मुंबई: नागपुर की एक अदालत ने सोमवार को DRDO के वैज्ञानिक और पूर्व ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंजीनियर निशांत अग्रवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जिन्हें अक्टूबर 2018 में पाकिस्तान की आईएसआई से जुड़ी जासूसी गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया था. आरोप था कि निशांत ने पाकिस्तानी एजेंटों के हनीट्रैप में फंसने के बाद ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में जानकारी मुहैया कराई थी. उसके बाद निशांत अग्रवाल पर नागपुर के विशेष सत्र न्यायालय में मुकदमा चला.
आरोपी निशांत अग्रवाल को शासकीय गोपनीयता अधिनियम की धारा 3 और 5 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. यूपी और महाराष्ट्र एटीएस ने 8 अक्टूबर 2018 को संयुक्त रूप से नागपुर के उज्ज्वल नगर इलाके में किराए पर रह रहे निशांत अग्रवाल के घर पर छापा मारकर निशांत को गिरफ्तार किया था. इसके बाद निशांत अग्रवाल पर सरकारी गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगा.
निशांत अग्रवाल ब्रह्मोस मिसाइल के उत्पादन से जुड़ी कंपनी ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड के नागपुर स्थित कार्यालय में वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत थे. उन्होंने कार्यालय के कंप्यूटर की अत्यंत गोपनीय जानकारी अपने घर के कंप्यूटर में संग्रहीत की थी. एटीएस को संदेह था कि उन्होंने वह जानकारी दुश्मन को दी है. इस मामले में निशांत अग्रवाल को दोषी पाया गया है और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
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