ETV Bharat / bharat

क्या नाना की प्रॉपर्टी में भी आपको मिल सकती है हिस्सेदारी? जानिए क्या है कानून - MATERNAL GRANDPARENT PROPERTY

अगर आप अपने नाना की संपत्ति में अपने अधिकार को लेकर परेशान तो आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.

क्या नाना की प्रॉपर्टी में भी आपको मिल सकती है हिस्सेदारी?
क्या नाना की प्रॉपर्टी में भी आपको मिल सकती है हिस्सेदारी? (सांकेतिक तस्वीर)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 9, 2024, 7:44 PM IST

नई दिल्ली: प्रॉपर्टी से जुड़े अधिकारों पर पर्सनल लॉ और परंपराओं का काफी ज्यादा असर देखने को मिलता है. इसके चलते कई लोग संपत्ति पर अपने अधिकार को लेकर परेशान रहते हैं. खासकर नाना की प्रॉपर्टी को लेकर. लोगों के मन में अक्सर सवाल रहता है कि क्या वे अपने नाना की संपत्ति में दावा कर सकते हैं.

बता दें कि इस सवाल का जवाब कई बातों पर निर्भर करता जैसे कि प्रॉपर्टी किस तरह की है और संपत्ति का स्ट्रक्चर क्या है और उस पर कौन-कौन से पर्सनल लॉ लागू होते हैं. ऐसे में अगर आप भी अपने नाना की संपत्ति में अपने अधिकार को लेकर परेशान हैं तो आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.

कितनी तरह की होती प्रॉपर्टी?
सबसे पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि प्रॉपर्टी दो तरह की होती है. पहली एनसेस्टरल प्रॉपर्टी और दूसरी सेल्फ-एक्वायर्ड प्रॉपर्टी. गौरतलब है कि इनहेरिटेंस लॉ में दोनों तरह की प्रॉपर्टी के लिए अलग-अलग रूल्स हैं.

एनसेस्टरल प्रॉपर्टी
एनसेस्टरल प्रॉपर्टी वह संपत्ती होती है, जो बंटवारे के बगैर चार पीढ़ियों से मेल लाइनेज में ट्रांसफर हो रही है. इसे पुश्तैनी संपत्ति भी कहा जाता है.

सेल्फ-एक्वायर्ड प्रॉपर्टी
अगर कोई शख्स अपनी कमाई से कोई प्रॉपर्टी खरीदता है या उसे गिफ्ट के रूप में या फिर किसी दूसरे तरह से प्राप्त होती है तो उसे सेल्फ-एक्वायर्ड प्रॉपर्टी कहते हैं.

हिंदू सक्सेशन एक्ट के तहत क्या हैं अधिकार?
अगर आप हिंदू सक्सेशन एक्ट 1956 के तहत आते हैं तो आप अपने नाना की प्रॉपर्टी पर दावा कर सकते हैं, लेकिन यह दावा इस बात पर निर्भर करता है कि प्रॉपर्टी एनसेस्टरल है या सेल्फ-एक्वायर्ड.

नाना की सेल्फ-एक्वायर्ड प्रॉपर्टी पर पूरा हक
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक आप अपने नाना की जिस संपत्ति पर दावा कर रहे हैं, अगर प्रॉपर्टी सेल्फ-एक्वायर्ड है तो इस पर आपका हक बनता है.वह इस संपत्ति या इसका किसी भी हिस्सा को जिस शख्स को चाहें वसीयत में दे सकते हैं. वहीं, अगर वसीयत बनाए बगैर आपके नाना का देहांत हो जाए तो प्रॉपर्टी हिंदू सक्सेशन एक्ट के मुताबिक कानूनी उत्तराधिकारियों के बीच बांट जाएगी.

नाना की संपत्ति में कौन-कौन होता है कानूनी उत्तराधिकारी
अगर वसीयत किए आपके नाना का निधन हो जाता है तो उनकी संपत्ति उनके बच्चों यानी आपकी मां और उनके भाई-बहन और आपकी नानी को मिलेगी और अगर इनमें से कोई मौजूद नहीं है तो फिर उनकी प्रॉपर्टी उनके नाती-पोतों को मिलेगी.

नाना की एनसेस्टरल प्रॉपर्टी किसकी होगी?
अगर आपके नाना की प्रॉपर्टी पुश्तैनी है तो इसके मालिकाना हक का ट्रांसफर सर्वाइवरशिप राइट्स के तहत होगा. हिंदू लॉ के तहत इस संपत्ति पर उनके नाती-पोतों का दावा हो सकता है.अगर आपकी मां को आपके नाना से संपत्ति विरासत में मिली हो तो आपकी मां इस प्रॉपर्टी का मालिकाना हक आपको ट्रांसफर कर सकती है. अगर आपक नाम वसीयत में शामिल है तो उस प्रॉपर्टी पर आपका भी हक होगा.

