीब 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. वहीं साहिबगंज में मुस्लिम आबादी में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है बांग्लादेशी घुसपैठ को माना जा रहा है.

जमीन दलालों की बड़ी भूमिका

संथाल परगना के 6 जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने में वहां के जमीन दलालों की सबसे बड़ी भूमिका है. गिफ्ट डीड के जरिए जमीन दलाल बांग्लादेशियों को बसा रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि झारखंड गठन के बाद संथाल परगना में जमाबंदी की गई जमीन खरीदने वालों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से इजाफा हुआ है.

नकली बर्थ सर्टिफिकेट बनाकर रह रहे बांग्लादेशी

13 दिसंबर 2023 को भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने एक दस्तावेज जारी किया था, जिसमें यह बताया गया था कि 120 से ज्यादा नकली वेबसाइट के जरिए नकली बर्थ सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं. पत्र के जरिए झारखंड को लेकर विशेष रूप से आगाह किया गया था.

झारखंड पुलिस के स्पेशल ब्रांच ने भी लिखा था सभी जिलों के डीसी और एसपी को पत्र

2 जून 2023 को झारखंड पुलिस के स्पेशल ब्रांच ने सभी जिलों के पुलिस कप्तान और डीसी को एक पत्र लिखा था. पत्रांक संख्या 211/23 के माध्यम से स्पेशल ब्रांच ने लिखा था कि झारखंड राज्य अंतर्गत संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश करने की सूचना है. स्पेशल ब्रांच को मिली जानकारी के अनुसार बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहले विभिन्न मदरसों में ठहराया जाता है. उसके बाद उनका सरकारी दस्तावेज तैयार किया जाता है और फिर उनका नाम मतदान मतदाता सूची में शामिल कर लिया जाता है. मतदाता सूची में शामिल होने के बाद साजिश के तहत उन्हें वहां बसा दिया जाता है.

स्पेशल ब्रांच के द्वारा संथाल परगना क्षेत्र के साथ-साथ झारखंड राज्य के अन्य जिलों में भी ऐसे घुसपैठियों के प्रवेश करने की संभावना जताई गई थी. ऐसे में स्पेशल ब्रांच के द्वारा सभी जिलों के एसपी और डीसी को यह निर्देश दिया था कि वह इस विषय के संबंध में अपने-अपने जिलों में घुसपैठियों पर नजर रखें और उनकी जांच करवाएं.

भाजपा लगातार उठा रही सवाल

संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर लगातार राजनीति भी गरम रहती है. 30 जून को हूल दिवस के दिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आदिवासियों की तेजी से घटती जनसंख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए यह कहा था कि 1951 की जनगणना से लेकर 2011 की जनगणना के बीच अगर आदिवासी आबादी का विश्लेषण करें तो भयावह सच उजागर होते हैं .1951 में आदिवासियों की आबादी 44 प्रतिशत थी, जो 2016 में घटकर 28 प्रतिशत हो गई है, जबकि मुस्लिम आबादी इस बीच 10 प्रतिशत से बढ़कर 22 प्रतिशत हो गई है.

हाईकोर्ट के आदेश पर नजर

इन सब के बीच 3 जुलाई को झारखंड हाई कोर्ट का निर्देश भी काफी अहम हो गया है. झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ में बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर सुनवाई हुई थी. सुनवाई के बाद राज्य सरकार को यह निर्देश दिया गया है कि संथाल परगना क्षेत्र के सभी डीसी को यह निर्देश दें कि आपसी सामंजस्य से बांग्लादेश की तरफ से आने वाले घुसपैठियों को चिन्हित कर उन्हें वापस भेजने के लिए एक कार्य योजना तैयार कर उस पर काम करें. इस मामले में हाईकोर्ट में राज्य सरकार से शपथ पत्र के माध्यम से दो सप्ताह के भीतर एक स्टेटस रिपोर्ट भी दायर करने को कहा है.

कार्रवाई सिर्फ पुलिस के बस की बात नही

जानकार बताते हैं कि संथाल परगना के 6 जिलों में जिन परिस्थितियों में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाया गया है, उसे रोक पाना केवल पुलिस विभाग के बस की बात नहीं है. इसके लिए सरकार के सभी महकमों को एक साथ मिलकर काम करना होगा. इसके बावजूद भी अगर बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान हो जाती है तो एक बड़ी सफलता होगी.

संथाल परगना में तेजी से घट रही आदिवासियों की जनसंख्याः निशिकांत

उधर, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने देवघर में बांग्लादेशी घुसपैठ पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि संथाल परगना में दिन-प्रतिदिन आदिवासियों की संख्या घटती जा रही है. आदिवासी बहनों से शादी कर मुसलमान अपने नाम से संथाल परगना में जमीन कब्जा कर रहे हैं. उन्होंने राज्य सरकार और हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि हेमंत सोरेन सिर्फ आदिवासियों के हित की ढोंग करते हैं, जबकि उन्हें आदिवासियों की कोई चिंता नहीं है.

राज्य में भाजपा सरकार बनी तो बनाई जाएगी नियमावली

संथाल परगना में पिछले कुछ वर्षों से आदिवासियों की 10 प्रतिशत आबादी घट गई है. इसके लिए मैंने कई बार संसद में भी आवाज उठाई है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से बांग्लादेश से घुसपैठी आकर संथाल परगना में जमीन कब्जा कर रहे हैं, वो अब यह होने नहीं देंगे. यदि राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो इसको लेकर नियमावली भी बनाई जाएगी.

कांग्रेस पर लगाया वर्षों से डिस्क्रिमनेशन करने का आरोप

सांसद ने कहा कि गोड्डा लोकसभा की वैसे क्षेत्र में नमो भवन बनाए जाएंगे, जहां पर मुसलमान के द्वारा हिंदुओं को प्रताड़ित किया जाता है. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना चाहते हुए कहा कि यदि मुसलमानों के लिए कांग्रेस सरकार में माइनोरिटी अफेयर मिनिस्टरी का गठन किया जाता है तो वह डिस्क्रिमनेशन नहीं है, लेकिन यदि मैं हिंदुओं के लिए बेहतर सुविधा देने का बात करता हूं तो उसे डिस्क्रिमिनेशन माना जाता है. उन्होंने कहा कि डिस्क्रिमनेशन का काम कांग्रेस वर्षों से करती आ रही है. यह भारतीय जनता पार्टी का काम नहीं है.

उन्होंने कहा कि जिन बूथों पर हिंदू और मुसलमान रहते हैं और वहां पर मुसलमानों द्वारा हिंदुओं को प्रताड़ित किया जाता है. उसके बावजूद हिंदू समाज बीजेपी को वोट देता है. उन्होंने कहा कि वैसे बूथों को चिन्हित कर वो वहां पर विवाह भवन का निर्माण काराएंगे और अन्य सुविधा मुहैया कराएंगे. बताते चलें कि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पहली बार सांसद निशिकांत दुबे शनिवार को देवघर में बाबा बैद्यानथ की पूजा करने पहुंचे थे. पूजा करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की.

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Last Updated : Jul 6, 2024, 7:59 PM IST
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