रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके है. इंडिया गठबंधन झारखंड में फिर से सरकार बनाने के लिए बहुमत प्राप्त कर चुकी है. झामुमो इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. वहीं बीजेपी जहां इस बार सरकार बनाने का दावा कर रही थी, उसे पिछली बार से भी कम सीटें मिली हैं. झारखंड के चुनाव में हार-जीत तय करने में यहां के अलग-अलग क्षेत्रों की अपनी भूमिका होती है. झारखंड राज्य अलग-अलग पांच प्रमंडलों में विभाजित है. किसी प्रमंडल में झामुमो और कांग्रेस को पिछले चुनाव से ज्यादा बढ़त मिली है, तो कुछ प्रमंडल ऐसे भी हैं जहां उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है.
झारखंड विधानसभा चुनाव का प्रमंडलवार परिणाम
संथाल परगना
संथाल परगना को झामुमो का गढ़ माना जाता है. पिछले चुनाव में क्षेत्र की 18 विधानसभा सीटों में अधिकांश पर झामुमो और कांग्रेस का दबदबा रहा था. इन 18 सीटों में से 2019 के चुनाव में झामुमो और कांग्रेस ने 13 सीटें जीती थी, वहीं बाद में झाविमो के प्रदीप यादव कांग्रेस में शामिल हो गए. इस तरह से इनका संथाल की 14 सीटों पर कब्जा था. इस तरह से झामुमो ने संथाल की कुल 9 सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं कांग्रेस के खातों में 5 सीटें आईं. वहीं बीजेपी चार सीटों पर जीत कर पाई थी. इस बार के चुनाव नतीजे कुछ बदले हुए जरूर नजर आए.
भाजपा को इस बार पिछली बार से ज्यादा नुकसान हुआ है. पिछली बार जहां बीजेपी ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी, वहीं इस बार उसने मात्र एक सीट पर जीत दर्ज की है. वहीं झामुमो ने पिछली बार से दो सीट ज्यादा 11 सीटों पर जीत दर्ज की है. इसके अलावा कांग्रेस ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की. इस बार राजद ने संथाल में सबको चौंकाया और कुल दो सीटों पर जीत दर्ज की है.
इन रिजल्ट को देख कर ऐसा जरूर लग रहा है कि भाजपा ने संथाल परगना में डेमोग्राफी चेंज और बांग्लादेशी घुसपैठ का जो मुद्दा उठाया था, वह लोगों को पंसद नहीं आया. वहीं झामुमो-कांग्रेस की सरकार को लोगों ने पंसद किया.
कोल्हान प्रमंडल
बीजेपी ने इस चुनाव में कोल्हान में सबसे ज्यादा फोकस किया था. इसका कारण यह भी था कि 2019 के चुनाव में बीजेपी कोल्हान की 14 विधानसभा सीटों में से एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई थी. जिसके बाद बीजेपी ने इस क्षेत्र में कड़ी मेहनत के साथ काम करना शुरू किया. पिछली बार जहां बीजेपी के एक भी सीट नहीं थे. वहीं इस बार बीजेपी ने 2 सीटें जीतीं. वहीं बीजेपी के साथी जदयू को एक सीट पर जीत मिली. झामुमो को इस क्षेत्र से ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ा. झामुमो ने 14 में से 10 सीटें जीतीं. वहीं कांग्रेस के खाते में एक सीटें गईं. इस चुनाव में कांग्रेस और झामुमो को कोल्हान में एक-एक सीट का नुकसान हुआ है. पिछले चुनाव में झामुमो ने 11 सीटें जीती थी.
उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल
भाजपा के लिए उत्तरी छोटानगपुर सबसे सुरक्षित माना जाता है. पिछले चुनाव में जब भाजपा ने कुल 25 सीटें जीती थी, उनमें 12 सीटें उत्तरी छोटानागपुर में ही मिली थी. वहीं कांग्रेस को 05 सीटें, झामुमो को 04 सीटें, राजद को 01, भाकपा माले को 01, आजसू को 01 और निर्दलीय को 01 सीट मिली थी.
इस चुनाव में एनडीए को सबसे ज्यादा सीटें फिर से इसी क्षेत्र में मिले हैं. भाजपा ने इस क्षेत्र की 25 सीटों में से 12 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं एनडीए में भाजपा के साथी आजसू को एक सीट और लोजपा आर को एक सीट मिली हैं. इस तरह एनडीए को इस बार छोटानागपुर की 25 सीटों में से 14 सीटें मिली हैं.
दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल
दक्षिणी छोटानागपुर में पांच जिले आते हैं. रांची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा और खूंटी. इन पांच जिलों में 15 विधानसभा सीटें हैं. बीजेपी ने पिछली बार पांच सीटे जीती थी. वहीं आजसू ने एक, झामुमो ने 4 सीटें जीती थी. वहीं कांग्रेस के खाते में 4 सीटें आई थी. लेकिन बाद में मांडर उपचुनाव में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. इस प्रकार कांग्रेस के खाते में कुल 5 सीटें आई.
लेकिन इस बारे के चुनाव में बीजेपी ने मात्र 2 सीटें जीतीं. वहीं कांग्रेस को 6 औऱ झामुमो को 7 सीटे मिलीं. इस प्रकार से झामुमो के लिए दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल लकी साबित हुआ है. इस बार झामुमो औऱ कांग्रेस ने 15 सीटों में कुल 13 सीटों पर जीत दर्ज की है.
पलामू प्रमंडल
पलामू प्रमंडल को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने इस क्षेत्र की 9 विधानसभा सीटों में से 5 सीटें जीती थी. वहीं कांग्रेस ने एक और झामुमो ने 2 सीटें जीती थी, वहीं एक सीट पर एनसीपी के उम्मीदवार की जीत हुई थी.
वहीं इस बार की बात करें तो बीजेपी को उसी के गढ़ में बड़ा झटका लगा है. बीजेपी इस बार मात्र 4 सीटें ही जीतने में सफल हुई है. वहीं कांग्रेस दो, झामुमो एक और राजद दो सीटों पर जीतने पर सफल हुई है. इस तरह एनडीए को जहां पलामू में 4 सीटें मिली हैं. वहीं इंडिया गठबंधन को 5 सीटें मिली हैं.
झारखंड के सभी प्रमंडलों की तुलना करें तो बीजेपी को इस बार पिछली चुनाव की अपेक्षा कोल्हान और उत्तरी छोटानागपुर में कुछ सीटों का फायदा जरूर हुआ है. लेकिन उससे ज्यादा उसे बाकी प्रमंडलों में नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं झामुमो राज्य में बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. कांग्रेस का प्रदर्शन पिछली चुनाव के जैसा ही है. वहीं सबसे ज्यादा फायदा किसी को हुआ है तो वह है राजद. पिछले चुनाव में राजद जहां सिर्फ एक सीट पर जीतने में सफल रहा था, वहीं इस बार राजद के तीन प्रत्याशियों की जीत हुई है.
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