चमोली: 12 मई रविवार को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे. कपाट खोलने से पहले बदरीनाथ मंदिर को करीब 15 कुंतल फूलों से सजाया गया. 12 मई को सुबह 6 बजे पूरे विधि-विधान और पूजा-पाठ के बाद बदरीनाथ मंदिर के बाद श्रद्धालु के लिए खोल दिए जाएंगे.
बदरी-केदार मंदिर समिति और प्रशासन ने बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की सभी तैयारियों पूरी कर ली है. धाम में आर्मी के बैंड के धुन भी गूंजने लगी है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंच रहे है. बदरीनाथ धाम में धीरे-धीरे श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है. धाम में आम श्रद्धालु को किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए प्रशासन ने सभी इंतजाम किए हुए है.
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रकिया: 12 मई को सुबह पांच बजे सबसे पहले रावल धर्माधिकारी वेदपाठि मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे. इसके बाद ही बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रकिया शुरू होगी. सुबह 6 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे. कपाट खुलने के बाद सबसे पहले माता लक्ष्मी गर्भ गृह से निकलकर मंदिर की परिक्रमा करेंगी और अपने मंदिर में विराजमान होगी.
इसके बाद कुबेर जी बामणी गांव से आकर मंदिर परिसर से उद्धव के साथ बदरी विशाल मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे. 6 बजे भगवान की चतुर्भुज मूर्ति में घृत कंबल को अलग कर अभिषेक किया जाएगा. उसके बाद भगवान बदरीविशाल के सिंगार दर्शन होंगे. उद्धव, कुबेर, नारद और नर नारायण के दर्शन फिर शुरू हो जाएंगे. बदरीनाथ धाम मंदिर परिक्रमा स्थित गणेश, घटाकर्ण, आदि केदारेश्वर और आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर व माता मूर्ति मंदिर, तपोवन सुभाई ( जोशीमठ ) स्थित भविष्य बदरी मंदिर के कपाट भी इस यात्रा हेतु दर्शनार्थ खुल जाएंगे.
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