यह भी पढ़ें- कैसे बुक करें तत्काल टिकट और क्या है बुकिंग करने का सही समय? जानें

नई दिल्ली: प्रॉपर्टी से जुड़े अधिकारों पर पर्सनल लॉ और परंपराओं का काफी ज्यादा असर देखने को मिलता है. इसके चलते कई लोग संपत्ति पर अपने अधिकार को लेकर परेशान रहते हैं. खासकर नाना की प्रॉपर्टी को लेकर. लोगों के मन में अक्सर सवाल रहता है कि क्या वे अपने नाना की संपत्ति में दावा कर सकते हैं.

बता दें कि इस सवाल का जवाब कई बातों पर निर्भर करता जैसे कि प्रॉपर्टी किस तरह की है और संपत्ति का स्ट्रक्चर क्या है और उस पर कौन-कौन से पर्सनल लॉ लागू होते हैं. ऐसे में अगर आप भी अपने नाना की संपत्ति में अपने अधिकार को लेकर परेशान हैं तो आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.

कितनी तरह की होती प्रॉपर्टी?
सबसे पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि प्रॉपर्टी दो तरह की होती है. पहली एनसेस्टरल प्रॉपर्टी और दूसरी सेल्फ-एक्वायर्ड प्रॉपर्टी. गौरतलब है कि इनहेरिटेंस लॉ में दोनों तरह की प्रॉपर्टी के लिए अलग-अलग रूल्स हैं.

एनसेस्टरल प्रॉपर्टी
एनसेस्टरल प्रॉपर्टी वह संपत्ती होती है, जो बंटवारे के बगैर चार पीढ़ियों से मेल लाइनेज में ट्रांसफर हो रही है. इसे पुश्तैनी संपत्ति भी कहा जाता है.

सेल्फ-एक्वायर्ड प्रॉपर्टी
अगर कोई शख्स अपनी कमाई से कोई प्रॉपर्टी खरीदता है या उसे गिफ्ट के रूप में या फिर किसी दूसरे तरह से प्राप्त होती है तो उसे सेल्फ-एक्वायर्ड प्रॉपर्टी कहते हैं.

हिंदू सक्सेशन एक्ट के तहत क्या हैं अधिकार?
अगर आप हिंदू सक्सेशन एक्ट 1956 के तहत आते हैं तो आप अपने नाना की प्रॉपर्टी पर दावा कर सकते हैं, लेकिन यह दावा इस बात पर निर्भर करता है कि प्रॉपर्टी एनसेस्टरल है या सेल्फ-एक्वायर्ड.

नाना की सेल्फ-एक्वायर्ड प्रॉपर्टी पर पूरा हक
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक आप अपने नाना की जिस संपत्ति पर दावा कर रहे हैं, अगर प्रॉपर्टी सेल्फ-एक्वायर्ड है तो इस पर आपका हक बनता है.वह इस संपत्ति या इसका किसी भी हिस्सा को जिस शख्स को चाहें वसीयत में दे सकते हैं. वहीं, अगर वसीयत बनाए बगैर आपके नाना का देहांत हो जाए तो प्रॉपर्टी हिंदू सक्सेशन एक्ट के मुताबिक कानूनी उत्तराधिकारियों के बीच बांट जाएगी.

नाना की संपत्ति में कौन-कौन होता है कानूनी उत्तराधिकारी
अगर वसीयत किए आपके नाना का निधन हो जाता है तो उनकी संपत्ति उनके बच्चों यानी आपकी मां और उनके भाई-बहन और आपकी नानी को मिलेगी और अगर इनमें से कोई मौजूद नहीं है तो फिर उनकी प्रॉपर्टी उनके नाती-पोतों को मिलेगी.

नाना की एनसेस्टरल प्रॉपर्टी किसकी होगी?
अगर आपके नाना की प्रॉपर्टी पुश्तैनी है तो इसके मालिकाना हक का ट्रांसफर सर्वाइवरशिप राइट्स के तहत होगा. हिंदू लॉ के तहत इस संपत्ति पर उनके नाती-पोतों का दावा हो सकता है.अगर आपकी मां को आपके नाना से संपत्ति विरासत में मिली हो तो आपकी मां इस प्रॉपर्टी का मालिकाना हक आपको ट्रांसफर कर सकती है. अगर आपक नाम वसीयत में शामिल है तो उस प्रॉपर्टी पर आपका भी हक होगा.

यह भी पढ़ें- कैसे बुक करें तत्काल टिकट और क्या है बुकिंग करने का सही समय? जानें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.